Monday, June 15, 2015

तेरे झंडों से न, हिन्दोस्तान जाना जाएगा - सतीश सक्सेना

जो यहाँ जन्में उन्ही का देश माना जाएगा !
तेरे झंडों  से न, हिन्दोस्तान जाना जाएगा !

साधू,बाबा,तांत्रिकों ने देश शर्मिन्दा किया 
आस्था से धन कमाने का ज़माना जाएगा !

शहर जीता जब उन्होंने तब नशे में लोग थे 
होश आने दे शहर को ये ठिकाना जाएगा !

शुक्र है अब नौजवां, अंधे नहीं इस देश के
नबी के बच्चों से झगडे का बहाना जाएगा !

मिटा पाओगे निशां,अल्बर्ट,सेखों,हमीद के ?
सरजमीं पे उन्हीं का अधिकार माना जाएगा !

18 comments:

  1. हमेशा की तरह सुंदर और यथार्थ रचना।

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  2. तेरे झंडों से न, हिन्दोस्तान जाना जाएगा !
    झंडे के डंडे निकाल कर तुझे ही पीटा जायेगा !

    बहुत खूब ।

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  3. काश यही सच हो ....... ऐसा ही माना जाए !!

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  4. बहुत सुन्दर

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  5. शहर जीता जब उन्होंने तब नशे में लोग थे
    शुक्र है अब नौजवां, अंधे नहीं इस देश के ---सारे तत्व इन्ही में निहित हैं। खूबसूरत सन्देश देती हुई हर पंक्तियाँ --उम्दा।

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  6. मिटा पाओगे निशां,अल्बर्ट,सेखों,हमीद के
    सरजमीं पे उन्हीं का अधिकार माना जाएगा !
    बिलकुल सही कहा है , सटीक रचना !

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  7. सही ... सटीक हैं सभी शेर ... कई शेरों में व्यंग की धार बहुत तेज़ है ...

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  8. एक और जबरदस्त प्रस्तुति

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  9. बढ़िया ग़ज़ल

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  10. प्रस्तुति पढ कर आनंद आया

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  11. True, people get enlightened over the period and then know what actually happened in their ignorance. Necessity is people move into conscious direction which is omnibus. Good, regards.

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  12. साधू,बाबा,तांत्रिकों ने देश शर्मिन्दा किया
    आस्था से धन कमाने का ज़माना जाएगा !

    हमारी-आपकी आशाएं फलीभूत हों !
    प्रेरक रचना ।

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  13. कब खबर उनको लगेगी
    एक दिन निह भी आजमाया जायेगा।

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  14. कब खबर उनको लगेगी
    एक दिन निह भी आजमाया जायेगा।

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- सतीश सक्सेना

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