सोमालियाई समुद्री डाकू ( गूगल से साभार ) |
"आई एन एस गोदावरी ने एक ग्रीक शिप को हाइजैक होने से बचाया ..."
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में यह खबर पढ़ कर मन को बड़ी तसल्ली हुई ! एक आम भारतीय के मन में आ सकता है कि यह विशाल भारतीय वार शिप, अदन की खाड़ी में, बदनाम सोमालियाई समुद्री डाकुओं के बीच में, क्या कर रहा है ? शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि २००८ से ही भारतीय नौ सेना के कद्दावर वारशिप , समुद्री डाकुओं के खिलाफ वहां तैनात हैं ! केवल आई एन एस गोदावरी ने ही लगभग दो माह में विभिन्न देशों के २१९ जहाजों को इस खाड़ी से निकलने में अपना सुरक्षा कवर दिया है !
अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के लिए सोमालिया से लगा हुआ समुद्री भाग इन पाइरेट्स के कारण एक भयावह रूट बनता जा रहा है, हालाँकि अन्तराष्ट्रीय समाज में विलेन जैसे लगते यह पाइरेट्स, वहा के लोकल हीरो भी माने जाते हैं, जो उनके हिसाब से, सोमालिया समुद्री सीमा में गन्दगी फैलाकर, मछली उद्योग को बर्बाद कर रहे इन विदेशी जहाज़ों को, सजा देने का काम कर रहे हैं !
सोमालिया में सिविल वार की समाप्ति पर, वहां की रेगुलर सेना और कास्ट गार्ड बेरोजगार हैं और वे प्राइवेट सेना बनाकर , समुद्र सीमा रक्षा के नाम पर , आते जाते जहाज़ों से बसूली करने और बदनाम सोमालियाई समुद्री डाकू बनकर खासे विश्व में कुख्यात हो चुके हैं ! यह सच है कि सोमालियाई सागर में , विदेशी जहाजों द्वारा, वहां से निकलते हुए . जहरीला कचरा फेंकने के कारण , वहां के , मछली उद्योग को बहुत नुकसान पंहुचा है , जिससे वहां के बेरोजगार लोग ,समुद्री डाको के द्वारा अपना जीवनयापन शुरू कर एक नया कुख्यात उद्योग विकसित कर चुके है !
बहरहाल इन लोगों के भय के कारण वहा से निकलने वाले जहाज और नाविक त्रस्त हैं ! भारतीय नेवी के आई एन एस तबार एवं आई एन एस गोदावरी , अंतर्राष्ट्रीय सागर में, न केवल भारतीयों के जान माल की रक्षा कर रहे हैं बल्कि कई अन्य देशों के जहाज़ों पर आक्रमण करते, इन समुद्री डाकुओं के जहाज़ों को डुबा कर, इन पाइरेट्स की कमर तोड़ने में, महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर ,विश्व में ,अपने देश का गौरव बढ़ा रहे हैं !
हमारे देश का यह गौरवशाली कदम, अन्तराष्ट्रीय जगत में सम्मान के साथ याद किया जायेगा !
भारतीय नेवी भारत का गौरव है और इस कार्य के लिये दुनिया को इसका आभार प्रकट करना चाहिये।
ReplyDeleteINS गोदावरी को अन्दर-बाहर से देखने जानने का मौका सन 2000 में मिला था। यादें ताजा हो गई।
प्रणाम
गर्व होता है अपनी जल सेना के शौर्य और पराक्रम पर..........
ReplyDeleteआभार इस उम्दा प्रस्तुति के लिए
गौरव का भाव जगाता सकारात्मक लेख...
ReplyDeleteताकत वतन की इनसे है,
ReplyDeleteहिम्मत वतन की इनसे है,
सीना इनका फौलादी हैं, फौलादी हैं बाहें,
सामने इनके पर्वत भी आएं तो खुद हट जाएं,
यही तो है वतन के रखवाले...
जय हिंद...
हमें गर्व है अपनी जल सेना के शौर्य और पराक्रम पर....
ReplyDeleteआभार इस उम्दा प्रस्तुति के लिए....
मेरा सैल्युट जांबाजों को।
ReplyDeleteACHCHHA LAGTA HAI JAB HAM BHARTIYA KAHIN AAGE NAJAR AATE HAIN....
