Wednesday, September 30, 2020

कुछ महत्वपूर्ण रनिंग जानकारी जो हर दौड़ना सीखने वाले को याद रहें - सतीश सक्सेना

भारत में बढ़ते डायबिटीज और हृदय रोग चिंताजनक हैं , हर चौथा व्यक्ति इसके असर में है , मेहनत न करने से बचने की आदतों ने , महिलाओं पुरुषों का वजन इतना बढ़ा दिया है कि वे चलने तक से परहेज करने लगे हैं अतः इस विषय पर जागरूक होना बेहद

आवश्यक है ! रनिंग से बेहतर शरीर को स्वस्थ रखने का और कोई बेहतर तरीका नहीं , इससे डायबिटीज पास नहीं आ सकती साथ ही कण्ट्रोल रनिंग से हृदय आर्टरी में रुकावट समाप्त होंगी फेफड़े खुलेंगे ऑक्सीजन बेहतर ले पाएंगे !

अक्सर लोगों को लगता है कि रनिंग सीखने में क्या है ? वह तो बचपन से आती है , जबकि स्थिति यह है कि रनिंग करना बहुत मुश्किल काम है और उसकी बारीकियां और खतरे सीखने के बिना रनिंग करना अपनी जान जोखिम में डालना है ! हाल में कई मजबूत व्यक्ति जिनमें मेडिकल डॉक्टर भी थे , जिन्होंने दौड़ते समय अपनी जान गंवाई है !

बिना प्रैक्टिस किये लम्बी दौड़ लगाने का प्रयत्न कभी नहीं करना चाहिए , अफ़सोस कि अधिकतर लम्बी दौड़ करने वाले लोग फायदे की जगह नुकसान अधिक उठाते हैं उसका कारण यह है कि वे 5 km की दौड़ को कुछ नहीं समझते और 10 km , 21 km , 42 km को आदर्श बनाने का प्रयत्न करते हैं जबकि 5 km की दौड़ से अधिक दौड़ना बेहद सावधानी का विषय है और धावक को अपने शरीर

की हर गति विधि पर बेहद सावधानी से निगाह रखनी आनी चाहिए ! हाल में हाइकोर्ट के एक रिटायर्ड जस्टिस की असमय मृत्यु हुई है जबकि वे हलके वजन के और बेहतरीन अल्ट्रा रनर भी थे ! धावक को अपने शरीर की क्षमता का पता होना चाहिए अगर वह गलत अंदाजा रखता है तो खामियाजा जान देकर भुगतना पडेगा !

अपने  60 से 65 वर्ष के मध्य , मैंने 926 बार दौड़कर कुल 6585 km दौड़ चुका हूँ , इसमें 35 के लगभग हाफ मैराथन ( 21 Km ) हैं , अगर गति की बात करें तब मेरा 21 km दौड़ में अब तक का बेहतरीन रिकॉर्ड 2 घंटे 16 मिनट 31 सेकंड का है ! जीपीएस डाटा के जरिये यह रिकॉर्ड strava नामक एप्प में सुरक्षित है (https://www.strava.com/athletes/11532172).  लगभग 6500 किलोमीटर दौड़ने के बाद , पिछले वर्ष से मैंने अपने दौड़ने की गति धीमी की है क्योंकि मुझे लगा कि लगातार ढाई घंटे तक दौड़ने की मुझे आवश्यकता नहीं है इससे लगभग ३ लीटर पसीना भी बहता है जिसके जरिये शरीर के आवश्यक मिनरल कम हो जाते हैं जो 
उचित नहीं सो इन दिनों मैंने अपने आपको, सप्ताह में एक बार 10 km की सामान्य गति पर बिना रुके दौड़ एवं नियमित 7 km का तेज वाक लक्ष्य रखा है जिसने मुझे अधिक फुर्ती प्रदान की है !

नए लोग अगर रनिंग सीखना चाहते हैं तो उन्हें याद रखना होगा कि दौड़ से बढ़ी हृदय गति के साथ ,शरीर के सारे अवयवों में लगातार तेज कम्पन होता है अगर कोई अंग पहले से ही बहुत अस्वस्थ है तो वह खराब भी हो सकता है ,  दौड़ने वाले का हर कदम पूरे शरीर के तीन गुने वजन के इम्पैक्ट के साथ जमीन से टकराता है और एक 5 km दौड़ने वाला इंसान ऐसा 7000 बार करता है , इससे उसके शरीर में अगर कॉटन के कपडे पहने हैं तो जख्म होना सामान्य बात है ! ब्रैस्ट निप्पल से खून बहना शुरू हो जाता है , जंघे परस्पर रगड़ से छिल जाती हैं और पैरों में सूजन आने के कारण नाखूनों में खून भर जाता है और अपनी शेप खो बैठते हैं और ऐसा अक्सर पहली लम्बी दौड़ में ही होता है ! मगर जो लोग धीरे धीरे अपने शरीर को दौड़ना सिखाते हैं उनके शरीर में आवश्यक बदलाव धीरे धीरे ही होते हैं और लगभग एक साल के बाद उसका शरीर इन सबका अभ्यस्त हो जाता है और आराम से वह यह दौड़ पूरी करता है !

