घर कुटुंब की जिम्मेदारी क्या समझेंगे ?
शक संशय में रिश्तेदारी,क्या समझेंगे ?
पर निंदा ,उपहास में, रस तलाशने वाले
व्यथित पिता की हिस्सेदारी क्या समझेंगे ?
नन्हीं बच्ची, तिनके चुग्गा लाने निकली
चिंतित माँ की चौकीदारी क्या समझेंगे ?
सुंदरता में फंस कर ,कितने राजा डूबे
धूर्त कैकेयी की मक्कारी क्या समझेंगे ?
अभी नशे में डूबे हैं , सरकार हुस्न की
चकाचौंध में,आपसदारी क्या समझेंगे ?
शक संशय में रिश्तेदारी,क्या समझेंगे ?
पर निंदा ,उपहास में, रस तलाशने वाले
व्यथित पिता की हिस्सेदारी क्या समझेंगे ?
नन्हीं बच्ची, तिनके चुग्गा लाने निकली
चिंतित माँ की चौकीदारी क्या समझेंगे ?
सुंदरता में फंस कर ,कितने राजा डूबे
धूर्त कैकेयी की मक्कारी क्या समझेंगे ?
अभी नशे में डूबे हैं , सरकार हुस्न की
चकाचौंध में,आपसदारी क्या समझेंगे ?
अभी नशे में डूबे हैं , सरकार हुस्न की
ReplyDeleteचकाचौंध में,आपसदारी क्या समझेंगे ?
वाह और गजब भी।
माँ पिता की चिंता नहीं समझते ...
ReplyDeleteगज़ब के छंद ... बहुत लाजवाब ... बधाई ...