Wednesday, December 19, 2018

घर में बिन बुलाया मेहमान अलेक्ज़ेन्ड्रियान पैराकीट -सतीश सक्सेना

विश्व में हमारे अलावा अन्य कितने ही जीव हैं ,जो हमारी तरह सांस लेते हैं,सोते हैं,जागते हैं,भोजन करते हैं, बात करते हैं, चलते हैं,उड़ते हैं मगर बहुत कम इंसान हैं जो अपने पूरे जीवन में कभी अन्य जीवों के बारे में  सोंचते भी हैं और निश्चित ही यह कमी मानव जीवन को एक महत्वपूर्ण आनंद से वंचित रखती है ! मैं उन खुशकिस्मत इंसानों में से एक हूँ जो इन जीवों से बात करने का प्रयत्न करता रहा हूँ और इनसे दोस्ती बनाए रखने में सफल हूँ ! आप यकीन करें या न करें प्यार का प्रत्युत्तर देने में यह सब जीव मानवों से बेहद आगे हैं ! इंसानों को सबसे अधिक प्यार करने वाले कुत्तों ( जिन्हें हम जाहिलों ने गाली का दर्जा दिया ),स्मार्ट खरगोश , खूबसूरत गिनी पिग ,के बाद पिछले दिनों अचानक एक अजनबी तोता हमारे घर आ गया जिसकी समझदारी ने हमारी धारणाओं को उड़ाकर रख दिया !

हमने इसे पकड़ने की कोशिश न करके इसके लिए भोजन में अमरुद, हरी मिर्च, सेब , बिस्किट आदि रखे और इसने सब कुछ खाया , बेहतरीन बात यह कि अगर मैंने रस को चाय में डुबोकर खाया तो इसने भी दिए गए रस (rusk ) को पहले सामने रखे पानी या दूध में उठाकर डाला और बाद में पलट कर
गुड़िया के साथ 
डाला ताकि और नरम हो जाए और बाद में उसे निकाल कर खाया ( वीडियो देखें ) , इंसान की आवाज की नक़ल करना उसका जवाब देने का इनसे मुकाबला और कोई जीव नहीं कर पायेगा ! कुछ ही दिनों में इसे मुझपर इतना विश्वास हो गया है कि अब मेरे ही साथ मेरे कम्बल में घुसकर एक घंटे से अधिक समय तक सोता रहा है जो इसकी प्रकृति के विपरीत है !
चाय पीते समय गरम कप में मुंह डाल कर अपनी जीभ जला चुका है ! मिट्ठू अच्छा बच्चा है जितनी बार मैं कहता हूँ यह हर बार जवाब देता है कि हाँ यह अच्छा बच्चा है !

 काश हम अपने को श्रेष्ठ न मानकर प्रकृति के अन्य जीवों को ध्यान से समझने का प्रयत्न करें तो शायद अलौकिक आनंद का अनुभव हो !मुसीबत में सिर्फ भगवान याद आते हैं जो हमें मिलने कभी नहीं आते हम उनके बनाये अन्य स्वरूपों को देखने, समझने का प्रयत्न ही नहीं करते !




10 comments:

  1. नमस्ते,

    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 20 दिसम्बर 2018 को प्रकाशनार्थ 1252 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

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  2. काश इंसान भी इन पशु पक्षियों से कुछ सीख सके...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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  3. अरे वाह, बहुत सही :) मिट्ठू मियाँ तो मजेदार हैं. इस अनुभव को शेयर करने के लिए धन्यवाद

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  4. वाकई प्रेम के प्रतिदान में मानव से बेहतर है पशु पक्षी
    क्या गाय क्या बिल्ली कुत्ता या तोता और भी..
    बहुत सुंदर प्रस्तुति है मन को छूती सहलाती।
    वाह।

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  5. आपका मिठ्ठू बहुत प्यारा है....मैं भी कोई पालतू पशु-पक्षी पालना चाहती थी किंतु दिन भर मेरे पीछे उसे सँभालेगा कौन ? पड़ोस में खरगोश और लव बर्ड्स पाले हैं तो उन्हीं को देखकर खुश हो लेती हूँ....

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- सतीश सक्सेना

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