ReplyDeleteDHANYAWAD SIR!!
तमाम बुरी ख़बरों के धारावाहिक के बीच एक अच्छी सूचना.. एक स्मिति तैर गयी होठों पर.
ReplyDeleteचलो कोई खबर तो ऐसी मिली जिसपर हमारे ब्लागर गर्व कर सकते हैं।
ReplyDeleteयह तो बड़ी चौकाने वाली जानकारी दी आपने... हमें अपने देश की सेना पर गर्व है, लेकिन पूरी दुनिया को इस तरह समुन्द्र में प्रदुषण फ़ैलाने पर तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए.
ReplyDeleteअपने देश पर,गर्व करने लायक खबर....
ReplyDeleteसही कहा आपने....
ReplyDeleteहमारे देश का यह गौरवशाली कदम, अन्तराष्ट्रीय जगत में सम्मान के साथ याद किया जायेगा !
अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं !
जल सेना का यह साहस पूर्ण कार्य सराहनीय है . गर्व की बात है .
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी खबर है . सागर में भारतीय नेवी की बढ़ती सक्रियता निसंदेह उत्साहजनक है .... आभार
ReplyDeleteपोस्ट पढ़ कर हर भारतीय का सर गर्व से उंचा हो जाएगा !
ReplyDeleteआभार !
नेताओं ने तो नाक कटा रखी है चलो इन बहादुरों ने तो इज्ज़त रख ली इनको नमन ....
ReplyDeleteकुछ तो मिला जिस पर गर्व किया जा सके. आभार.
ReplyDeleteजानकारी भरी पोस्ट. सोमालिया के तट प्रदूषण फ़ैल रहा है, इस बात की जानकारी नहीं थी. तो फिर जो उनके द्वारा किया जा रहा है वह बेवजह नहीं है.
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी दी है आपने !
ReplyDeleteहमारे देश का यह गौरवशाली कदम, अन्तराष्ट्रीय जगत में सम्मान के साथ याद किया जायेगा !
ReplyDeleteजानकारी देने के लिए बहुत आभार..
बुरी और भद्दी खबरें इतनी ज्यादा हैं कि अच्छी और उत्साह वर्धक खबर पीछे छूट जाती हैं.
ReplyDeleteअमूल्य जानकारी के लिए आभार .
ReplyDeleteगर्व होता है अपनी जल सेना के शौर्य और पराक्रम पर..........
ReplyDeleteअपनी नेवी के पराक्रम पर गर्व होता है..बहुत सुन्दर आलेख..
ReplyDeleteसराहनीय कार्य
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी दी है आपने उम्दा प्रस्तुति के लिए.......आभार
जल सेना का यह साहस पूर्ण कार्य सराहनीय है
ReplyDeleteनिसंदेह गौरवशाली.
ReplyDeleteवहाँ के हालात की बेहतर जानकारी देने के लिए शुक्रिया. हमारी नौसेना हमारा गौरव है.
ReplyDeleteपोस्ट पढकर गौरव महसूस हो रहा है, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
इस जानकारी से अवगत हुआ। सच यह हमारे लिए गर्व की बात है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी देती सार्थक पोस्ट ..गर्व करने लायक ही बात है ..
ReplyDeleteइसका सब से दुखद पहलु यह है कि सोमालिया के लुटेरों को वापिस लौटने दिया- वे अगली बार हमला करेंगे। ऐसों को तो समुद्र में ही डुबो देना चाहिए।
ReplyDeleteलेख़ पढ़ के ही ख़ुशी हो रही है. धन्यवाद्
ReplyDeleteचलो कुछ तो बचा है जिस पर हम गर्व कर सकें !
ReplyDeleteनिसंदेह ! गौरवान्वित हुए हैं हम भारतीय,अर्थात विशाल सागर की लहरों में हमने अपनी उपस्तिथि दर्ज़ की है,
ReplyDeleteगौरव के इन पलों को साझा करने हेतु आपका आभार व्यक्त करता हूँ,
घोटालो और घपलो के इस देश मे कभी कभी गर्व करने लायक बात भी मिल ही जाती है ।
ReplyDeleteभारतीय सेना पर हमें हमेशा ही गर्व रहा है...पर सवाल यहाँ ये भी उठता है कि क्या इन समुद्री डाकुओं को विकल्प दिया जा सकना एक बेहतर विकल्प नहीं है हम सब के लिए..जानती नहीं कि ऐसा संभव है या नहीं..
