भारत में आजकल लगभग 40 डिग्री टेम्प्रेचर है और एक नए बने रनर ट्रेनी के लिए इस गर्मी में, लम्बी दूरी दौड़ना केवल एक भयावह सपना होता है , पिछले माह जब मैं जर्मनी आया था तब अगले दिन ही यहाँ के ठन्डे मौसम में, इसार नदी के किनारे दौड़ते दौड़ते कब 21 km पूरा कर लिया पता ही नहीं चला जबकि अपने देश में पिछले 4 महीने में मेरा कोई भी ट्रेनिंग रन 21
km के आसपास भी न था ! यहीं एक उदाहरण और देना चाहूंगा 18 जून को अकेले दौड़ते हुए मैंने यह रन बेहद मस्ती और आराम से पूरा किया था जबकि इससे पूर्ववर्ती कई हाफ मैराथन मैंने पूरी ताकत लगाकर दौड़ते हुए भी लगभग इसी समय में पूरे किये थे जबकि शरीर थक कर चूर हो जाता था ! आश्चर्य यह है कि जब भी मैं बिना किसी तनाव के आराम से दौड़ने निकलता हूँ उस दिन गति अधिक ही आती है और मेरा शरीर और मन बिलकुल नहीं थकता !
मुझे ख़ुशी है कि मैं दौड़ के सहारे अपने तथाकथित वृद्ध शरीर का कायाकल्प करने में सफल रहा , आज उन दसियों बीमारियों में से एक भी शेष नहीं बची जिनसे मैं एक समय चिंतित रहा करता था और या सफलता मुझे 60 वर्ष से 64 वर्ष के मध्य मात्र दौड़ना सीख पाने से मिली ! जो व्यक्ति अपने साठ वर्षों में कभी दस मीटर भी न दौड़ा हो वह सिर्फ एक वर्ष के अभ्यास के बाद 21 km लगातार दौड़ने में सक्षम हुआ है एवं बीमारियां कहाँ गायब हुईं यह पता ही नहीं चला !
दौड़ना स्वस्थ शरीर के लिए एक बेहद आवश्यक क्रिया है जिसके द्वारा, शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा शक्ति, शरीर के विभिन्न
अवयवों को वाइब्रेट कर स्फूर्ति प्राप्त करती है ! दुर्भाग्य से आज के समय में बेहतरीन विद्वान भी इस विषय (मानवीय प्रतिरक्षा शक्ति) को अछूता छोड़े हुए हैं और भौतिक सुख सुविधाओं का उपयोग, अपने शरीर को आराम देने में प्रयुक्त कर रहे हैं !
आज हमारे देश में, 50 वर्ष के आसपास का हर चौथा व्यक्ति हार्ट आर्टरीज़ की रूकावट का शिकार है एवं हर तीसरा व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है और ऐसे समय में इसके निदान के लिए मेडिकल व्यवसायी आगे आते हैं ,उनके एजेंट्स, डॉक्टरों के जरिये संभावित असामयिक मृत्युभय के कारण आम व्यक्ति को समझाने में आसानी से कामयाब हैं कि जान जाने से बचने के लिए, उनके पास कितने तरह के केमिकल एवं ऑपरेशन उपलब्ध हैं जिनके सेवन से आपको हृदय रोग से बचाव होगा। ...
वे यह कभी नहीं बताते कि इन दवाओं के सेवन से आपकी किडनी कितने दिनों में आधे से अधिक बर्बाद हो जायेगी और फिर उसकी दवा भी पुराने केमिकल्स (तथाकथित दवा) के साथ खानी होगी !
वे यह कभी नहीं बताते कि मात्र नियमित दौड़ना सीखने से ही आप बिना किसी साइड इफक्ट्स के आप आर्टरीज को साफ़ कर पाएंगे एवं डायबिटीज कभी पास नहीं आ पाएगी !
वे यह कभी नहीं बताते कि पैरों का उपयोग किये बिना आप अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को बेहद कमजोर कर रहे हैं और बीमारी रहित मजबूत मानव जीवन के लिए रोज कम से कम 10 kmचलना व् दौड़ना बेहद आवश्यक है !
वे यह कभी नहीं बताते कि मात्र दौड़ने के नियमित अभ्यास से आपके हृदय आर्टरीज़ में जमा रक्त के थक्के समाप्त हो सकते हैं !
