Tuesday, May 22, 2018

भगवा लिवास को कभी लुच्चा नहीं कहते -सतीश सक्सेना

हम मुफ्त में सूरज को भी अच्छा नहीं कहते !
इस देश में अच्छे को ही,अच्छा नहीं कहते !

बच्चों को भूल पर तो माफ़ कर ही दें ,मगर 
कम उम्र,नर पिशाच को ,बच्चा नहीं कहते !

आधार हिल रहा यहाँ  , बचपन से ,नशे में !
इस पाशविक प्रवृत्ति को,कच्चा नहीं कहते !

उस रात एक स्वप्न का , दम घोट चुका है ,
बच्चा है ये शैतान का , टुच्चा नहीं कहते !

बस्ती में जाहिलों की,चोर डाकुओं को भी 
भगवा लिवास में, कभी लुच्चा नहीं कहते ! 

सारे डकैत  मिल के , चोर चोर  कह रहे !
अरविन्द को इस देश में सच्चा नहीं कहते !




Friday, May 18, 2018

खुद से कहिये जीने का अंदाज़ बदल लें -सतीश सक्सेना

धन कमाने का मतलब आराम और ऐश की जिंदगी है इस विश्वास से बड़ी बेवकूफी मानव ने शायद ही कभी की होगी , साठ वर्ष इसी धारणा के साथ ऐश और आराम किया मगर भला हो रिटायरमेंट का जिसके कारण अपने विगत जीवन का आत्मावलोकन करते समय यह भयंकर बेवकूफी नज़र आ गयी अन्यथा मुझे याद है कि जब बड़े डांटते थे कि कुछ एक्सरसाइज कर लिया करो तो सोंचता था कि मुझे कौन सी स्वास्थ्य  समस्या है जो हेल्थ के बारे में सोंचू और अभी उम्र ही क्या है मेरी ! शुक्र है कि इस लापरवाही के बावजूद मैं इस उम्र तक पंहुच गया !

उन दिनों हेल्थ और स्वास्थ्य को मैं वृद्धों की समस्या मानता था जिसका जवानों से कुछ लेना देना न था और यह धारणा आज भी मैं 90 प्रतिशत लोगों में पाता हूँ यह बेहद अफसोसजनक है ! अपने खास मित्रों  संख्या टटोलता हूँ तो पता चलता है कि लगभग 30 प्रतिशत अकाल ही काल के गाल में चले गए उनमें अधिकतर डर के मारे , बीमारी को ठीक कराने के लिए ,अस्पताल की ऑपरेशन टेबल तक पंहुच गए थे और उन्हें मेडिकल व्यापार ने चूस कर थूक दिया जो बच पाए वे पहले से भी बुरी हालत में कुछ वर्ष तक दस गोली रोज खाते हुए जी पाए !
मगर यह जीना भी कोई जीना है लल्लू  ?