ध्यान दें कि एक 21 km दौड़ने वाले इंसान को लगातार बिना रुके, अपने हर गिरते हुए कदम से जमीन पर 200 किलो वजन लेकर प्रहार करना होता है और ऐसा वह एक दो बार नहीं बल्कि 30000 बार करता है और ऐसा करने से उसके शरीर में आमूलचूल तूफानी  हलचल के साथ 2 से 3 लीटर पसीना बहता है , जिसमें शरीर के बहुमूल्य तत्व भी होते हैं ! शरीर की हड्डियों के सारे जोड़ एवं मसल्स तेज गति में होने के कारण सूज कर अपना स्वरुप खो बैठते हैं और कई बार खून बहने से अंदरूनी तौर पर गंभीर चोटिल भी हो जाता है जिसका फल कई बार बरसों तक भुगतना पड़ता है ! सो रनिंग को मजाक न समझे  ...बिना समझे न दौड़ें !

- रनिंग में सबसे आवश्यक 3 चीजों का नाम बताएं तो जवाब होगा - 1.पानी 2. पानी 3. पानी  सो दौड़ने से पहले 24 घंटों में खूब पानी पीना चाहिए 
- दौड़ने से पहले और बाद में , वाक करना चाहिए
-धीमे धीमे दौड़िये और हर हालत में बिना हांफे दौड़िये , अगर हाँफते हुए दौड़ रहे हैं तो यकीनन आप अपने हार्ट को कमजोर कर रहे हैं और स्ट्रोक का खतरा ले रहे हैं !
-अगर मात्र वजन घटाने को दौड़ रहे हैं तब याद रहे कि तेज दौड़ने से वजन में कोई ख़ास फर्क नहीं पडेगा , वजन घटाने के लिए , बिना हांफे धीरे धीरे दौड़ना चाहिए इससे बहुत जल्द वजन घटता है , अगर आप दौड़ नहीं पा रहे तो सिर्फ बिना हांफे तेज वाक करें आपको रनिंग जितना ही फायदा होगा ! 
-रोज दौड़ने से बचें , सप्ताह में चार दिन दौड़ना बढ़िया स्वास्थ्य के लिए काफी है ! जिसदिन अधिक दौड़ा हो उसके अगले दिन रेस्ट करें जिससे सूजी हुई मसल्स को आराम मिले !
- एक जैसा लगातार दौड़ने पर बॉडी में एंडोर्फिन्स नामक केमिकल रिलीज़ होते हैं , जिनका अनुभव मार्फिन नमक नशे जैसा होता है , इसके निकलने से शरीर की साड़ी थकान और दर्द जैसे गायब हो जाते हैं अवसाद का कहीं दूर दूर तक पता भी नहीं रहता , अगर महानगरों के किसी रनिंग आयोजन में आप जाएंगे तो वहां कितने ही कंपनियों के सीईओ जैसे रैंक के लोग दौड़ते मिलेंगे उनके व्यस्त और नीरस जीवन में यह जबरदस्त एक्सरसाइज रस घोलने का काम करती है , एंडोर्फिन्स के प्रभाव में , मैं खुद दो घंटे दौड़ते रहने के बाद रास्ते में ही नाचने लगा हूँ जबकि मैंने जिंदगी में कभी भी नाचना न सीखा और न रूचि है !
आज इतना ही , आप सबको मंगलकामनाएं !


Monday, September 28, 2020

ह्यूमन हेल्थ ब्लंडर्स -सतीश सक्सेना

कोरोना के कारण लगभग 8 महीने बाद आज पहली बार , लम्बे रन का आनंद लिया , 65+ उम्र में ८ महीने के अंतराल के बाद 10 km बिना रुके एक स्पीड में दौड़ना आसान नहीं होता , मगर 5:50 सुबह , ही निश्चय कर लिया था कि बीमारियों से घिरे अपने आलसी मित्रों को समझाने के लिए यह दौड़ बिना रुके और बिना वाक के पूरी करनी होगी , सो 10 km की दौड़ समाप्त करने में टौमटौम जीपीएस के अनुसार 1 घंटा 15 मिनट समय रिकॉर्ड किया गया जो कि ८ महीने बिना प्रैक्टिस के , संतोषप्रद माना जायगा ! आज बढ़िया समय निकलने का श्रेय पिछले पांच वर्ष में 6500 km दौड़ने के मेरे लम्बे अनुभव को जाएगा !

