तालिबानी चाहे वे हिन्दू हों अथवा मुसलमान, उनका प्रसार रुकना चाहिए अन्यथा हमारे मासूम खतरे में हैं ..
यह अभिशाप ही नहीं, अपराध है मानवता के प्रति , अपराध है, परिवार और छोटे छोटे मासूम बच्चों के प्रति,जो हमारी ओर , सहारे के लिए देखते हैं..मौलवियों और पंडितों ने हमारी कच्ची बुद्धि को, अपने प्रभाव में लेते हुए, हमसे उस बच्चे को छीन लिया जो दोनों हाथ उठाये, अपने दूसरे मित्र से कहता है आओ खेलने चलें जब तक अम्मा न डांटे, हम सिर्फ खेलेंगे !
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGpwCWSWLxmJhyMwCs99SwPWdBGdCkUJXQ46rJoSfLoyFPAwGymMBCWp9rs8VuLTTPIhlrLzpBEAv4T13RXKIvNxRY6HTUuZZm41S4L80yvLvOdGkYHIrgmihtZ2uffgQHU_ZAMt-jPyjx/s200/6a.jpg)
जिन्होंने हमें जन्म के कुछ समय बाद ही, हिन्दू और मुसलमान बना दिया धिक्कार है उन धार्मिक शिक्षाओं को...
जिन्होंने हमारी समझ में, एक दुसरे के प्रति नफरत भर दी, धिक्कार है उन धर्म गुरुओं को ...
और धिक्कार है हमारी मंद बुद्धि को जो धर्म के पढाये पाठ के नशे में अंधे होकर , इंसानियत ,प्यार और अपना बचा हुआ थोडा सा जीवन भूल गए !
अपनी बस्ती में ज़हर बिखेरते, इन धार्मिक पंडितों को यह नहीं मालुम कि सबसे पहले इस विष का प्रभाव, तुम्हारे अपने मासूमों पर ही पड़ेगा , ऐसा न हो कि सबसे पहले तुम्हारा ही बच्चा, तुम्हारी दी हुई शिक्षा का शिकार बने ...
अपने समाज और धर्म को ऊंचा उठाने के सपने देखने वाले धर्म ज्ञानियों !!!
-ध्यान रहे एक दूसरे से नफरत करने वाले भेडिये केवल तुम्हारे ही धर्म में नहीं है वे हर जगह मिलते हैं
बेहतर है इनसे और इनकी विचारधारा से दूर रहा जाए !
यह अभिशाप ही नहीं, अपराध है मानवता के प्रति , अपराध है, परिवार और छोटे छोटे मासूम बच्चों के प्रति,जो हमारी ओर , सहारे के लिए देखते हैं..मौलवियों और पंडितों ने हमारी कच्ची बुद्धि को, अपने प्रभाव में लेते हुए, हमसे उस बच्चे को छीन लिया जो दोनों हाथ उठाये, अपने दूसरे मित्र से कहता है आओ खेलने चलें जब तक अम्मा न डांटे, हम सिर्फ खेलेंगे !
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGpwCWSWLxmJhyMwCs99SwPWdBGdCkUJXQ46rJoSfLoyFPAwGymMBCWp9rs8VuLTTPIhlrLzpBEAv4T13RXKIvNxRY6HTUuZZm41S4L80yvLvOdGkYHIrgmihtZ2uffgQHU_ZAMt-jPyjx/s200/6a.jpg)
जिन्होंने हमें जन्म के कुछ समय बाद ही, हिन्दू और मुसलमान बना दिया धिक्कार है उन धार्मिक शिक्षाओं को...
जिन्होंने हमारी समझ में, एक दुसरे के प्रति नफरत भर दी, धिक्कार है उन धर्म गुरुओं को ...
और धिक्कार है हमारी मंद बुद्धि को जो धर्म के पढाये पाठ के नशे में अंधे होकर , इंसानियत ,प्यार और अपना बचा हुआ थोडा सा जीवन भूल गए !
अपनी बस्ती में ज़हर बिखेरते, इन धार्मिक पंडितों को यह नहीं मालुम कि सबसे पहले इस विष का प्रभाव, तुम्हारे अपने मासूमों पर ही पड़ेगा , ऐसा न हो कि सबसे पहले तुम्हारा ही बच्चा, तुम्हारी दी हुई शिक्षा का शिकार बने ...
अपने समाज और धर्म को ऊंचा उठाने के सपने देखने वाले धर्म ज्ञानियों !!!