सो जवान रहने के कुछ तरीके नोट करो महाप्रभु 

  1. कष्ट अवसाद को साथ लिए न घूमें जितनी जल्द हो सके कष्टदायी विगत याद न रखें 
  2. उम्र को कभी याद न रखें और न यह कहें कि अब यह मेरे बस का नहीं ध्यान रहे इस वाक्य को अवचेतन मन सुन रहा है और वह उसे सुनकर उसपर अमल करेगा कभी यह न कहें कि आज मैं थक गया आराम करूंगा या सर दबा दो थकान सिर्फ मस्तिष्क का भ्रम है दुबारा कर रहा हूँ थकान सिर्फ मन का भ्रम है आप स्वीकार न करें कि आप थक गए हैं और आप अपने को फ्रेश महसूस करेंगे ! सफ़ेद होते बालों को रंग कर जवान बने रहने की कोशिश न करें इससे भी अपने आपको बूढा होना बता रहे हैं ! हर वह काम जो आप अधिक उम्र के कारण नहीं कर पाए उसे करने का प्रयत्न करें आप देखेंगे कि अधिक उम्र में जवानों वाले काम आप अधिक कुशलता से कर लेंगे !मन से बीमारियों के प्रति भय निकाल दें !
  3. WHO के अनुसार भारत विश्व की डायबिटीज कैपिटल है आप अपने चारो और देखिये हर चौथा आदमी डायबिटिक और हृदय रोग का शिकार है ! आज आप घर के बाहर सड़क पर सिर्फ 100 कदम दौड़ कर देखिये अगर आपकी साँस फूल रही है तो आप शर्तिया हृदय की आर्टरीज़ में फैट जमा कर चुके हैं जो न चेतने की अवस्था में आपकी जान लेने में समर्थ है !
  4. ध्यान रहे सिर्फ रनर, हृदय रोगों और डायबिटीज से अपना बचाव करने में समर्थ हैं , दौड़ते समय बॉडी वेट इम्पैक्ट के कारण बॉडी कोर में उत्पन्न वाइब्रेशन, आपके महत्वपूर्ण अंगों और अवयवों में नयी जान डालकर उक्त बीमारियों से लड़ने के लिए, आपकी रोग प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूती देते हैं !
सो जागिये और अपने कमजोर शरीर को मजबूत बनाने के लिए संकल्प लीजिये !

डायबिटीज हृदय पर चोट कर रही कबसे 
उनसे कहिये , चलने का अंदाज़ बदल लें !

Wednesday, May 16, 2018

उनसे कहिये,चलने का अंदाज़ बदल लें -सतीश सक्सेना

सुनी सुनाई खबरों पर,एतबार बदल लें !
झूठी खबरों के सस्ते अखबार बदल लें !

चलते, अहंकार की चाल,नज़र आती है !

उनसे कहिये,चलने का अंदाज बदल लें !

बच जाएगा, आया ऊँट पहाड़ के नीचे   
उंची गर्दन, नीची करके , चाल बदल ले !

तीखी उनकी धार , नहीं दरबार सहेगा !
चंवर बादशाही से ही,तलवार बदल लें  !

कोई मसालेदार खबर इन दिनों न आई 
उनको कहिये अपने गोतामार बदल लें !

Thursday, May 10, 2018

चिंतित माँ की चौकीदारी क्या समझेंगे ? -सतीश सक्सेना

घर कुटुंब की जिम्मेदारी क्या समझेंगे ?
शक संशय में रिश्तेदारी,क्या समझेंगे ?

पर निंदा ,उपहास में, रस तलाशने वाले
व्यथित पिता की हिस्सेदारी क्या समझेंगे ?


नन्हीं बच्ची, तिनके चुग्गा लाने निकली
चिंतित माँ की चौकीदारी क्या समझेंगे ?

सुंदरता में फंस कर ,कितने राजा डूबे
धूर्त कैकेयी की मक्कारी क्या समझेंगे ?

अभी नशे में डूबे हैं , सरकार हुस्न की
चकाचौंध में,आपसदारी क्या समझेंगे ?

Wednesday, May 9, 2018

मेरी पहली बार, नंगे पैर सड़क दौड़ -सतीश सक्सेना

आज सुबह उठा तो लगा बाएं पैर में दर्द है, लग रहा था कि हड्डी में हेयर क्रैक हुआ है लंगड़ा कर टहलते हुए तय किया कि आज सिर्फ वाक पर जाऊंगा मगर जूते के अंदर मोजा नहीं मिला सो सोंचा कि पाँव में दर्द है सो क्यों न धीरे धीरे नंगे पैर टहला जाए और जिंदगी में पहली बार हम अपने घर से बेयर फुट बाहर निकले ! 

इससे पहले एनसीआर में मेरे कुछ रनर मित्र नंगे पैर दौड़ते हैं उनसे मेरा एक सवाल अक्सर होता था कि सड़क पर पड़े कांच का कोई टुकड़ा अगर पैर में घुस गया तो ? मगर अजय कुमार का कहना था कि नीचे देख कर ही पैर रखना है अन्यथा तो काफी दिन को रनिंग छूट जाएगी !

