Tuesday, February 8, 2011

एक बेहतरीन ब्लॉग परिचय -सतीश सक्सेना


"अगर मेरा बस चले, तो आपके ब्लॉग को "सबसे अच्छा ब्लॉग " का अवार्ड दूं ! आम आदमी के भले के लिए, आपकी दी हुई जानकारी, बेशकीमती हैं ! शुभकामनायें आपको ! "
                   उपरोक्त कमेन्ट मैंने कुमार राधारमण के ब्लॉग पर दिया है  ! आम आदमी के स्वास्थ्य की सुरक्षा के द्रष्टि से, जो ब्लॉग बनाये गए हैं,  उनमें कुमार राधारमण की सरल भाषा में दी गयी जानकारी मुझे बहुत प्रभावित करती रही है !
                    हाल में पढ़ा एक बेहतरीन लेख  " अकेलापन है सबसे बड़ा रोग ...." पढ़कर आनंद आ जाता है ! इनकी लेखनी स्वास्थ्य सम्बन्धी ही नहीं, सामाजिक विषयों और मानवीय संबंधों पर भी समान अधिकार रखती है ! इनके लेखों से , लेख़क के अन्दर की मानवीय संवेदनाओं का अथाह भण्डार का पता भी चलता है !
                     मेरा खुद का मानना भी है कि आपस में स्नेह और भावनात्मक जुड़ाव बहुत महत्वपूर्ण है , जिन सम्बन्धों , परिवारों  में यह बंधन होता है वे अक्सर निरोगी पाए जाते हैं ! भयंकर बीमारी के समय, माथे पर स्नेह युक्त हाथ का एक स्पर्श, आधी बीमारी ठीक करने के लिए पर्याप्त होता है !

49 comments:

  1. कुमार राधारमण जी से मै मिला हूँ ... जितना अच्छा ब्लॉग लिखते हैं उतना अच्छा व्यक्तित्व भी है उनका ... लेकिन टिप्पणियों की होड़ मे शामिल होना उनका शगल नहीं है। सीधे सच्चे इंसान हैं।

    @सतीश जी- आप से शिकायत है कि कुछ दिनों से आपके ब्लॉग पर रचनात्मक पोस्टें पढ़ने को नहीं मिल रही हैं...कोई नाराजगी है हम से? :)

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  2. इस ब्लॉग की नियमित पाठक हूँ..... सचमुच जानकारीपरक आलेख पढने को मिलते हैं........ धन्यवाद

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  3. सहमत हूं आपसे .. कुमार राधारमण जी को शंभकामनाएं !!

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  4. kumar bhai apne parosi hain......aur
    bakiya unke bare aap khud hi kah chuke hain......aap se sahmati hai...

    inka catogary atyalp wali hai yane ke
    ' s w a n t a h : s u k h a y '

    pranam.

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  5. मेरी भी कोशिश यही रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कुमार राधारमण जी के आलेखों को पढ़ कर लाभ उठा सकें इस लिए वार्ता लगते समय मैं अक्सर ही इनकी पोस्टो को शामिल करता हूँ ... काफी उम्दा और प्रभावी तरीके से हम सब को स्वास्थ्य की सुरक्षा के द्रष्टि से बेहद जरुरी जानकारी मिल रही है ... कुमार साहब को मेरी हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !


    आपकी मंगलकामनायों के लिए बहुत बहुत आभार ... स्नेह बनाये रखें !

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  6. एक अच्छे ब्लॉग से परिचय के लिए शुक्रिया सतीश जी !देखते हैं जाकर.

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  7. अच्छे ब्लॉग से परिचय करने का आभार।

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  8. भाई सतीश जी अगर मुस्कराहट पर कोई अवार्ड हो तो मैं आपको नामित करूँगा |मैं बसंत पर आपको बधाई के साथ एक दोहा भेंट करूँगा जो कैलाश गौतम का है ..लगे फूंकने आम के बौर गुलाबी शंख |कैसे रहें किताब में हम मयूर के पंख |फिर मिलेंगे ...

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  9. भाई सतीश जी अगर मुस्कराहट पर कोई अवार्ड हो तो मैं आपको नामित करूँगा |मैं बसंत पर आपको बधाई के साथ एक दोहा भेंट करूँगा जो कैलाश गौतम का है ..लगे फूंकने आम के बौर गुलाबी शंख |कैसे रहें किताब में हम मयूर के पंख |फिर मिलेंगे ...

