अभिव्यक्ति को वतन में, खतरनाक लिखेगी !
अवसाद में निराश कलम , ज्ञान लिखेगी ?
मन भाव ही कह न सकी, चार्वाक लिखेगी ?
बस्ती को उजड़ते हुए देखा है , मगर वो
तकलीफ ए क़ौम को भी इत्तिफ़ाक़ लिखेगी !
किसने दिया था दर्द, वह बतला न सकेगी !
दरबार के खिलाफ ,क्यों बेबाक लिखेगी ?
सुलतान की जय से ही, वो धनवान बनेगी !
एतराज ए हुक्मरान को , नापाक लिखेगी !
तकलीफ ए क़ौम को भी इत्तिफ़ाक़ लिखेगी !
किसने दिया था दर्द, वह बतला न सकेगी !
दरबार के खिलाफ ,क्यों बेबाक लिखेगी ?
सुलतान की जय से ही, वो धनवान बनेगी !
एतराज ए हुक्मरान को , नापाक लिखेगी !
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह! जादू है इस लेखनी में!
Deleteआप लगातार इसी तरह निर्बाध लिखते रहें। लाजवाब लिखते हैं।
ReplyDeleteकल का भी मिटायेगा कल भी मिटाने के लिये आयेगा
आज लिखे या कल लिखे सोच कर गर इतिहास लिखेगी।
सुलतान की जय से ही, वो धनवान बनेगी !
ReplyDeleteमालिक की जो रज़ा हो वही बात लिखेगी !
आदरणीय सतीश जी , बेबाक अभिव्यक्ति शायद इसी को कहते हैं | लाजवाब , शानदार , जिंदाबाद | हर कलम आखिर बिकाऊ तो नहीं होती | कोई तो है जो सच लिखने की हिम्मत रखता है | जय हिन्द !
वाह! जादू है आपकी लेखनी में!
ReplyDeleteवाह! जादू है आपकी लेखनी में!
ReplyDeleteबहुत उम्दा.
ReplyDeleteआदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२ हेतु नामित की गयी है। )
ReplyDelete'बुधवार' ०८ अप्रैल २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/04/blog-post_8.html
https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
आभार आपका
Deleteकलम के सिपाही से बेहतर ये बात कौन जन सकता है ...
ReplyDeleteअच्छी रचना है ...
आदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२ हेतु नामित की गयी है। )
ReplyDelete'बुधवार' ०८ अप्रैल २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/04/blog-post_8.html
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टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
सने किया बरवाद , वे बाहर के नहीं थे !
ReplyDeleteतकलीफ ए क़ौम को भी इत्तिफ़ाक़ लिखेगी !
वाह!!!!
बहुत ही लाजवाब...
उत्कृष्ट सृजन।
बिना किसी दबाव के या बिना किसी से प्रभावित लेखनी बहुत कम देखने को मिलती है.
ReplyDeleteशानदार रचना.
आइयेगा नई रचना पर - एक भी दुकां नहीं थोड़े से कर्जे के लिए
Interpersonal Relationship
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (13-04-2020) को 'नभ डेरा कोजागर का' (चर्चा अंक 3670) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (13-04-2020) को 'नभ डेरा कोजागर का' (चर्चा अंक 3670) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
बेहतरीन/उम्दा.
ReplyDeleteआदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२ हेतु इस माह की चुनी गईं नौ श्रेष्ठ रचनाओं के अंतर्गत नामित की गयी है। )
ReplyDelete'बुधवार' २२ अप्रैल २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/04/blog-post_22.html
https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/03/blog-post_25.htmlhttps://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
इस लेखनी को अंको में कैसे तोल सकता है कोई??
ReplyDeleteबेहतरीन