Saturday, January 9, 2010

इस तरफ आदमी, उधर कुत्ता ! बोलिए, किस को सावधान करें !

इस तरफ आदमी, उधर कुत्ता ! बोलिए, किस को सावधान करें!
सर्वत एम् जमाल के दिल से निकली यह लाइनें पढ़ कर बहुत देर तक सोचता रह गया, निस्संदेह आदमी बेहद खतरनाक है इस मासूम कुत्ते के आगे ! एक अपनी वफादारी के लिए और दूसरा अपनी

गद्दारी के लिए सारे विश्व के जीवों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किये हुए हैं ! शायद यही एक जीव ऐसा है जो कि
आदमी के जूठे टुकड़े, और गाली खाकर भी अपने मालिक की रक्षा करते हुए अपनी जान की परवाह नहीं करता ! विश्व में अपने मालिक अथवा मालिक के बच्चों की रक्षा करते हुए अपनी जान देने के हजारों उदाहरण देखे जा सकते हैं मगर अपने इस वफादार जीव की रक्षा में किसी आदमी ने अपनी जान दी हो , ऐसा एक भी उदाहरण नहीं सुना गया ! 
प्यार और स्नेह के भूखे इस जीव को, प्यार और स्नेह का नाटक करने वाले आदमी ने हमेशा धोखा देकर अपनी सेवा करने के लिए पालतू बनाया ! हम इंसानों में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो इसकी आँखों में झाँक कर, इसमें बसे अपने प्रति, मूक प्यार को पढने का प्रयत्न करें ! इस गूंगे जीव में आदमी के प्रति बहुत प्यार और ममत्व होता है वहीं हम इंसान, इसके निष्छल प्यार के प्रति बेहद अहसानफरामोश होते हैं !

19 comments:

  1. हम आदमियों से ही पार न पाए
    आप जानवरों की बात करते हैं !

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  2. सतीश जी आदमी कभी वफादार नहीं होता.. रिश्तों में नर्मी और गर्मी दोनों उसी के बर्ताव पर टिके होते है... दो गज जमीन के लिए जो अपनों के खून से हाथ रंग लेता हो, उससे वफादारी की उम्मीद कैसी... लेकिन एक जानवर सिर्फ़ इसलिए आदमी से ज्यादा वफादार होता है क्योंकि उसे किसी चीज़ का लालच नहीं होता..

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  3. सतीश जी, कुत्ते को भी बहुत प्यार मिलता है,लोग इसे भी अपने बच्चो की भान्न्ति ही पालते है, लेकिन फ़िर भी हम कुत्ते कि वफ़ा दारी के सामने नही टिक पाते, आप के लेख से सहमत हुं

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  4. आपका कहना बिल्कुल वाजिब है सतीश जी .......... इंसान हर कदम पे गद्दारी करता है ......... अपने से प्यार करने वाले को भी इस्तेमाल करता है ......... जबकि निरीह जानवर ख़ास कर कुत्ता अपनी वफ़ादारी में जान देने से भी नही चूकता ......... बहुत अछा लिखा है .............

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  5. सच कहते हैं आप..इस मूक पशु का प्रेम अनुसरणीय है...एक बार घर का सदस बन जाये तो मरते दम तक आप का वफादार बना रहता है...
    नीरज

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  6. क्या कहें? कुत्ते वफादार होते हैं। आदमियों में भी कुत्ते और वफादार दोनों ही होते हैं।

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  7. कभी कभी मैं भी सोचता हूँ की कितना अच्छा होता
    यदि आदमी आदमी न होकर कुत्ता होता ।
    तब न होती काम, क्रोध , मद , लोभ की बीमारी
    और आदमी भी होता कुत्ते की तरह सदाचारी।

    आपसे पूर्णतय सहमत।

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  8. Appne bahut accha likha & sahi likha. Dogs are the most loyal & kind hearted pet. They are far far better than human being. They live only for us, whatever situations they come across .They never expect anything in return to what they do or give for us.They are never selfish like human being.
    Very nice article uncle.I loved it.
    Goofy ke saath mera pic kyon nahi lagate ho :(

