यह खूबसूरत रंगोली मेरी बेटी हर वर्ष अपने घर के आंगन में बनाती रही है ! इस वर्ष से उसका अपना घर , मायके में बदल जाएगा अतः उसकी यह अंतिम रंगोली है जिसे उसने अपनी भाभी विधि के साथ बनाया है ! संयोग से विधि की, अपने घर में, यह पहली रंगोली है !मेरी गुडिया ने, विवाह से पूर्व, इस घर के प्रति अपनी जिम्मेवारियां, विधि को सौंपने की शुरुआत, इस रंगोली से कर दी, और विधि ने अपने घर में पहली रंगोली बनायी !
चार्ज देने और लेने की परम्परा, सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना, बेहद कष्ट कारक है , मगर हकीकत स्वीकारनी होगी !
इस मौके पर, विश्वयात्री एडम परवेज़ ने भी जमकर, इन दोनों की मदद की ! एडम बेटी के विवाह में शामिल होने के लिए, आजकल हमारे मेहमान है ! विश्व भ्रमण पर निकला यह अमेरिकन ४६५ दिन से, अपने घर से बाहर है और हमारा देश, इस यात्रा में उसका ६५ वां देश है ! दिवाली के दिन इस रंगोली पर एडम ने लगभग ४ घंटे काम किया ! हिन्दुस्तानी कल्चर में यह विदेशी योगदान भुलाया नहीं जाएगा !

