Friday, February 9, 2018
12 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
- सतीश सक्सेना
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वाह ! सुंदर रचना..वाकई अच्छे दिन वे ही होते हैं जब हमें दूसरों से कोई उम्मीद ही नहीं होती..अपने से जो हो जाये वह कार्य करते रहना है, हर भारतीय यदि सजग होकर अपना कर्त्तव्य निभाएगा तभी तो अच्छे दिन आयेंगे.
ReplyDeleteजी सही पकड़े हैं। उम्मीदें अब कर नहीं रहे हैं बस जमा कर रहे हैं :)
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, वलेंटाइन डे पर वन विभाग की अपील “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteउम्मीदें कुछ कम कर बेटा !
ReplyDeleteऔर
तू ख़ुद भी तो कुछ कर बेटा !
बहुत ख़ूब सतीश सक्सेना जी. आपका बेटा कह रहा है -
ReplyDeleteजुमले फेंकू अगर नहीं तो, धोखा देना मुश्किल होगा,
अगर हक़ीक़त दिखलाऊंगा, जनमत पाना मुश्किल होगा.
पूज्य पिताजी, राजनीति में, झूठ हमेशा फल देता है,
सत्य-अहिंसा का निर्वाहन, इस धंधे में मुश्किल होगा.
गज़ब लिखा है मंगलकामनाएं आपकी प्रभावी कलम को !
Deleteबहुत ही प्यारी रचना
ReplyDeleteआभार आपका रचना पसंद करने को !
ReplyDeleteवाह!!बहुत खूब!!
ReplyDeleteशानदार रचना
ReplyDeleteसच और सटीक
ReplyDeleteसादर
वाह क्या खूब लिखा है ...सूख गए , तालाब प्यार के
ReplyDeleteअब न रहे, पद्माकर बेटा !
इस निष्ठुर जंगल में तुमको
मिलें खूब , आडम्बर बेटा !