आजकल कुछ लोग सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं कि दिल्ली में बढे हुए प्रदूषण की वजह से , सक्षम सैक्लोथॉन एवं एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन को कैंसिल कर दिया जाय ! उनका यह सोंच है कि इससे एथलीट की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पडेगा !
अफ़सोस यह है कि अक्सर ऎसी मुहिम चलाने वालों को एथलीट की मानसिक और शारीरिक अवस्था के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है मगर दिमागी बम चलाने वाले सलाह हर जगह देते हैं !
कल मुझे सक्षम पेडल साइक्लोथॉन के आयोजकों ( Saumjit )द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने का न्योता मिला था जहाँ मुझसे पूंछे गए तमाम प्रश्नों में से एक प्रश्न यह भी था कि
क्या आप 63 वर्ष की उम्र में, इस प्रदूषण में साइकिल चलाना, अपने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं मानते ?
मेरा जवाब था कि दिल्ली का प्रदूषित वातावरण में किसी भी यूरोपियन अमेरिकन के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि उनका शरीर प्रदूषण बर्दाश्त नहीं कर सकता और न वे इस वातावरण के लिए अभ्यस्त हैं , हम भारतीय शुरू से इसी वातावरण केआदी हैं और हमारा इम्यून सिस्टम इसके प्रतिरोध के लिए बेहद मजबूत है सो हमारे ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं पडेगा !
और यही प्रश्न कल शाम मेरे मोबाइल पर रेडिओ सिटी से रेडिओ जॉकी नितिन द्वारा अचानक कॉल करके पूंछा गया तो उन्हें भी यही जवाब दिया , कि मैं 63 वर्ष की उम्र में कल 30 किलोमीटर रेस में भाग लूँगा और शान से पूरी भी करूंगा निश्चिन्त रहें मुझे प्रदूषण की कोई चिंता नहीं इसकी चिंता उन आलसियों को है जो मेडिकल बिजनिस की सलाह लेकर विटामिन खा कर अपने को स्वस्थ रखने का दावा करते हैं , मैं अगर दौड़ते दौड़ते मृत्यु को प्राप्त हुआ तब अपने को बेहद सौभाग्य शाली मानूंगा कि मैं अकर्मण्य मौत नहीं मरा !
मुझे दिल्ली सेक्लोथॉन का सबसे यंगेस्ट साइकिलिस्ट का ख़िताब देते हुए नितिन ने मुझे 1000 रूपये का वाउचर देने की घोषणा की जो यकीनन मेरे जैसे नवोदित साइकिलिस्ट के लिए उत्साहवर्धक था !
सो धन्यवाद सक्षम पेडल और रेडिओ सिटी को जिन्होंने मुझे अपनी बात कहने का मौक़ा दिया कि मैं अपनी बात आम जनता को पंहुचा सकूँ !
कल तमाम प्रदूषण की परवाह न करते हुए 30 km अमेच्योर साइकिलिंग में हिस्सा लूंगा और इस विश्वास के साथ लूंगा कि मेरे स्वास्थ्य पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पडेगा बल्कि इम्यून सिस्टम और मजबूत होगा !
कुछ वादे करके निकला हूँ अपने दिल की गहराई से
अब आया हूँ दरवाजे पर,तो विदा कराकर जाऊँगा ! - सतीश सक्सेना
#WillRunADHM ,
अफ़सोस यह है कि अक्सर ऎसी मुहिम चलाने वालों को एथलीट की मानसिक और शारीरिक अवस्था के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है मगर दिमागी बम चलाने वाले सलाह हर जगह देते हैं !
कल मुझे सक्षम पेडल साइक्लोथॉन के आयोजकों ( Saumjit )द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने का न्योता मिला था जहाँ मुझसे पूंछे गए तमाम प्रश्नों में से एक प्रश्न यह भी था कि
क्या आप 63 वर्ष की उम्र में, इस प्रदूषण में साइकिल चलाना, अपने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं मानते ?
मेरा जवाब था कि दिल्ली का प्रदूषित वातावरण में किसी भी यूरोपियन अमेरिकन के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि उनका शरीर प्रदूषण बर्दाश्त नहीं कर सकता और न वे इस वातावरण के लिए अभ्यस्त हैं , हम भारतीय शुरू से इसी वातावरण केआदी हैं और हमारा इम्यून सिस्टम इसके प्रतिरोध के लिए बेहद मजबूत है सो हमारे ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं पडेगा !
और यही प्रश्न कल शाम मेरे मोबाइल पर रेडिओ सिटी से रेडिओ जॉकी नितिन द्वारा अचानक कॉल करके पूंछा गया तो उन्हें भी यही जवाब दिया , कि मैं 63 वर्ष की उम्र में कल 30 किलोमीटर रेस में भाग लूँगा और शान से पूरी भी करूंगा निश्चिन्त रहें मुझे प्रदूषण की कोई चिंता नहीं इसकी चिंता उन आलसियों को है जो मेडिकल बिजनिस की सलाह लेकर विटामिन खा कर अपने को स्वस्थ रखने का दावा करते हैं , मैं अगर दौड़ते दौड़ते मृत्यु को प्राप्त हुआ तब अपने को बेहद सौभाग्य शाली मानूंगा कि मैं अकर्मण्य मौत नहीं मरा !
मुझे दिल्ली सेक्लोथॉन का सबसे यंगेस्ट साइकिलिस्ट का ख़िताब देते हुए नितिन ने मुझे 1000 रूपये का वाउचर देने की घोषणा की जो यकीनन मेरे जैसे नवोदित साइकिलिस्ट के लिए उत्साहवर्धक था !
सो धन्यवाद सक्षम पेडल और रेडिओ सिटी को जिन्होंने मुझे अपनी बात कहने का मौक़ा दिया कि मैं अपनी बात आम जनता को पंहुचा सकूँ !
कल तमाम प्रदूषण की परवाह न करते हुए 30 km अमेच्योर साइकिलिंग में हिस्सा लूंगा और इस विश्वास के साथ लूंगा कि मेरे स्वास्थ्य पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पडेगा बल्कि इम्यून सिस्टम और मजबूत होगा !
कुछ वादे करके निकला हूँ अपने दिल की गहराई से
अब आया हूँ दरवाजे पर,तो विदा कराकर जाऊँगा ! - सतीश सक्सेना
#WillRunADHM ,
शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसाहसिक कदम ।
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