सो आज सड़क पर टहलते हुए लगा कि कोई ख़ास दर्द या समस्या नहीं लग रही क्यों न थोड़ी दूर दौड़कर देखूं और धीरे धीरे दौड़ना शुरू किया तो आसान सा लगा और दौड़ते दौड़ते घर से कब दूर निकल गया पता ही नहीं चला ! एक किलोमीटर जाने के बाद आत्मविश्वास और बढ़ गया लगा कि वाकायदा पूरा रन करना चाहिए और मैं अपनी सामान्य मस्ती में नंगे पैर दौड़ने का आनंद उठाता हुआ एक्सप्रेस वे पर पंहुच चुका था !

और हाँ वह हड्डी के टूटने जैसा दर्द कहाँ गया कुछ पता ही नहीं चला !

Saturday, May 5, 2018

हेल्थ ब्लंडर 7 -सतीश सक्सेना

बरसों से पड़े सुस्त शरीर के साथ जल्दबाजी न करें कायाकल्प एक दिन में नहीं हो सकता , शरीर की
मांसपेशियों धीरे धीरे ही रूप बदलेंगी अगर जबरदस्ती करने की कोशिश की तब वे जख्मी हो सकती हैं और आपके लिए काफी दिन दर्द की शिकायत भी हो सकती है ! पहले साल की रनिंग सीखने में अक्सर लोग बहुत गलतियां करते हैं जिनके कारण मांसपेशियों में भिन्न प्रकार के दर्द या इंजुरी का ख़तरा रहता है !
रनिंग से पहले बॉडी वार्मअप और रनिंग के अंत में धीरे धीरे दौड़कर ही रुकना चाहिए !
नए रनर्स को ध्यान रखना चाहिए कि

  1. सही आरामदेह रनिंग शू होने चाहिए यह आवश्यक नहीं कि मंहगे जूते हो मगर आरामदेह और पैरों में फिट हों !
  2. अगर आप नए हैं तो ध्यान रखें कि अपने पुराने ढीले वाले शरीर की सुस्त मांसपेशियों को एक चुस्त एथलीट की तरह चलाने का प्रयत्न करेंगे तो वे निश्चित ही जख्मी हो जाएँगी और आपको हो सकता है महीनों आराम की सलाह दी जाये ! रनिंग आपके शरीर के लिए हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज है जिसमें  गिरते हुए हर कदम पर आपके शरीर के वजन का तीन गुना वजन इम्पैक्ट के साथ पड़ता है और अगर आप ओवरवेट हैं तो यह खतरनाक हो सकता है ! 
  3. यह आवश्यक है कि रनिंग से पहले अपनी मांसपेशियों को हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज के लिए तैयार  किया जाए ताकि वे इस इम्पैक्ट को झेल सकें ! इसके लिए शुरुआत में सप्ताह के दो दिन, रन /वाक के लिए रखें जिसमें दौड़ते समय याद रहे कि बिना हांफे, साथ दौड़ने वाले से बिना वाक्य टूटे बात कर सकें  ! हर रविवार को रन की लम्बाई थोड़ी बढ़ाएं एवं अगले दिन मांसपेशियों को आराम देने के लिए रेस्ट करें !
  4. अधिकतर लोग रनिंग से पहले वार्मअप और रनिंग के बाद धीमे धीमे कूल डाउन नहीं करते हैं जो कि बहुत आवश्यक है ! नए रनर के लिए सप्ताह में ३ दिन रनिंग एक्सरसाइज एक दिन साइकिल एक्सरसाइज और बाकी दिन रेस्ट आवश्यक है ! ध्यान रहे की कि स्क्वाट्स (Squats) एक्सरसाइज रनर्स के लिए बेस्ट फ्रेंड हैं यह एक्सरसाइज हर रनर को करनी चाहिए !
  5. रनिंग में सबसे आवश्यक पानी है जॉइंट को स्मूथ रखने के लिए शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाना है जो लोग पानी कम पीते हों उन्हें  रनिंग छोड़ देनी चाहिए अन्यथा वे अपने आपको जख्मी कर लेंगे !
  6. रनर फ़ूड मुख्यतः केला और पपीता है जो एनर्जी का बेहतरीन सोर्स हैं 
  7. खाने पर कण्ट्रोल रखें वजन घटाने के लिए जितने कैलोरी बर्न की हैं उसका ध्यान रख कर खाइये 
इंटरनेट पर रनिंग इंजुरी एवं एक्सरसाइज के बारे में लेख मिलेंगे उन्हें पढ़ें और समझदारी के साथ अपना रास्ता चुनें ! https://www.verywellfit.com/common-running-mistakes-to-avoid-2911703