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  9. वाह! वाह!! वाह!!! कमाल का लेख. आदमी और कुत्ते के बीच का फर्क जिस तरह आपने बयान किया, उसकी प्रशंसा किन शब्दों में करूं, अब तक सोच नहीं पाया. मैं क्षमा चाहता हूँ, ३रोज़ बाद वापस लौटा हूँ और आने के बाद सीधे आपके यहाँ हाजिरी दी है. आपकी मुहब्बत, इनायत, ख़ुलूस है जो आपने इस शेर को बैनर बनाया, यकीन मानें, सच्चे दिल से कह रहा हूँ, शेर जितनी बढ़िया व्याख्या आपने की है, मुझे तो अपना शेर हल्का लगने लगा है. मैं तो दो पंक्तियाँ कह कर निकल गया, आपने तो इसे एक खूबसूरत फ्रेम में सजा दिया. कलम की इस रफ्तार के लिए मुबारकबाद.

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  10. कुत्ते की वफ़ादारी के चर्चे तो खूब सुने पर आपका यह पोस्ट खूबसूरत
    और सवेंदनशील बनने की प्रेरणा देता है.

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  11. ...वैसे लीक से हट के एक बात कह रहा हूं कुछ लोग नाराज भी हो सकते हैं, ... इंसानों मे भी कुत्तों के कुछ गुण होते हैं उदाहरण के तौर पर .. जब किसी इंसान को किसी से कुछ मिलना होता है तो वह उसके सामने-आसपास दुम हिलाने लगता है ... जब इंसान को किसी से कुछ लेना होता है तो वह उसके तलवे चाटने लगता है ... जब किसी इंसान को कोई कमजोर आदमी दिखता है तो वह उसको भौंकने लगता है और जब और भी कमजोर आदमी मिलता है तो वह उसको काटने लगता है ... वगैरह-वगैरह .... !!!!

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  12. फिर वही फ़ोन्ट की दिक्कत हुई , कुछ भी पढने मे नही आया (.......).इस प्रकार की लाइने दिखलाई दीं उन्हे सिलेक्ट किया और इस मैटर को बराह पैड पर ,कोपी करके ले गया तब पढने मे आया ।इसका शीर्षक पढ्ने मे आया ,टिप्प्णी पढने मे आई इसके पूर्व १९ दिसम्बर का लेख पढने मे आरहा है बस आज के इस ब्लोग मे अक्षर की जगह बिन्दिंयां दिखाई दे रही है ।
    सहीहै इस जीव में आदमी के प्रति प्यार और ममता बहुत होती है

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  13. जी हां सतीश जी, कुत्ता तो पालतू है तो प्यारा है, वरना आवारा है. त्रासदी है उसकी ये.

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  14. बहुत ही सही कहा !! कुते से पालतू कुछ नहीं एक बार अगर प्यार से पुच्ज्कार लो तो उम्र भर नहीं भूलता फिर चाहे आप उसे जितना दुत्कारो!!!

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  15. कुत्तों की बराबरी कोई नहीं कर सकता!
    घुघूती बासूती

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  16. सर्वत साहब की ग़ज़ल तो माशा अल्लाह...

    कुत्ते की वफादारी पर हम जो भी बोले कम होगी... आखिर अब तक उसी ने तो निभायी है... हम इंसान सिर्फ प्रेरणा लेते हैं और भूल जाते हैं.

    आप को वसंत पंचमी की अनेक शुभकामनाएं!!

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  17. दुबारा आ गया हूँ, वसंत पंचमी की मुबारकबाद देने-एक दिन बाद. हम भारतीय विलम्ब से काम करने में माहिर हैं.
    एक जरूरी बात कहनी थी, बुरा न मानियेगा, क्या किसी साउथ इंडियन फिल्म में खलनायक की भूमिका मिल गयी है? नई फोटो से ऐसा ही लगा. अगर मिल गयी है शुभकामना-बधाई और अगर ऐसा नहीं है तो फिर... काहे को डराते हो भाई?
    कल शाम मेरे एक गैर साहित्यिक मित्र मेरे ब्लॉग की छानबीन कर रहे थे. कमेन्ट बॉक्स में आपका चित्र देखते ही बोले, "अबे, तू अब बहुत बहुत आगे निकल गया. इसे जानता है? मैं जानता हूँ, ये साउथ इंडियन फिल्मों में विलेन के रोल करता है. आज मालूम पड़ा, इसका नाम सतीश सक्सेना है".

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  18. प्रिय सतीश मेरा ईमेल है Thesis_brij@yahoo .co.in

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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