यह खूबसूरत रंगोली मेरी बेटी हर वर्ष अपने घर के आंगन में बनाती रही है ! इस वर्ष से उसका अपना घर , मायके में बदल जाएगा अतः उसकी यह अंतिम रंगोली है जिसे उसने अपनी भाभी विधि के साथ बनाया है ! संयोग से विधि की, अपने घर में, यह पहली रंगोली है !
मेरी गुडिया ने, विवाह से पूर्व, इस घर के प्रति अपनी जिम्मेवारियां, विधि को सौंपने की शुरुआत, इस रंगोली से कर दी, और विधि ने अपने घर में पहली रंगोली बनायी !
इस मौके पर, विश्वयात्री एडम परवेज़ ने भी जमकर, इन दोनों की मदद की ! एडम बेटी के विवाह में शामिल होने के लिए, आजकल हमारे मेहमान है ! विश्व भ्रमण पर निकला यह अमेरिकन ४६५ दिन से, अपने घर से बाहर है और हमारा देश, इस यात्रा में उसका ६५ वां देश है ! दिवाली के दिन इस रंगोली पर एडम ने लगभग ४ घंटे काम किया ! हिन्दुस्तानी कल्चर में यह विदेशी योगदान भुलाया नहीं जाएगा !
ग़जब!
ReplyDeleteसंवेदनशील पोस्ट!
प्रेरक बातें।
चार्ज देने और लेने की परम्परा सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !
ReplyDeleteफिर भी आगे बढ़ने के लिए मोह त्यागना पड़ता है .... भारतीय संस्कृति को विदेशी बहुत प्यार और सम्मान से देखते हैं ...
चार्ज देने और लेने की परम्परा सुख से अधिक दुखदायी है ...मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा है आपने फिर इस मोह का त्याग कर माता-पिता सुख की अनुभूति करते हैं ...
सादर
बिटिया ने बहुत खूबसूरत रंगोली बनाई है.
ReplyDeleteबेटी से बिछड़ना एक पिता के लिए सचमुच बड़ा कष्टदायी होता है.
इस बार दिवाली पर हमें भी कुछ सोचकर कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा था.
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♥~*~*~ஜ●दीपावली की रामराम!●ஜ~*~*~♥
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सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान
**♥**♥**♥**●राजेन्द्र स्वर्णकार●**♥**♥**♥**
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आपका आशीर्वाद सक्षम है, राजेंद्र भाई !
Deleteआभार !
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर....रंगोली भी और आपके हर लफ्ज़ में छुपी भावनाएँ भी...
ReplyDeleteबहु,बिटिया को स्नेह..
सादर
अनु
बहुत खूबसूरत रंगोली !
सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
खूबसूरत पोस्ट !
शुभकामनाओं सहित…
सबसे पहले...बेटी के (होने वाले) विवाह के लिए 'हार्दिक बधाई' !:-)
ReplyDeleteये अजीब सुख-दुख के मिलन की घड़ी होती है, जो बहुत पीड़ा देती है... :((
रंगोली बहुत ही सुंदर है ! बिटिया को ढेर सारा आशीर्वाद ! एडम जी को नमस्कार ! उनको भी बहुत आनंद आया होगा...इस रंगोली के रंगों को सजाने में !:)
~सादर !
एडम परवेज बेहद खुश हैं हमारे संस्कृति को महसूस कर ...मुझे विश्वास है कि उनकी विश्व यात्रा में भारत यात्रा उन्हें हमेशा याद रहेगी !
Delete@ he ( http://www.happinessplunge.com/) is happy to join our cultural functions and I believe that he can not forget Indian affection in this world trip .
.मोह छोड़ा नही जाता , बेटी से बिछड़ना बेहद कष्ट कारक है !
ReplyDeleteलेकिन सुखद होता है
और ज्यादा सुखद तब मेह्सूस होता है जब सतीश भाई जी के घर बेटी भेजी हो तो
विधि का पापा
आप और जतिंदर कुमार जैसे भाई मिलें तो यह काम और आसान हो जाता है ज्ञानी जी ! मैं इस मायने में खुशकिस्मत हूँ !
Deleteसादर !
बिटिया ने बहुत सुन्दर रंगोली बनाई है
ReplyDeleteवाकई दोनों बेटियों को बहुत बहुत बधाई ...हमारी यह बेटियाँ जिस घर भी जाती है
यूँही महकाती रहेंगी घर आँगन को, यही हमारी संस्कृति है जो विदेशियों को भी आकर्षित करती है !
