अगर हिमालय ले अंगड़ाई,कैसे भार संभाल सकोगे !
सूरज के,नभ से बरसाए क्या अंगार, संभाल सकोगे ?
सृजनमयी के पास , अनगिनत रत्नों के भंडार भरे हैं !
मैं गंगा को ला तो दूंगा,पर क्या धार संभाल सकोगे ?
सारे जीवन गीत लिखे हैं , निर्धन और अनाथों पर,
जाने पर मेरे गीतों के , दावे दार संभाल सकोगे ?
जीवन भर तुम रहे साथ में,ऊँगली पकडे पापा की
बेईमानों बटमारों में ,क्या व्यापार संभाल सकोगे ?
खाली हाथों आया था मैं , खूब लुटाकर जाऊंगा ,
हँस हँस कर ली जिम्मेदारी बेशुमार संभाल सकोगे ?
सृजनमयी के पास , अनगिनत रत्नों के भंडार भरे हैं !
मैं गंगा को ला तो दूंगा,पर क्या धार संभाल सकोगे ?
सारे जीवन गीत लिखे हैं , निर्धन और अनाथों पर,
जाने पर मेरे गीतों के , दावे दार संभाल सकोगे ?
जीवन भर तुम रहे साथ में,ऊँगली पकडे पापा की
बेईमानों बटमारों में ,क्या व्यापार संभाल सकोगे ?
खाली हाथों आया था मैं , खूब लुटाकर जाऊंगा ,
हँस हँस कर ली जिम्मेदारी बेशुमार संभाल सकोगे ?
खाली हाथों आया था मैं , खूब लुटाकर जाऊंगा ,
ReplyDeleteहंस हंस कर ली जिम्मेदारी बेशुमार,संभाल सकोगे ?
..बहुत बढ़िया सार्थक सन्देश ...
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विचार ,अति उत्तम
ReplyDeleteझकझोरती उक्तियाँ !
ReplyDeleteसाधू साधू
ReplyDeleteवाह--ये तो आपका भागीरथ प्रयास होगा ---सही है इन प्रयासों को कोई सम्भालनेवाला भी तो चाहिये ---अभूतपूर्ब अभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाह ! जोश भरा जज्बा...प्रभावशाली पंक्तियाँ
ReplyDeleteखाली हाथों आया था मैं , खूब लुटाकर जाऊंगा ,
ReplyDeleteहंस हंस कर ली जिम्मेदारी बेशुमार,संभाल सकोगे ?
सार्थक सन्देश ...
main kal aa kar waapas chali gai comment box hi nahin khul paaya
ReplyDeletebahar haal bahut umda\ khaas kar ye ash'aar
अगर हिमालय ले अंगड़ाई,कैसे भार संभाल सकोगे !
सूरज के,नभ से बरसाए क्या अंगार, संभाल सकोगे !
सृजनमयी के पास , अनगिनत रत्नों के भंडार भरे हैं !
मैं गंगा को ला तो दूंगा,पर क्या धार संभाल सकोगे ?
अगर हिमालय ले अंगड़ाई,कैसे भार संभाल सकोगे !
सूरज के,नभ से बरसाए क्या अंगार, संभाल सकोगे !
सृजनमयी के पास , अनगिनत रत्नों के भंडार भरे हैं !
मैं गंगा को ला तो दूंगा,पर क्या धार संभाल सकोगे ?
खाली हाथों आया था मैं , खूब लुटाकर जाऊंगा ,
ReplyDeleteहंस हंस कर ली जिम्मेदारी बेशुमार,संभाल सकोगे ?
खाली हाथ कोई नहीं आता साथ में अनेक संभावनायें भी लाता है जीवन एक अवसर है कुछ होने के लिए कुछ पाने के लिए और पानेवाला ही खूब लुटाता है बेशर्त ! सुन्दर रचना !
पीड़ा के संग आह्ववान और उत्तरदायित्व का बोध कराती गीतों की माला
ReplyDeleteसारे जीवन हमने सबको, दिल में बसाकर रखा है !
ReplyDeleteमर जाने पर इन गीतों के, दावेदार संभाल सकोगे ! ..
वाह ... हर पांति पर वाह वाह ही निकलता है ... लाजवाब गीत ...
ये इंतजामात करना
ReplyDeleteइनको बहुत आता है
क्या नहीं कर सकते हैं ये
हर एक इनमें से
शिव के पास शायद जाता है
आप ले भी आयेंगे गंगा
इनको कुछ नहीं होगा कहीं
रास्ते में से पानी चुरा कर
उधर पहुँचाना भी
इन्हे बहुत आता है :)
सारे जीवन हमने सबको, दिल में बसाकर रखा है !
ReplyDeleteमर जाने पर इन गीतों के, दावेदार संभाल सकोगे !
.................प्रभावशाली पंक्तियाँ