, उनकी जिद थी कि आप सपरिवार खाना साथ आकर खाएंगे सो हम लोग लगभग 4 बजे घर से निकल लिए , जर्मनी हाईवे पर हाई स्पीड गाड़ी चलाना आनंद दायक है ! गौरव की बीएमडब्लू 200 km प्रति घंटा की स्पीड पर भी स्टेबल थी, मैं खुद तेज ड्राइवर हूँ फिर भी मैंने उन्हें धीरे चलाने को कहा , इलेक्ट्रिक/ हाईब्रिड कार होने के कारण इसका पिकअप दिमाग को हिला देने वाला था !
जर्मनी में मानवीय सुरक्षा के सख्त कानून हैं , मैंने ट्रैन स्टेशन पर SOS साइन के साथ बेहतरीन इंतज़ाम देखे हैं , आकस्मिक हार्ट अटैक के समय यह इंस्ट्रूमेंट जान बचाने में सहायक हैं खतरे में पड़े व्यक्ति को मात्र बटन दबाना है !
राज भाई बेहद मिलनसार इंसान हैं , वे अपने जर्मन विलेज के दरवाजे पर पत्नी सहित इंतज़ार करते मिले, शांत स्वच्छ जर्मन गाँव जहाँ धूल का नामोनिशान नहीं , उम्र दराज लोगों के लिए ऐसी जगह पर रहना एक वरदान है ! चाय नाश्ते के बाद वे हमें गांव घुमाने ले गए , रास्ते में जो भी परिवार दिखे एक दूसरे से आत्मीयता से अभिवादन कर हालचाल पूछते नज़र आये !
यहाँ एक चीज हमारे यहां से अलग है घर के मेंटेनेंस से सम्बन्धित हर काम परिवार को खुद करना होता है बाहरी मदद इतनी महंगी होती है कि आम आदमी बर्दाश्त ही न कर सके ! बेटे के घर में सिंक टैप से एक एक बूँद पानी टपकता था जिसे ठीक कराने के लिए 60 यूरो दिए गए जिसमें सिर्फ वॉशर बदलना था सो घर में रहने वाले पेंटिंग, गार्डनिंग से लेकर घर की मरम्मत तक के कार्य खुद करते हैं , इसकी पुष्टि राज की होम वर्कशॉप को देख कर आसानी से हो गयी !
2018 के बाद फिर मुलाकात लाजवाब नमस्कार ब्लॉगर राज जी के लिए
ReplyDeleteसुंदर संस्मरण।
ReplyDeleteदो मित्र एक अंतराल के उपरांत जब मिलते हैं तो वह भेंट कितनी आनंददायिनी होती है, यह संस्मरण इसका उदाहरण है। सौभाग्यशाली हैं आप और राज जी भी।
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