बहुत प्यारी लगी पोस्ट आभार !
सुंदर रंगोली ...बिटिया के घर की रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteएक बेटी की बिदा और दूसरी का आगमन -दुनिया की रीत निभानी पड़ती है मन में कुछ भी होता रहे .बस दोनों अपने परिवार में मगन रहें!
ReplyDeleteसुंदर रंगोली,,,,हमारे देश की संस्कृति ही ऐसी है की विदेशी हमेशा प्रभावित होते है,,,शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteRECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,
bahut pyaari rangoli ... dono bitiyaa ko aashish
ReplyDeleteमुबारक और आशीर्वाद बिटिया के सुखमय जीवन के लिए ......
ReplyDeleteआने वाला वक्त ...इन सुहानी यादों को सहज कर रखेगा ...आप को बहलाने को !
आभार!
रंगोली बहुत सुन्दर है ... भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है यहाँ हर कोई हिल मिल जाता है ... सुन्दर भावपूर्ण पोस्ट .... आभार
ReplyDeleteसुंदर रंगोली ..रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteवाकई ! खूबसुरत रंगोली! बृहदाकार में देखने से रंगोली की सुन्दरता एवं कलात्मकता देखते ही बनती है, कैमरे ने भी अपना हुनर दिखाया है..... सचमुच लाजवाब ! यूँ ही सजती रहे रंगोली ! इन्ही शुभकामनाओं के साथ..
ReplyDelete(वास्तव में यदि देखा जाय तो हमारी संस्कृति और हमारी परम्पराएँ ही हमें विश्व पटल पर पहिचान दिलाती हैं, यह बात हम से बेहतर हमारे विदेशी मेहमान एडम परवेज भली-भांति जानते होवेंगे ....? )
आभार....
वाह बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteचंद शब्दों और खूबसूरत रंगोली के माध्यम से आपने संवेदना का आकाश छूने के लिए मजबूर कर दिया। क्या लिखूँ..! बस भाव विभोर हूँ।
ReplyDeleteआभार देवेन्द्र भाई समभाव के लिए ....
Deleteसुंदर रंगोली ..रंगोली सजी रहे ...शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteभावपूर्ण पोस्ट ..सुन्दर रंगोली और सुन्दर भावनाएं.
ReplyDeleteआपका आभार भाई जी ...
ReplyDeleteसांस्कृतिक मूल्यों की प्रस्थापना के लिहाज से एक मील का पत्थर पोस्ट .....एडम एक संस्कृति -यात्रा ,पर्यटन का लुत्फ़ उठा रहे हैं !
ReplyDeleteसभी को शुभकामनायें!
वाह ! शानदार रंगोली|
ReplyDeleteदोनों को शुभकामनाओं सहित शुभ आशीर्वाद|
वाह, बहुत ही रोचक..
ReplyDeleteसाझा विरासत इसी तरह आगे बढती रहे , खुशियाँ भी !
ReplyDeleteरंगोली बहुत खूबसूरत है .
दोनों बेटियों को हमारी बहुत शुभकामनायें !
ReplyDeleteकुछ बेहद निजिक क्षणों को संस्कृति के रंगों को संयुक्त किये रहती है आपकी हरेक पोस्ट .सुन्दर मनोहर .
गज़ब की बेहतरीन पोस्ट है सतीश भाई । बरसों तक मस्तिष्क में सहेजी जाने वाली । एडम से मुलाकात और उसकी विश्व यात्रा के बारे में जानकर कैसी अदभुत अनुभूति हुई कह नहीं सकता । बहुत ही कमाल की पोस्ट । बिटिया की बनाई रंगोली बहुत ही खूबसूरत है
ReplyDeleteसुन्दर रंगोली,सुन्दर परंपरा,सुन्दर बेटियाँ और सुन्दर पोस्ट...मेहमान जी को हमारा भी नमस्ते व दीपावली की शुभकामनाएँ,साथ ही बिटिया को शुभकामनाएँ पुनीत अवसर पर व आपको बधाई..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रंगोली है..
ReplyDeleteअपना चार्ज दूसरो को देने में बहुत मोह लगता है..
दोनों बहनों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
दोनों अपना -अपना चार्ज बखूबी निभाए..
:-)
.
ReplyDelete.
