Saturday, November 17, 2012

गुडिया की रंगोली -सतीश सक्सेना


यह खूबसूरत रंगोली मेरी बेटी हर वर्ष अपने घर के आंगन में बनाती रही है ! इस वर्ष से उसका अपना घर , मायके में बदल जाएगा अतः उसकी यह अंतिम रंगोली है जिसे उसने अपनी भाभी विधि के साथ बनाया है ! संयोग से विधि की, अपने घर में, यह पहली रंगोली है !

मेरी गुडिया ने, विवाह से पूर्व, इस घर के प्रति अपनी  जिम्मेवारियां, विधि को सौंपने की शुरुआत, इस रंगोली से कर दी, और विधि ने अपने घर में पहली रंगोली बनायी !
                                            चार्ज देने और लेने की परम्परा,  सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना, बेहद कष्ट कारक है , मगर हकीकत स्वीकारनी होगी !

इस मौके पर, विश्वयात्री एडम परवेज़  ने भी जमकर, इन दोनों की मदद की ! एडम बेटी के विवाह में शामिल होने के लिए, आजकल हमारे मेहमान है ! विश्व भ्रमण पर निकला यह अमेरिकन ४६५ दिन से, अपने घर से बाहर है और हमारा देश, इस यात्रा में उसका ६५ वां देश है ! दिवाली के दिन इस रंगोली पर एडम ने लगभग ४ घंटे काम किया ! हिन्दुस्तानी कल्चर में यह विदेशी योगदान भुलाया नहीं जाएगा !

61 comments:

  1. ग़जब!
    संवेदनशील पोस्ट!
    प्रेरक बातें।

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  2. चार्ज देने और लेने की परम्परा सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !

    फिर भी आगे बढ़ने के लिए मोह त्यागना पड़ता है .... भारतीय संस्कृति को विदेशी बहुत प्यार और सम्मान से देखते हैं ...

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  3. चार्ज देने और लेने की परम्परा सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !
    बिल्‍कुल सही कहा है आपने फिर इस मोह का त्‍याग कर माता-पिता सुख की अनुभूति करते हैं ...
    सादर

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  4. बिटिया ने बहुत खूबसूरत रंगोली बनाई है.
    बेटी से बिछड़ना एक पिता के लिए सचमुच बड़ा कष्टदायी होता है.
    इस बार दिवाली पर हमें भी कुछ सोचकर कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा था.

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  5. ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    ♥~*~*~ஜ●दीपावली की रामराम!●ஜ~*~*~♥
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
    लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान

    **♥**♥**♥**●राजेन्द्र स्वर्णकार●**♥**♥**♥**
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

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    1. आपका आशीर्वाद सक्षम है, राजेंद्र भाई !
      आभार !

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  6. This comment has been removed by the author.

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  7. बहुत सुन्दर....रंगोली भी और आपके हर लफ्ज़ में छुपी भावनाएँ भी...
    बहु,बिटिया को स्नेह..
    सादर
    अनु

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  8. बहुत खूबसूरत रंगोली !

    सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
    खूबसूरत पोस्ट !
    शुभकामनाओं सहित…

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  9. सबसे पहले...बेटी के (होने वाले) विवाह के लिए 'हार्दिक बधाई' !:-)
    ये अजीब सुख-दुख के मिलन की घड़ी होती है, जो बहुत पीड़ा देती है... :((
    रंगोली बहुत ही सुंदर है ! बिटिया को ढेर सारा आशीर्वाद ! एडम जी को नमस्कार ! उनको भी बहुत आनंद आया होगा...इस रंगोली के रंगों को सजाने में !:)
    ~सादर !

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    1. एडम परवेज बेहद खुश हैं हमारे संस्कृति को महसूस कर ...मुझे विश्वास है कि उनकी विश्व यात्रा में भारत यात्रा उन्हें हमेशा याद रहेगी !
      @ he ( http://www.happinessplunge.com/) is happy to join our cultural functions and I believe that he can not forget Indian affection in this world trip .

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  10. .मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !

    लेकिन सुखद होता है

    और ज्यादा सुखद तब मेह्सूस होता है जब सतीश भाई जी के घर बेटी भेजी हो तो

    विधि का पापा

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    1. आप और जतिंदर कुमार जैसे भाई मिलें तो यह काम और आसान हो जाता है ज्ञानी जी ! मैं इस मायने में खुशकिस्मत हूँ !
      सादर !