पहले एक साथ रहना तो सीख लो ..??
अभी तुम्हें दुसरे धर्म से नफरत है ...
तुम्हें एक देश से नफरत है….
तुम्हे अपने देश में एक प्रांत के लोगों से नफरत है ..
तुम्हें दूसरी जाति से नफरत है ..
प्यार और मित्रता तुम जाति देख कर करते हो ..
तुम अपने धर्म की रक्षा के लिए दूसरों की जान भी ले सकते हो ….
तुम कितने संकीर्ण बुद्धि और अनपढ़ हो , तुमसे कुछ भी सकारात्मक होना संभव ही नहीं अतः आओ इस शानदार देश को युद्ध के अखाड़े में तब्दील करदो !!
अक्सर ऐसे लोगों की मृत्यु, उन्ही जैसे निर्दयी लोगों के हाथ अथवा परिस्थितियों में होती है और वे वीरता का नाम जपते जपते "शहीद" होते हैं और ऐसे शहीद यदि पहले ही मारे जाएँ तो मां के प्रति एक अहसान होगा !
अरे विद्वान् मित्रों !!!
-हम पैदा न हिन्दू हुए थे और न मुसलमान , हम इंसान थे बस उस वक्त हम देश, जाति, राजनैतिक पार्टी एवं धर्म की सीमाओं में नहीं बंधे थे ..-इन सबका नाम, हम कायर डरपोकों ने, बाद में अपनी पीठ पर, लिखवा लिया और आज हम इनके गुलाम हैं !
-हम मानव है और बचे हुए २०-३० वर्ष के जीवन में , इंसान से प्यार कर हँसते हुए, जीने का प्रयत्न करें
इस जंगल नुमा क्षेत्र में अपने बच्चों को सही शिक्षा दें और भेडियों से बचा लें वही काफी होगा
-कुछ वर्ष जीवन के अगर बचे हैं , तो उन्हें विश्व बंधुत्व की भावना में, मानवता के नाम समर्पित करते हुए आनंद लें , पूरे विश्व को ,अपना घर मानकर जियें , और सबसे प्रेम में आनंद महसूस करें !
अभी तुम्हें दुसरे धर्म से नफरत है ...
तुम्हें एक देश से नफरत है….
तुम्हे अपने देश में एक प्रांत के लोगों से नफरत है ..
तुम्हें दूसरी जाति से नफरत है ..
प्यार और मित्रता तुम जाति देख कर करते हो ..
तुम अपने धर्म की रक्षा के लिए दूसरों की जान भी ले सकते हो ….
तुम कितने संकीर्ण बुद्धि और अनपढ़ हो , तुमसे कुछ भी सकारात्मक होना संभव ही नहीं अतः आओ इस शानदार देश को युद्ध के अखाड़े में तब्दील करदो !!
अक्सर ऐसे लोगों की मृत्यु, उन्ही जैसे निर्दयी लोगों के हाथ अथवा परिस्थितियों में होती है और वे वीरता का नाम जपते जपते "शहीद" होते हैं और ऐसे शहीद यदि पहले ही मारे जाएँ तो मां के प्रति एक अहसान होगा !
अरे विद्वान् मित्रों !!!
-हम पैदा न हिन्दू हुए थे और न मुसलमान , हम इंसान थे बस उस वक्त हम देश, जाति, राजनैतिक पार्टी एवं धर्म की सीमाओं में नहीं बंधे थे ..-इन सबका नाम, हम कायर डरपोकों ने, बाद में अपनी पीठ पर, लिखवा लिया और आज हम इनके गुलाम हैं !
-हम मानव है और बचे हुए २०-३० वर्ष के जीवन में , इंसान से प्यार कर हँसते हुए, जीने का प्रयत्न करें
इस जंगल नुमा क्षेत्र में अपने बच्चों को सही शिक्षा दें और भेडियों से बचा लें वही काफी होगा
-कुछ वर्ष जीवन के अगर बचे हैं , तो उन्हें विश्व बंधुत्व की भावना में, मानवता के नाम समर्पित करते हुए आनंद लें , पूरे विश्व को ,अपना घर मानकर जियें , और सबसे प्रेम में आनंद महसूस करें !
-ध्यान रहे एक दूसरे से नफरत करने वाले भेडिये केवल तुम्हारे ही धर्म में नहीं है वे हर जगह मिलते हैं
बेहतर है इनसे और इनकी विचारधारा से दूर रहा जाए !