मैराथन आसान ,भरोसा हो क़दमों की ताल का
साथ तुम्हारे दौड़ रहा है, बुड्ढा तिरेसठ साल का !

इसी हौसले से जीता है, सिंधु और आकाश भी
सारी धरती लोहा माने , इंसानी  इकबाल का !

हार्दिक मंगलकामनाएं !

Friday, May 4, 2018

हेल्थ ब्लंडर्स 6 -सतीश सक्सेना

अधिकतर लोग दौड़ने को बेहद आसान मानते हैं जबकि हकीकत इसके बिलकुल उलट है ,यह शरीर को सिखाने के लिए सबसे जटिल एक्सरसाइज है जिसमें शरीर के बॉडी कोर में अवस्थित किडनी, पेन्क्रियास, लीवर ,
आंतें , फेफड़े और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अवयवों में लगातार कम्पन होता है साथ में स्किन, मांसपेशियों ,मस्तिष्क में होते कम्पन से एक अलग ही ऊर्जा उत्पन्न होती है जो दौड़ते समय बेपनाह आनंद देती है !

दो वर्ष पूर्व इस आनंद की जगह हांफना और गंदा पसीना होता था जो दौड़ने के प्रति वितृष्णा और गुस्सा पैदा करता था कि पागल आदमी  ऐयरकण्डीशन्ड माहौल को छोड़ कहाँ सड़क और धूल में दौड़ने आ गया ! मगर आज शीशे में अपने सपाट पेट को देखकर अपने ऊपर गर्व होता है 


आज लगातार 7 km दौड़ते समय मैं याद कर रहा था अपने उन मित्रों को जो आलस्य को नहीं छोड़ पा रहे और धीरे धीरे अपनी छिपी हुई बेपनाह ताकत से महरूम होते जा रहे हैं !



बीमारियाँ मुझे उनसे कम नहीं हैं , हार्ट पल्पिटेशन , ब्लड प्रेशर ,उम्र बढ़ने के साथ मिलता बेपनाह डिप्रेशन ,शरीर में उम्र के साथ पनपतीं कैंसर नुमा गांठे तथा अन्य डरावने लक्षण , ब्रोन्काइटिस , क्रोनिक खांसी , क्रोनिक पायोरिया , दो बार टूटा एंकल , अच्छे अच्छों को घर में आराम करने को मजबूर कर देतीं मगर यह बाधाएं मुझे न रोक पायीं तो सिर्फ इसलिए कि मैं अपना बीमार दयनीय बुढ़ापा देखना नहीं चाहता था और मैंने रिटायरमेन्ट के बाद, यह कर भी दिखाया !

और यह सब मैंने अपने वृद्ध सुस्त शरीर को धीरे धीरे सिखाया ही नहीं बल्कि उसकी आदत भी डाल दी कि सुगठित शरीर देखने में सुन्दर ही नहीं लगता बल्कि अधिक समय मजबूती के साथ जीने में भी सहायक है !

