Thursday, August 10, 2017

श्रद्धांजलि डॉ अमर नदीम -सतीश सक्सेना

मोहन श्रोत्रिय की वाल से बेहद दुखद खबर है कि मशहूर शायर डॉ अमर नदीम नहीं रहे ....  

डॉ अमर नदीम एक बेहतरीन संवेदनशील व्यक्तित्व थे उनका अचानक चला जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है , कमजोर ग़रीबों के लिए उठने वाली एक मजबूत आवाज हमेशा के लिए शांत हो गयी , बेहद बुरी खबर  .... 

उनकी एक रचना याद आती है... 

मज़हबी संकीर्णताओं वर्जनाओं के बग़ैर 
हम जिए सारे खुदाओं देवताओं के बग़ैर 

राह में पत्थर भी थे कांटे भी थे पर तेरे साथ 
कट गया अपना सफर भी कहकशाओं के बग़ैर 

श्रद्धांजलि  बड़े भाई, 
आप बहुत याद आएंगे !!

https://puraniyaden.blogspot.in/

http://satish-saxena.blogspot.in/2009/08/blog-post_01.html

2 comments:

  1. हार्दिक समवेदना के साथ नमन उनको ।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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