केंद्रीय गृहमंत्री श्री चिदम्बरम का यह वक्तव्य (टाईम्स ऑफ़ इंडिया दिनांक ३० जून से साभार) कि आने वाले लोकसभा सत्र में सरकार लड़कियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए बिल लाएगी, हमारी बच्चियों के लिए एक उत्साह वर्धक खबर है ! इस अभूतपूर्व सरकारी कदम से हमारी मेहनती लड़कियों के लिए सरकारी क्षेत्र में अपने आपको स्थापित करने के लिए बेहतर मौका मिला है और मुझे उम्मीद है कि लड़कियां भविष्य में अपने आपको देश चलाने वालों की लाइन में पाएँगी, और वे देश में सरकारी तंत्र को मज़बूत बनाने में अपना बेहतर योगदान कर पाएंगी !
सरकार के इस कदम से, निस्संदेह भविष्य में, अशिक्षित माता पिता, घ्रणित कन्या भ्रूण हत्या जैसा पाप न करके, कन्या जन्म पर गौरवान्वित महसूस करेंगे !
अच्छे भविष्य के लिए बेटियों को शुभकामनायें !
Tuesday, June 30, 2009
8 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
- सतीश सक्सेना
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ये बेशक लडकियों के लिये ये खबर अच्छी है मगर मेरा मनना है कि किसी भी तरह का आरक्षण देश के हित मे नहीं है इस से योग्य प्रतिस्पर्धीयों मे असंतोश तो होगा ही काम की गुणवत्ता मे भी फर्क पडता है और लडके और लड्कियों वैमनस्य की भावना बढेगी ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं मैं किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं चाहती आभार
ReplyDeleteबड़ी अच्छी जानकारी दी आपने . हम तो कब से ऐसा चाहते थे !
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी आपने. हर फ़ैसले के अच्छे बुरे पहलू होते हैं पर जो ज्यादा उपयुक्त हो वह करना ही चाहिये.
ReplyDeleteरामराम.
आपके बेटों के लिये ये कैसी खबर हा इस पर रोशनी डाल देते।
ReplyDeleteबेटियों के लिए यह एक अच्छी खबर है .. इसलिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं तो मिलनी ही चाहिए .. पर अपेक्षा अवश्य करनी चाहिए कि वे उम्मीदों पर खरी उतरें।
ReplyDeleteआरक्षण बैसाखी है। खेलने को कन्दुक नहीं।
ReplyDeleteMujhe ye jaankaaree nahee thee...! Shikriya! Ummeed hai,ki, shayad ladkiyaan apna sahee yogdaan dengee...!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
देखिये एक महिला होकर भी निर्मला जी ने कितनी संतुलित प्रतिक्रिया दी. हमारे ख्याल से तो आरक्षण विकलांगों तक के लिए सीमित रखना चाहिए.
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