मानवों ने अपने शरीर को आराम देने के लिए अपने दिल को तसल्ली देने के लिए तरह तरह के व्यायामों का आविष्कार कर लिया है जो उसे इस ग़लतफ़हमी में डाले रहते हैं कि वह अपनी सेहत का समुचित ख्याल कर रहा है उसमें दोस्तों के साथ गप्पे मारते हुए पार्क में टहलना, दूध सब्जी लाना, बच्चे खिलाना और ऑफिस में मीटिंगों में जाने की कवायद भी शामिल है !

अगर कोई एक मंजिल चढ़ने अथवा थोड़ा तेज टहलने में हांफ रहा है तो निश्चित ही वह हृदय रोगी है या बनने की कगार पर है सो सचेत हो जाएँ कि आलसी व्यक्ति  को इस आसन्न खतरे से डॉ की केमिकल गोलियां नहीं बचा पाएंगी अगर कोई बचा पाएगी तो वह उस शरीर की जीर्ण होती प्रतिरक्षा शक्ति ही बचाएगी जिसे शक्तिशाली बनाना होगा !

मृत्युभय, उम्र घटाने के लिए सबसे बड़ी बीमारी है जिसे मेडिकल व्यापारी धड़ल्ले से, डरते हुए व्यक्ति को और डराने में उपयोग करते हैं !अधेड़ अवस्था में हर व्यक्ति छोटे मोटे लक्षणों को भी कैंसर समझ लेता है और भागता है डॉ के पास जो तुरंत पूरे शरीर के टेस्ट लिख देता है कि इस उम्रदराज मालदार आदमी के शरीर में पनपती हुई कोई न कोई खतरनाक बीमारी अवश्य निकल आये और उसके बाद अपने बचे हुए दिन में यह बेचारा कभी जोरदार आवाज में भी बोलने के लायक नहीं रहता !

आलसी और मोटे पेट वाले लोग सबसे अधिक डायबिटीज और हृदय रोगी हैं उन्हें चाहिए कि धीरे धीरे अपने शरीर को तेज चलना सिखाएं और वाक के अंत में एक से दो मिनट धीमे धीमें दौड़ कर समाप्त करें एक से दो माह में उनके शरीर को दौड़ना आ जाएगा और साथ ही सुस्त पेन्क्रियास और हृदय की मोटी फैट से भरी धमनियों में भी जान पड़नी शुरू हो जायेगी !

विश्वास के साथ शुरू करें यह प्रक्रिया और अपने आप शुरू होगा आपका कायाकल्प भी अगले दो वर्ष में मेरी तरह 63 वर्ष की जगह 36 के दिखोगे अगर अवसाद के शिकार हैं तो उनके लिए रनिंग करें जिनको आपकी जरूरत है और मेरा विश्वास है कि वे लोग हतोत्साहित होंगे जिन्हें आपकी जरूरत ही नहीं !

अंत में ध्यान रहे बहुत अधिक पानी और गहरी नींद बहुत आवश्यक है इसके लिए , इस मेहनत के बाद अगर यह दोनों न मिले तब कुछ भी नतीजा नहीं निकलेगा ! अंत में मेरी एक रचना जो शायद अनूठी है अपने तरह की ....

साथ कोई दे, न दे , पर धीमे धीमे दौड़िये !
अखंडित विश्वास लेकर धीमे धीमे दौड़िये !


दर्द सारे ही भुलाकर,हिमालय से हृदय में
नियंत्रित तूफ़ान लेकर, धीमे धीमे दौड़िये !

जाति,धर्म,प्रदेश,बंधन पर न गौरव कीजिये
मानवी अभिमान लेकर, धीमे धीमे दौड़िये !

जोश आएगा दुबारा , बुझ गए से हृदय में
प्रज्वलित संकल्प लेकर धीमे धीमे दौड़िये !

समय ऐसा आएगा जब फासले थक जाएंगे
दूरियों को नमन कर के, धीमे धीमे दौड़िये !


Related Posts Plugin for Blogger,