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  11. बिटिया ने बहुत सुन्दर रंगोली बनाई है
    वाकई दोनों बेटियों को बहुत बहुत बधाई ...हमारी यह बेटियाँ जिस घर भी जाती है
    यूँही महकाती रहेंगी घर आँगन को, यही हमारी संस्कृति है जो विदेशियों को भी आकर्षित करती है !
    बहुत प्यारी लगी पोस्ट आभार !

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  12. सुंदर रंगोली ...बिटिया के घर की रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!

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  13. एक बेटी की बिदा और दूसरी का आगमन -दुनिया की रीत निभानी पड़ती है मन में कुछ भी होता रहे .बस दोनों अपने परिवार में मगन रहें!

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  14. सुंदर रंगोली,,,,हमारे देश की संस्कृति ही ऐसी है की विदेशी हमेशा प्रभावित होते है,,,शुभकामनाए,,,

    RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,

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  15. bahut pyaari rangoli ... dono bitiyaa ko aashish

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  16. मुबारक और आशीर्वाद बिटिया के सुखमय जीवन के लिए ......
    आने वाला वक्त ...इन सुहानी यादों को सहज कर रखेगा ...आप को बहलाने को !
    आभार!

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  17. रंगोली बहुत सुन्दर है ... भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है यहाँ हर कोई हिल मिल जाता है ... सुन्दर भावपूर्ण पोस्ट .... आभार

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  18. सुंदर रंगोली ..रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!

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  19. वाकई ! खूबसुरत रंगोली! बृहदाकार में देखने से रंगोली की सुन्दरता एवं कलात्मकता देखते ही बनती है, कैमरे ने भी अपना हुनर दिखाया है..... सचमुच लाजवाब ! यूँ ही सजती रहे रंगोली ! इन्ही शुभकामनाओं के साथ..
    (वास्तव में यदि देखा जाय तो हमारी संस्कृति और हमारी परम्पराएँ ही हमें विश्व पटल पर पहिचान दिलाती हैं, यह बात हम से बेहतर हमारे विदेशी मेहमान एडम परवेज भली-भांति जानते होवेंगे ....? )
    आभार....

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  20. वाह बहुत सुंदर ...

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  21. चंद शब्दों और खूबसूरत रंगोली के माध्यम से आपने संवेदना का आकाश छूने के लिए मजबूर कर दिया। क्या लिखूँ..! बस भाव विभोर हूँ।

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    1. आभार देवेन्द्र भाई समभाव के लिए ....

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  22. सुंदर रंगोली ..रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!

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  23. भावपूर्ण पोस्ट ..सुन्दर रंगोली और सुन्दर भावनाएं.

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  24. आपका आभार भाई जी ...

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  25. सांस्कृतिक मूल्यों की प्रस्थापना के लिहाज से एक मील का पत्थर पोस्ट .....एडम एक संस्कृति -यात्रा ,पर्यटन का लुत्फ़ उठा रहे हैं !
    सभी को शुभकामनायें!

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  26. वाह ! शानदार रंगोली|
    दोनों को शुभकामनाओं सहित शुभ आशीर्वाद|

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  27. साझा विरासत इसी तरह आगे बढती रहे , खुशियाँ भी !
    रंगोली बहुत खूबसूरत है .
    दोनों बेटियों को हमारी बहुत शुभकामनायें !

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  28. कुछ बेहद निजिक क्षणों को संस्कृति के रंगों को संयुक्त किये रहती है आपकी हरेक पोस्ट .सुन्दर मनोहर .

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  29. गज़ब की बेहतरीन पोस्ट है सतीश भाई । बरसों तक मस्तिष्क में सहेजी जाने वाली । एडम से मुलाकात और उसकी विश्व यात्रा के बारे में जानकर कैसी अदभुत अनुभूति हुई कह नहीं सकता । बहुत ही कमाल की पोस्ट । बिटिया की बनाई रंगोली बहुत ही खूबसूरत है

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  30. सुन्दर रंगोली,सुन्दर परंपरा,सुन्दर बेटियाँ और सुन्दर पोस्ट...मेहमान जी को हमारा भी नमस्ते व दीपावली की शुभकामनाएँ,साथ ही बिटिया को शुभकामनाएँ पुनीत अवसर पर व आपको बधाई..

