Saturday, December 19, 2009

घर से बहुत दूर, संघर्षरत एक लडकी के लिए एक ख़त !!


प्यारी प्यारी अप्पू !

आज सुबह सुबह जब तुमने नींद से उठाकर यह सुखद समाचार सुनाया तो वाकई आँखे नम हो गयी ! ख़ुशी इस लिए नहीं कि तूने एक टोयोटा करोला खरीद ली है बल्कि इसलिए कि काफी समय पहले, हम से दूर चली गयी, एक दुबली पतली लडकी इस लायक हो गयी है कि वह एक बड़ा फैसला ले सके ! शाबाश बच्चे मुझे तुमसे यह उम्मीद थी कि तुम एक दिन अपने सारे लक्ष्य अवश्य प्राप्त करोगी ! 
पता है इसका राज क्या है ......???

इस दुबले पतले कमजोर से शरीर और आधी अंधी ( अब नहीं :-) ) लडकी में गज़ब की हिम्मत है, लोगों द्वारा धक्का देने पर ,गिर पड़ने  पर खूब सुबक सुबक कर रोती है, और थोड़ी देर में आंसू पोंछ कर, फिर खड़ी होकर,
चल पड़ती है ....

एक बात याद रखना , यह निर्दयी दुनिया हंस कर कुछ नहीं देती , तुम्हे इसे बताना पड़ेगा कि तुम बहुत मजबूत हो , तुम्हे लोग हर कदम पर तंग करेंगे तुम्हारे दिल को दुखायेंगे ...और अगर तुम्हे कमजोर होते देखा तो विश्वास करो वे एक धक्का और देंगे ...कमज़ोर की कोई इज्ज़त नहीं बच्चे ...कभी मदद को हाथ नहीं फैलाना ... कोई नहीं देगा ! सिर्फ तुम्हारी आत्मिक शक्ति ही काम आयेगी !
ईश्वर की एक प्रार्थना भेज रहा हूँ , जब थक जाओ  या उदास हुआ करो  तो इसे सुना करो ....
एक और इच्छा है हमारी बिनू को, ऐसा एक लड़का पसंद करे, जो उसके सुन्दर दिल को पहचान सके ....उम्मीद है कि तुझे जानने बाला लड़का तुझे अवश्य बहुत शीघ्र मिलेगा ! मेरा दिल से आशीर्वाद है !

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरंम
राम नारायणंम जानकी बल्लभम....

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