ReplyDeleteवाह... आज तो यह गीत गाने का दिल कर रहा है यह देश है वीर जवानों का....आभार!
ReplyDeleteबंदर के हाथ में उस्तरा देने का यही नुकसान है।
ReplyDeleteभारतीय सेना तो देश की शान है. सेना को सलाम .
ReplyDeletehame bhi garv hai in senao par jo desh ka naam raushan kar rahe hai ,prernadayak .
ReplyDeleteहमें गर्व है हमारे देश की इस उपलब्धि पर।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है आपने सतीश जी ... समुद्री डाकुओं का जाल फैलता ही जा रहा है आज कल और केवल कुछ ही देश हैं जो इस दिशा में कोई काम कर रहे हैं ... अपना देश भी उन्ही में से एक है ...
ReplyDeleteआपकी पोस्ट पढकर हर भारतीय को गर्व होगा कहीं तो हम कुछ अच्चा कर रहे हैं |बधाई भाई सतीश जी |
ReplyDeleteआपकी पोस्ट पढकर हर भारतीय को गर्व होगा कहीं तो हम कुछ अच्चा कर रहे हैं |बधाई भाई सतीश जी |
ReplyDeletehamen hindutani hone par garv hota hai, janten hai kyun in jabaanjo ne hamara her hal men astitv kayam rakha hai .
ReplyDeleteएक बहुत ही महत्वपूर्ण और जटिल मुद्दे को कवर किया है आपने ....
ReplyDeleteआई एन एस गोदावरी के क्या कहने -हमारा गौरव है !
इस प्रस्तुति के लिये आभार । हमारा मीडिया ऐसा कुछ क्यूं नही दिखाता कि देश के लोगों का मनोबल बढे ।
ReplyDeleteसोमालिया के बेरोजगारी की समस्या का हल जल्द ढूंढ लिया जाना चाहिये वर्ना ये समुद्री आतंकवाद पनपता और बढता रहेगा । हमारे नक्सलवाद की तरह ।
गर्व होता है जल सेना पर.....
ReplyDeleteगर्व महसूस हो रहा है ये जान कर कि हमारे देश के सैनिक दूसरों की सेवा कर रहे हैं ...
ReplyDeleteभाई साहब गुड़ जहां होगा मख्खियाँ वहां ज़रूर आएँगी .जितनी सुन्दर आपकी कलम उससे कहीं सुन्दर आप निकले .मिले आपसे तो आगे के लेखन को एक दिशा मिली .यकीन मानिए बौद्धिक आकर्षण बड़ा प्रबल होता है और फिर आप -देह और देही,रचना और रचना -कार दोनों एक से बढ़ कर एक निकले .आप उस बैठकी के ,चिठ्ठाड़ी मिलन के सूत्रधार और कथाकार सभी तो थे एक साथ .ऊपर से सतीश सक्सेना इतना मीठे की मिलने के बाद कई दिनों तक शक्कर खाने की ज़रुरत न पड़े .और दाराल साहब तारीफ़ सिंह जी -उनसे मिलना एक पुनर -मिलन था ,दे -जावू था ,कहीं नहीं लगा हा पहली बार मिलें हैं .इति आप बे -दिल दिल से अपने घरोंदे में सुरक्षित लौट गए ,संतोष हुआ आजकल घर से निकलना और सलामती के साथ लौट आना भी एक इत्तेफाक ही तो है .
ReplyDeleteसतीश जी ये लूटेरे रेंसम मांगते हैं हत्या नहीं करते .सोमालिया की ध्वस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था का यह कोढ़ हैं .
ReplyDeleteआभार इस उम्दा प्रस्तुति के लिए....अपने देश पर,गर्व करने लायक खबर....
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति... जानकारी के लिए आभार...
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
भ्रष्टाचार से घिरे देश में बस इन जाँबाजों का ही भरोसा रह गया है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी ...
ReplyDeleteइसी तरह भारतीयता का जज़बा बढ़ाने का प्रयास कायम रखें ....
शुभकामनायें.