अधिकतर आँखों से पानी निकलते ही हम डॉ के पास भागते हैं जबकि यह आँखों को स्वच्छ रखने की, शरीर द्वारा अपनायी सामान्य प्रक्रिया है , इससे आँखें स्वच्छ और पारदर्शी होती हैं ऐसा मेरा विश्वास है , पिछले तीन महीने रज़ाई में लेटे लेटे मुझे यह याद ही नहीं आया और आँखों का बहुत नुक़सान हुआ , अब कोशिश रहेगी कि आँखों को स्वच्छ रखने की यह नियमित प्रक्रिया जारी रहे और शायद यह धुंधली परत धीरे धीरे कम हो जाये ! हमारे पूर्वज गुफ़ामानव अपनी आँख के कैटरेक्ट को ऐसे ही ठीक करते रहे हैं , सो पानी निकलता है तो निकलने दें एवं जल से लगातार धोने की आदत , निस्संदेह कैटरेक्ट को दूर रखने में सहायक होगी !
७० वर्ष होने तक मैंने अभी ख़ुद को मेडिकल व्यापारियों के जाल से बचाये रखा है , अगर शरीर आँखों की इस समस्या को ख़ुद ठीक न कर सका तब आने वाले समय में ऑपरेशन कराना ही होगा जो मेरा आख़िरी विकल्प होगा ! आँखों के सामान्य व्यायाम आदि पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि आँखें बिना चश्मा आदि के उपयोग बिना अधिक समय तक साथ दें !
जमा होने नहीं पाये , तुम्हारी आँख का पानी !
यही ठंडक बहुत देगा, तुम्हारी आँख का पानी !
हमेशा रोकने में ही , लगायी शक्ति जीवन में !
न जाने कितनी यादों को समेटे आँख का पानी !
शुभकामनाएँ आप सबको !
एक और उत्साह वर्धक पोस्ट, शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआप बीती के माध्यम से बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने सर 🙏
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteTf अपनी आँखों का खयाल रखिये सतीश जी! यही संसार को देखने का द्वार है हमारा 🙏😊
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