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  31. बहुत ही सुन्दर रंगोली है..
    अपना चार्ज दूसरो को देने में बहुत मोह लगता है..
    दोनों बहनों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
    दोनों अपना -अपना चार्ज बखूबी निभाए..
    :-)

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  32. .
    .
    .
    सर जी,

    रंगोली मोहक है,... पर मैं यह भी कहना चाहूँगा कि... "इस वर्ष से उसका अपना घर , मायके में बदल जाएगा" ... मायका व ससुराल का भेद करने के बजाय क्यों न यह कहा जाये कि विवाहोपरान्त बिटिया के पास दो दो घर हो जायेंगे, और रिश्तेदार भी दोगुने !...


    ...



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    1. :)
      विवाहोपरान्त बिटिया के पास दो दो घर हो जायेंगे, और रिश्तेदार भी :)))

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    2. मैं इस मत का मज़बूत समर्थक हूँ, इस पर बहुत कुछ लिख चुका हूँ ! मेरी बेटी मेरे शारीर का एक अंग है जिसे काटा नहीं जा सकता ...उसका अपना घर , हमेशा उसका अपना घर ही रहेगा !
      मगर यह भी सच है कि उसकी एक नयी दुनियां सृजित हो रही है और उसे अब नए घोंसले में , नए सिरे से मेहनत कर, एक खूबसूरत रूप देना है !

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  33. aadan pradan ki mahtvpoorn shuruat ki sundar abhivyakti...

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  34. आशीर्वाद बिटिया के सुखमय जीवन के लिए

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  35. kya khein....bahut bhavuk ho gaya hai ye mn.....

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  36. बहुत खुबसूरत भावनाओं को संजोये रंगोली.

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  37. बिटिया के विवाह की बधाई और बिटिया को ढेर सा आशीर्वाद। आपने बखूबी पिता की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है। शुभकामनाएं।

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  38. बहुत ही सुन्दर रंगोली सजी है .
    इसमें भावनाओं के मधुर रंग भी दिखे.
    असीम शुभकामनायें .

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  39. बिटिया के विवाह की अग्रिम बधाई।

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  40. aap jab bhi bacchon se related kuch bhi likhte hain, wo feelings, wo vibes mahsoos hoti hai...
    vwry sweet n colourful post... :)
    congratulations again... :)

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  41. .आभार आपकी टिपण्णी का जो रहेगी हमारी धरोहर . एडम जैसे घुमंतू एक आलमी संस्कृति बन रहें हैं .बधाई .

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  42. दिल को छू गयी आपकी पोस्ट .आभार
    हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

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  43. संवेदनशील पोस्ट । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है।

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  44. बिटिया की शादी के लिए बहुत बहुत बधाई . रंगोली बहुत सुन्दर है .बहु और बिटिया दोनों को बधाई.

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  45. बहुत ही सुंदर और भावनात्मक पोस्ट, बहुत बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम

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  46. बहुत खुबसूरत, भावनात्मक, संवेदनशील *****^^^^***** सचमुच लाजवाब ! यूँ ही सजती रहे रंगोली ! इन्ही शुभकामनाओं के साथ..

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  47. beeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen .vo aapse kabhi door nahi hogi .

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  48. beeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen .vo aapse kabhi door nahi hogi .

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  49. beeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me .kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen . beti kabhi mata-pita se kabhi door nahi jati .unhen apne hriday me rakhti hai .beti ko angin duaaen

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  50. दीवाली पर रंगोली का अपना क्रेज़ होता है..भारत में ही नही बल्कि बाहर के लोग भी इसे बहुत पसंद करते है...सुंदर चर्चा...धन्यवाद

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  51. बिटिया के विवाह की बधाई और बिटिया को ढेर सा आशीर्वाद। आपने बखूबी पिता की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है।बहुत ही सुंदर और भावनात्मक पोस्ट, बहुत बहुत शुभकामनाएं.

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  52. बिटिया को विदा करना किसी भी पत्थरदिल बाप की आँखों में आँसू ला देता है फिर तो हम संवेदनशील लोग हैं । हमारे लिए यह एक असह्य वेदना है। आधा जीवन जिसे पढ़ा-लिखाकर तैयार करो उसे एक अनजान के संग भेज दो। और पूरी जिंदगी इस प्रार्थना में बीतती है कि हे भगवान मेरी बिटिया को वहां कोई कष्ट न हो। सचमुच एक मार्मिक प्रसंग की अभिव्यक्ति की है आपने । बिटिया को शुभकामनाएं कि वह हमेशा मुस्कुराती रहे और बहू ऐसी हो जो बिटिया की कमी पूरी कर दे। मेरी शुभकामनाएं सतीश जी।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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