Saturday, December 26, 2015
11 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
- सतीश सक्सेना
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बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
ReplyDeleteबहुत प्रभावशाली और सुन्दर रचना....
वाह वाह....कयामत ढा दी आज तो आपने.
ReplyDeleteरामराम
हा हा हा !
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteबहुत खूब..मोदियापा तो छा रहा है आजकल
ReplyDeleteक्या बात है वीसा पर मीसा के लिये भी तैयार रहियेगा :)
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और सटीक
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना, खासकर इन्हे कोट करना अच्छा लगा !
ReplyDeleteकोई हर वक्त देखता है हमें ,
जैसे जनमों से जानता है हमें
वह बे मिसाल हौसला लेकर
नदी, मांदों में खोजता है हमें !
बढिया है...
ReplyDeleteसुन्दर कविता है । कल्पना बेमिसाल है ।
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