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सर जी,
रंगोली मोहक है,... पर मैं यह भी कहना चाहूँगा कि... "इस वर्ष से उसका अपना घर , मायके में बदल जाएगा" ... मायका व ससुराल का भेद करने के बजाय क्यों न यह कहा जाये कि विवाहोपरान्त बिटिया के पास दो दो घर हो जायेंगे, और रिश्तेदार भी दोगुने !...
...
very nice suggestion Praveen Bhai. Bravo!!
Delete:)
Deleteविवाहोपरान्त बिटिया के पास दो दो घर हो जायेंगे, और रिश्तेदार भी :)))
मैं इस मत का मज़बूत समर्थक हूँ, इस पर बहुत कुछ लिख चुका हूँ ! मेरी बेटी मेरे शारीर का एक अंग है जिसे काटा नहीं जा सकता ...उसका अपना घर , हमेशा उसका अपना घर ही रहेगा !
Deleteमगर यह भी सच है कि उसकी एक नयी दुनियां सृजित हो रही है और उसे अब नए घोंसले में , नए सिरे से मेहनत कर, एक खूबसूरत रूप देना है !
aadan pradan ki mahtvpoorn shuruat ki sundar abhivyakti...
ReplyDeleteआशीर्वाद बिटिया के सुखमय जीवन के लिए
ReplyDeletekya khein....bahut bhavuk ho gaya hai ye mn.....
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत भावनाओं को संजोये रंगोली.
ReplyDeleteबिटिया के विवाह की बधाई और बिटिया को ढेर सा आशीर्वाद। आपने बखूबी पिता की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रंगोली सजी है .
ReplyDeleteइसमें भावनाओं के मधुर रंग भी दिखे.
असीम शुभकामनायें .
बिटिया के विवाह की अग्रिम बधाई।
ReplyDeleteaap jab bhi bacchon se related kuch bhi likhte hain, wo feelings, wo vibes mahsoos hoti hai...
ReplyDeletevwry sweet n colourful post... :)
congratulations again... :)
bhaw se bhari hui baat:)
ReplyDeletepyar rangoli...
.आभार आपकी टिपण्णी का जो रहेगी हमारी धरोहर . एडम जैसे घुमंतू एक आलमी संस्कृति बन रहें हैं .बधाई .
ReplyDeleteदिल को छू गयी आपकी पोस्ट .आभार
ReplyDeleteहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
संवेदनशील पोस्ट । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है।
ReplyDeleteबिटिया की शादी के लिए बहुत बहुत बधाई . रंगोली बहुत सुन्दर है .बहु और बिटिया दोनों को बधाई.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और भावनात्मक पोस्ट, बहुत बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
बहुत खुबसूरत, भावनात्मक, संवेदनशील *****^^^^***** सचमुच लाजवाब ! यूँ ही सजती रहे रंगोली ! इन्ही शुभकामनाओं के साथ..
ReplyDeletebeeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen .vo aapse kabhi door nahi hogi .
ReplyDeletebeeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen .vo aapse kabhi door nahi hogi .
ReplyDeletebeeten tere jeevan ki ghadiyan aaram ki thandi chhavon me .kanta bhi na chubhane pae kabhi meri ladali tere panvon me. beti ko khushi se vida karen . beti kabhi mata-pita se kabhi door nahi jati .unhen apne hriday me rakhti hai .beti ko angin duaaen
ReplyDeleteदीवाली पर रंगोली का अपना क्रेज़ होता है..भारत में ही नही बल्कि बाहर के लोग भी इसे बहुत पसंद करते है...सुंदर चर्चा...धन्यवाद
ReplyDeleteबिटिया के विवाह की बधाई और बिटिया को ढेर सा आशीर्वाद। आपने बखूबी पिता की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है।बहुत ही सुंदर और भावनात्मक पोस्ट, बहुत बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteबिटिया को विदा करना किसी भी पत्थरदिल बाप की आँखों में आँसू ला देता है फिर तो हम संवेदनशील लोग हैं । हमारे लिए यह एक असह्य वेदना है। आधा जीवन जिसे पढ़ा-लिखाकर तैयार करो उसे एक अनजान के संग भेज दो। और पूरी जिंदगी इस प्रार्थना में बीतती है कि हे भगवान मेरी बिटिया को वहां कोई कष्ट न हो। सचमुच एक मार्मिक प्रसंग की अभिव्यक्ति की है आपने । बिटिया को शुभकामनाएं कि वह हमेशा मुस्कुराती रहे और बहू ऐसी हो जो बिटिया की कमी पूरी कर दे। मेरी शुभकामनाएं सतीश जी।
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