वे यह कभी नहीं बताते कि मेडिकल साइंस अभी खुद शैशव अवस्था में है और मेडिकल कॉलेज बरसों से पुराना ज्ञान ही पढ़ाते रहते हैं ऑपरेशन करते समय कई बार डॉक्टर्स को यह पता ही नहीं होता कि इस नए लगे चीरे से क्या क्या कट गया और उसका असर क्या होगा !
वे कभी नहीं बताएँगे कि जंग लगे घुटनों से चलने में दर्द तो होगा मगर यह प्रयत्न करना छोड़ें नहीं एक दिन यह घुटने मजबूत जोड़ वाले घुटनों में बदल जाएंगे हाँ वे सब यह अवश्य बताते हैं कि बढ़ी उम्र में आपके घुटने के कार्टिलेज डैमेज हो गए हैं , अब उनका उपयोग कम करें !
वे यह कभी नहीं बताते कि अपने परिवार में वह दवाएं कभी नहीं देते जो वे अपने मरीजों में धड़ल्ले से बांटते हैं !
वे यह कभी नहीं बताते कि उन्हें हर रेकमेंडेड टेस्ट से लगभग 50 प्रतिशत पैसा कमीशम में बापस मिलता है !
वे यह भी नहीं बताते कि अधिकतर लैब टेस्ट, टेबल पर बैठकर बिना टेस्ट किये , सिग्नेचर कर जारी किये जाते हैं !
वे यह भी नहीं बताते कि लैब्स के पास रोज आये सैकड़ों सैंपल टेस्ट करने की क्षमता, उपकरण एवं तकनीशियन लैब में होते ही नहीं !
हजारों तरह के एड हम रोज देखते हैं , कोई एड यह नहीं बताता कि हम अपने शरीर में दौड़ने की आदत विकसित कर 60 वर्ष की उम्र के बाद भी कायाकल्प करने में समर्थ हो सकते हैं एवं बड़ी उम्र में भी शरीर से अनावश्यक क्षरण को रोकना संभव है !
वे कहेंगे कि आपकी उम्र अब इस योग्य नहीं कि हैवी व्यायाम करने का प्रयत्न करें वे कभी नहीं बताएँगे कि आप धीमे धीमे हलके व्यायाम करते हुए अपने शरीर को मेहनत करने की आदत डालें और यकीन रखें कि आप भी कुछ वर्षों में युवकों जैसा व्यायाम कर पाने में समर्थ होंगे ! धीमे धीमे व्यायाम करते हुए एक आध वर्षों में आपके जीर्णशीर्ण अवयव पहले बीमारी मुक्त होंगे और बाद में अपनी पूरी शक्ति के साथ नए ऊतकों के साथ आपके शरीर को नया अनुभव देने में समर्थ होंगे !
ये सब एक ही बात कहते हैं कि यह दवाएं खाइये आप स्वस्थ होंगे और दवाओं से पहले उसे बीमारी से संभावित खतरे जो मौत की और ले जाते हैं को खूब घंटे बजाकर बताया जाता है ताकि उस अस्वस्थ व्यक्ति के विचार को इतना शून्य और क्षतिग्रस्त कर दिया जाए कि वह इन दवाओं की शरण से अपनी पूरी जिंदगी में निकलने के बारे में कभी सोंच भी न सके !
इस लेख का उद्देश्य उपरोक्त तथ्यों पर आपका ध्यान दिलाना है ताकि आप उचित फैसले ले सकें !
इस लेख का उद्देश्य उपरोक्त तथ्यों पर आपका ध्यान दिलाना है ताकि आप उचित फैसले ले सकें !
आपकी ये उर्जा बनी रहे और भटके हुऐ लोगों के लिये उदाहरण बने। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteप्रेरणादायक पोस्ट
ReplyDeleteआपके कामयाब नुस्कों के साथ अस्सान हो जाता है जीवन ...
ReplyDeleteवाह!!बहुत ही प्रेरक लेख । वंदन आपकी सकारात्मकता और मेहनत को 🙏
ReplyDeleteहौसलों का दम है...जो नमूदार हुआ है इसतरह ... प्रणाम सतीश जी
ReplyDeleteआप को भी लिखना चाहीये . आप भी बहुत अच्छा सोचते है
Deleteबहुत ही सुन्दर सकारात्मकता प्रस्तुति श्रीमान chhayabad
ReplyDeleteलाजवाब
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