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  10. एक बेहतरीन ब्लॉग से परिचय कराने के लिए धन्यवाद...

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  11. मंगल कामनाये और शुभकामनाएं सतीश जी ....

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  12. आपका आभारी हूँ आज आपके द्वारा एक और अच्छे ब्लाग का पता चल गया

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  13. एक अच्छा ब्लॉग दिखाया आपने... धन्यवाद....

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  14. सतीश जी

    अच्छे ब्लॉग से परिचय करने का आभार।

    आपको वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!

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  15. अच्छे ब्लॉग से परिचय के लिए शुक्रिया सतीश जी.
    आपको वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!

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  16. मै उन्हें नियमित रूप से पढ़ती हूं और ज्यादातर टिप्पणी भी देती हूं |

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  17. ‘हाल में पढ़ा एक बेहतरीन लेख " अकेलापन है सबसे बड़ा रोग ...."

    तभी तो आदमी को सोशियल एनिमल कहते हैं :)

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  18. बहुत आभार आपका इस परिचय के लिये.

    रामराम.

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  19. कुमार राधारमणजी के ब्लाग की अधिकांश पोस्ट मैं पढता भी हूँ और आवश्यक लगने पर टिप्पणी भी देता हूँ, लेकिन शायद ये विषय ही ऐसा रहता है कि अधिक टिप्पणियों की इसमें गुंजाईश भी नहीं मिलती है ।

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  20. गुरुदेव!
    कुमारराधारमण जी जब पहली बार मेरे ऑफिस में आए (लाए गए)थे तब से उनके व्यक्तित्व का कायल हूँ.. इतने मितभाषी व्यक्ति हैं कि कभी कभी मूक (स्माइली)होने का भ्रम होता है.. सामने वाले के दिमाग़ का एक्सरे करती हुई आँखें और शब्दों को तौलते हुए मस्तिष्क उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है!
    इनके लिए ब्लॉग लेखन विज्ञापन नहीं,सेवा है.. और आपके साथ तो सामंजस्य उचित भी है.. कल ही आपके एक मरीज़ का फोन आया था बेंगलुरू से (मेरी बड़ी बहन)कि आपके ईलाज और सलाह से सिर्फ चार दिनों में ही असर दिखने लगा है!! गुरुदेव बधाई!!

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  21. कुमार राधारमन जी चिकत्सा मामलों के सिद्धहस्त ब्लॉगर हैं !आपने बिलकुल सही ही उन्हें अपनी लेखनी का विषय बनाया !

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  22. किसी और का परिचय कराने के लिए अपना वक्त सभी जाया नहीं कर सकते। कम से कम,किसी अपरिचित के लिए तो बिल्कुल नहीं। मगर कुछ लोगों ने किया है। upchar.blogspot.com को छिटपुट रूप से तो पत्र-पत्रिकाओं में जब-तब स्थान मिलता रहा था किंतु इसकी सविस्तार चर्चा सबसे पहले कस्बा वाले रवीश जी ने दैनिक हिंदुस्तान में की थी। फिर विचार,मनोज और राजभाषा हिंदी इत्यादि ब्लॉगों के स्वामी श्री मनोज जी ने चिट्ठाचर्चा ब्लॉग पर इसे व्यापक स्थान दिया था। अभी कुछ ही दिन पहले,रचना जी ने नारी ब्लॉग पर इसका ज़िक्र किया और अब सतीश जी ने की है। इनमें सिर्फ मनोजजी से आँशिक परिचय था-वह भी बहुत हाल का। अनजाने-अनदेखे लोगों की यह आत्मीयता भावुक करती है और यह विश्वास दिलाती है कि गुटबाज़ी की तमाम चर्चाओं और ब्लॉगिंग के प्रति अनेक आशंकाओं के बावजूद ब्लॉगजगत एक परिवार के रूप में उभर रहा है।

    टिप्पणियों की संख्या को लेकर न मुझे कभी शिकायत थी,न होगी। पाठकों का ब्लॉग पर आना ही बहुत है। पिछले दिनों जाकिरजी ने बीस सर्वाधिक पढ़े जा रहे हिंदी ब्लॉगों की जो सूची पेश की थी,उसमें भी यह ब्लॉग शामिल था। गूगल के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस ब्लॉग को मेरे अनुमान से अधिक पाठक मिल रहे हैं। हां,किसी दौड़ का हिस्सा मैं निश्चय ही नहीं हूं।

