Friday, February 4, 2022

67 वर्ष में मेरे कायाकल्प हेतु सफल जीवन मंत्र -सतीश सक्सेना

-मन और देह को इतना खुश रखना कि कष्टों को याद करने का समय ही न बचे
-दिन में धूप और रात में नींद का आनंद लेना
-जब भी भूख लगे प्राकृतिक जल पीना
-हाथ पैरों को क्रियाशील बनाये रखना, गौर करें कि यह हिलाने के लिए ही बनाये गए हैं ताकि शारीरिक मशीन बेहतरीन काम करते हुए सौ वर्ष तक आराम से चले ! प्रयोग के लिए केवल तीन दिन तक मुट्ठी रूमाल से बाँध कर रखें और फिर खोल दें आपको अपनी उँगलियों के जोड़ खोलने के लिए एक महीने तक उनकी एक्सरसाइज करनी पड़ेगी !
-और सबसे कम प्राथमिकता भोजन को दें, दिन में लगभग 12 बजे सिर्फ उतना घर का बना साधारण भोजन खाएं जितना पूरे दिन में श्रम किया हो अगर दिन में कुछ काम न किया हो तो उस दिन भोजन का निर्ममता से त्याग करें ! केवल मेहनत कश लोगों के शरीर को शाम के भोजन की आवश्यकता होती है !

8 comments:

  1. अनमोल हैं आपके स्वास्थ्य सूत्र सतीश जी। हार्दिक आभार सबको उत्तम स्वास्थ्य की सरल प्रणाली से परिचित कराने के लिए।🙏🙏

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (6-2-22) को "शारदे के द्वार से ज्ञान का प्रसाद लो"(चर्चा अंक 4333)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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  3. काश कि स्वस्थ रहने के लिए जो बातें आपने कही उनका हम अक्षरशः पालन कर पाते। याद रखेंगे और कोशिश करेंगे देखते हैं कितने सफल होते हैं इस टेस्ट में घर-दफ्तर की दौड़धूप के बीच।
    मैं समझती हूँ हर बार की तरह आपने शरीर को निरोगी रखने के लिए जो टिप्स दिए है वे निःसंदेह सबके लिए बेहद उपयोगी हैं, धन्यवाद !

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  4. बहुत प्रेरक जीवन मंत्र ।

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  5. सुंदर सीख

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  6. आदरणीय सतीश जी, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए आपका हार्दिक साधुबाद!--ब्रजेंद्रनाथ

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  7. बहुत प्रेरक पोस्ट सर, बहुत बहुत शुक्रिया ।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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