जिस व्यक्ति ने 60 वर्ष की उम्र से पहले अपने जीवन में 100 मीटर भी दौडना नहीं सीखा उसने 35 बार से अधिक हाफ मैराथन  (21 km बिना रुके दौड़ ) और देश विदेश में कुल मिलकर अब तक 6500 km की दौड़ रिकॉर्ड करा चुका है ! 
इस बखान का उद्देश्य अपनी तारीफ़ नहीं है बल्कि आप सब की ऑंखें खोलने के लिए कह रहा हूँ कि इस कारण मेरे शरीर का कायाकल्प हुआ है , 65 वर्ष की उम्र में , मैं इस समय 40 वर्ष की निरोग्य युवावस्था का आनंद ले रहा हूँ ! मुझे मालुम है कि मैं इससे अमर नहीं हो जाऊंगा मगर मेरा बढ़ा हुआ बीपी , बॉर्डर डायबिटीज , हाई कोलेस्ट्रॉल , हार्ट प्रॉब्लम , घुटनों का दर्द , स्पॉन्डिलाइटिस और ब्रोंकाइटिस पता नहीं कहाँ गायब हो गए और यह सब बिना किसी दवा लिए हुए हुआ है !

हमेशा याद रहे कि अगर आप श्रमिक नहीं हैं और बॉडी कोर में अवस्थित शरीर के महत्वपूर्ण अंगों हृदय ,लिवर , किडनी , पेन्क्रियास , फेफड़ों को अगर स्वस्थ रखना है तब पैरों द्वारा तेज वाक एवं धीमे धीमे रनिंग करने से ही कम्पन पैदा होगा और वे स्वस्थ होंगे जबकि अभी वे तीन तीन बार खाकर पैदा हुई चर्बी को लपेटे बीमार पड़े हुए हैं , दौड़ते हुए इंसान द्वारा जमीन पर पड़ता हर कदम उसके शरीर के तीन गुना वजन के साथ प्रहार करता है फलस्वरूप पैरों की उँगलियों से लेकर मस्तिष्क तक में कम्पन पैदा होते हैं और ये ढीले पड़े हुए शरीर में आमूलचूल परिवर्तन लाने में समर्थ हैं !

मित्रों से निवेदन है कि भारत में बढ़ी उम्र होते ही हम पैसों का उपयोग अपने आराम के लिए करते हैं , जो मजबूत शरीर को भी मृत्यु शैय्या की और धीरे धीरे ले जाता है , और अंत समय में हम बिस्तर पर अपाहिजों की तरह जान गंवाते हैं आप पिछले वर्षों में कितने मित्रों को खो बैठे हैं उनकी मृत्यु पर गौर करें तो यही पाएंगे अफ़सोस कि विद्वान दोस्त भी इस तरफ ध्यान नहीं देते बल्कि व्हाट्सप्प पर भेजे गए अनपढ़ों के मेसेज जिनमें अमर होने के नुस्खे होते हैं , खाते देखे जाते हैं !

खुद को धोखे में न रखें .....भारत राजधानी बन चूका है डायबिटीज और हृदय रोगों का , और इन दोनों का मिलाप और भी घातक है ! इसका सामान्य इलाज है कि शरीर को धीरे धीरे दौड़ना सिखाइये , फलस्वरूप दौड़ते शरीर के हर कदम पर आपके रुग्ण अंग, कम्पन लेते हुए खुद को एक्टिव बनाने का कार्य खुद ही कर लेते हैं ! डायबिटीज का नामोनिशान कुछ समय में गायब हो जाएगा !

रनिंग करने से पहले ध्यान रखें कि :
  •  शुरुआत में नियमित 30 मिनट वाक का आखिरी मिनट, बिना हांफे ,दौड़ कर समाप्त करें !
  • वजन घटाना आवश्यक है सो किसी भी रूप में पकौड़े परांठे और चीनी खाना छोड़ना होगा यह हृदय आर्टरी की दुश्मन है और डायबिटीज साथ हो तब जहर का काम करती है , रात का भोजन सोने से तीन घंटे पहले , बिना रोटी चावल का रहे !
  • बेहतर नींद के बाद , दिन में 12 गिलास पानी पीना है और गहरी साँसों के द्वारा ऑक्सीजन खींचते हुए बंद पड़े फेफड़े खोलने होंगे अन्यथा बिना ऑक्सीजन खून आपका अधिक साथ नहीं दे पायेगा !
  • खुद पर बुढ़ापा हावी न होने दें , अधिक दिन जवान रहने के लिए खुलकर हंसना अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाइये ! 
  • घुटने दर्द इसलिए करते हैं कि बिना उपयोग जॉइंट जकड गए हैं , इन्हें सही करने का एकमात्र इलाज मूवमेंट करना है !

Sunday, September 13, 2020

कवितायें बिकाऊ हैं , बग़ावत नहीं रही -सतीश सक्सेना

लोगों में इन कविताओं की, आदत नहीं रही
सुन भी लें तो भी ,मन में  इबादत नहीं रही !

इक वक्त था जब कवि थे देश में गिने चुने
 
यह  वक्त चारणों का, मुहब्बत नहीं रही !

जब से बना है काव्य चाटुकार , राज्य का 
जनता को भी सत्कार की आदत नहीं रही 

माँ से मिली ज़ुबान , कब के भूल चुके हैं !
गीतों से कोई ख़त ओ क़िताबत नहीं रही !

संस्कार माँ बहिन की गालियों में ,खो गए
कवितायें बिकाऊ हैं , बग़ावत नहीं  रही  !
Related Posts Plugin for Blogger,