    सभी चर्चाकारों,पाठकों और शुभचिंतकों के प्रति पुनः कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहता हूं जिनके कारण मुझे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से प्रेरणा मिलती रही है काम जारी रखने के लिए।

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  23. राधा रमण जी का ब्लॉगजगत में योगदान सराहनीय व प्रशंसनीय है।

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  24. वाकई ये तो बहुत अच्छा है.....ध्यान दिलाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.....
    खुश रह के रोग से मुक्त तो हुआ हे जा सकता है...
    हमसे लगता है आपकी कुछ नाराजगी हो गयी है....
    वसंत पंचमी की शुभकामना....

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  25. उस दिन भूखा रहा तो आपसे भरोसा उठने ही लगा था लेकिन आज की परिचयात्मक प्रस्तुति तसल्ली दे गई ! अब मैं 'डट' के दिन गुज़ार सकूंगा :)

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  26. सतीश जी राधारमण जी से मिलवाने के लिये धन्यवाद ।

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  27. ाच्छे ब्लाग के परिचय के लिये आभार। बहुत ग्यानवर्द्धक आलेख लिखते हैं। बसंतोत्सव की शुभकामनायें।

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  28. एक अच्छे ब्लॉग से परिचय कराने के लिए शुक्रिया

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  29. आपका आभारी हूँ आज आपके द्वारा एक और अच्छे ब्लाग का पता चल गया ,

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  30. इस ब्लाग से परिचित कराने के लिए आपका आभार ,सतीश जी .आपकी परोपकारी वृत्ति के लिए मेरे मन में विशेष आदर है .और वही महत्व इस ब्लाग के लेखक कुमार राधारमण जी के लिए.

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  31. सतीश भाई,
    शायद आपको याद होगा कि आप व्यस्तता के चलते दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में हुई ब्लॉगरों की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए थे...वहीं मेरा राधारमण जी से पहली बार मिलना हुआ था...मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनसे रू-ब-रू बात करने का मौका मिला...स्वास्थ्य के गूढ़ विषय को आम आदमी के लिए जिस रोचक शैली में राधारमण जी लिखते हैं, वो अद्भुत है...और इस सबसे ऊपर राधारमण जी बहुत बढ़िया इनसान हैं...

    जय हिंद...

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  32. मैं तो उनका पुराना पाठक हूं। अपनी पसंद की चर्चा भी अच्‍छी लगती है।

    ---------
    ब्‍लॉगवाणी: एक नई शुरूआत।

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  33. सतीश जी ..आपने राधारमण जी के बारे में जानकारी दी इसके लिए आपका आभार।

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  34. Thank u so much Uncle for sharing such a nice blog and such a nice Infos...
    went there first, read and then back to ur blog...
    Thank u so much again... hope to get more such stuff... :)

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  35. bahut sunder
    jai baba banaras------

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  36. कुमार राधारमणजी के अच्छे ब्लॉग से परिचय करने का आभार।

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  37. @ अली सर ,
    आगे ध्यान रखूंगा की आप को भूखा न रहना पड़े
    :-))

    @ डॉ अरविन्द मिश्र
    आभारी गुरु आपका ...

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  38. सत्य कहा आपने...प्रेम सद्भाव पारिवारिक शांति व्यक्ति को मानसिक क्या शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखता है...

    राधारमण जी बहुत सोच रखते हैं और लिखते भी बहुत अच्छा हैं...

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  39. राधारमण जी से परिचय कराने के लिए आभार ।

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  40. blogs par aur kuchh dhyan se padha jaye ya na padha jaye...........par apka yaha likha to hamne dhyan se padha hai............vese achha laga/...........

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  41. मैं आपसे पुर्णतः सहमत हूँ ....कुमार राधारमण जी को हार्दिक बधाइयाँ

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  42. AIIAS
    National Integration and communal Harmoney
    in Mailanker Hall, Vithal Bhai patel House, Rafi Marg,-----on---24-02-2011--at---4.30 pm--to--9.30 pm

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  43. बस मैंने भी उनके ब्लॉग को रीडर पे एड कर लिया है...:)

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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