Thursday, June 14, 2012

ब्लोगर साथियों का स्नेह आवाहन -सतीश सक्सेना


इस दुनियां में मुझसे बेहतर 
गीत, सैकड़ो लिखने वाले  ! 
मुझसे अच्छा कहने वाले, 
मुझसे  अच्छा गाने वाले  !
यह प्रयास भी सार्थक होगा,अगर आप आ जाएँ मीत !
मात्र उपस्थित होने से ही ,  गौरव शाली   मेरे  गीत  !


आज तुम्हारे पदचापों  की     
सांस रोककर आशा करता 
तेज धूप में घर से  निकलें  
रफ़ी मार्ग,आवाहन करता 
देखें कितना प्यार भरा है,कितने घर तक पंहुचे गीत !  
कड़ी  धूप में , घर से बाहर, तुम्हें बुलाते मेरे गीत  !


कौन हवन को पूरा करने
कमल, अष्टदल लाएगा ?
अक्षत पुष्प हाथ में लेकर
कौन साथ में, गायेगा  ?
यज्ञ अग्नि में समिधा देने,तुम्हें बुलाते मेरे मीत !
पद्मनाभ की स्तुति करते , आहुति देते मेरे गीत !


मेरे गीत का पुस्तक परिचय संगीता स्वरुप जी की कलम द्वारा  उनके ब्लॉग "गीत मेरी अनुभूतियाँ " पर जानिये , उनकी शैली और कलम मिल जाने से निस्संदेह  मेरे गीत गौरवान्वित हैं !
आभार इस स्नेह के लिए !

106 comments:

  1. हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें।

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    1. आपका स्वागत है वंदना जी ...

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  2. बाबा लोग, दिलों में भावनाओं का ज्वार लिए, पर खाली हाथ आते हैं, माल सब जजमान का होता है :)

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    1. आजकल जजमान , बाबाओं से सावधान हैं, आओ फिर बताते हैं
      :)

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  3. क्या बात है ..निमंत्रण भी एक गीत.
    आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें सफल आयोजन हेतु.

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    1. शुक्रिया आपका शिखा !

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  4. होंगे इस दुनिया में आपसे बेहतर.. और अच्छे.. पर हमें कोई नहीं मिला.. तो आप ही हुए न हमारे लिए बेस्टेस्ट ऑफ़ बेस्ट.. यू आर जेम... आपके इस एचीवमेंट पर हमें गर्व है.. विमोचन के लिए आपको बहुत बहुत बधाई.. और ऐसा ही स्नेह इस छोटे भाई पर हमेशा ही बनाये रखिये..

    सादर आपका

    महफूज़

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    Replies
    1. शुक्रिया महफूज़....
      तुम्हारा इंतज़ार रहेगा !

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  5. वाह,,,, बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,आमंत्रण के लिये आभार

    MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: विचार,,,,

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    Replies
    1. आपका स्वागत है ...

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  6. हर गीत अपनी अलग पहचान और सुंदरता लिए हुए होता है!..जैसे कि हर फूल सुन्दर ही होता है...बस!..पसंद अपनी अपनी होती है!...बहुत सुन्दर रचना!

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    1. शुक्रिया अरुणा जी ...

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  7. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें मित्र .
    अवश्य आयेंगे .

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    Replies
    1. डाक्टर साहब ,
      ये अजीब इत्तफाक है कि मैंने नेट आन किया और सतीश भाई की ये पोस्ट देखी ! इससे पहले कि मैं कोई टिप्पणी कर पाता , मेरे घर के दरवाजे चहकने लगे , सोचा बाद में टिप्पणी करता हूं , पहले मेहमान को देख लूं , बाहर कूरियर सर्विस वाला बंदा सतीश भाई का काव्य संकलन लिए खड़ा था ! मैंने सतीश भाई को फ़ौरन फोन किया और बताया कि मेरे गीत मुझे मिल गई है !

      चूंकि आप वहां जाने वाले हैं तो उन्हें विमोचन के मौके पर मेरी मुबारकबाद भी कह दीजियेगा !

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    2. आपके बिना क्या आनंद हुज़ूर...

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    3. अली सा, आपकी मुबारकवाद सतीश भाई तक पहुँच भी गई है . लेकिन वे कबूल तो तभी करेंगे जब आप स्वयं आयेंगे :)

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    4. वैसे अली सा को आना ही चाहिए, नहीं तो सतीश भाई बुरा मान जायेंगे,

      अली सा, तत्काल कटवाइए ओर पहुंचिए, हम भी दिद्दार कर लेंगे.

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    5. @ सतीश भाई बुरा मान जायेंगे,

      यह गुस्ताखी नहीं होगी दोस्तों के लिए दीपक बाबा ! वे आयेंगे तो महफ़िल रोशन हो उठेगी !

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    6. अभयदान हमने भी कैच कर लिया जी:)

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  8. पुस्तक प्रकाशन के लिए हार्दिक बधाई !!
    उसी दिन 'खामोश, खामोशी और हम'का भी विमोचन है|
    रश्मिप्रभा जी के सम्पादन मे छपे इस पुस्तक का मैं भी एक हिस्सा हूँ|
    सभी को शुभकामनाएँ !!!

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  9. गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई आपको सतीश जी. और ढेरों शुभकामनाएँ आपके रचना संसार के लिए.

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  10. भाई जी ,
    बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकारें!
    आभार!

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    Replies
    1. शुक्रिया बड़े भाई ...

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  11. Replies
    1. आप किसी भी उत्सव की गरिमा हैं काजल भाई ...

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  12. आज तुम्हारे पदचापों की
    सांस रोककर आशा करता
    तेज धूप में घर से निकलें
    रफ़ी मार्ग,आवाहन करता

    आपका बुलावा बहुत ही सुखमय अंदाज़ से है .... न आने की मजबूरी है ... पर दिल से बधाई है ...

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    Replies
    1. आभार दिगंबर भाई..

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  13. गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ .
    ____________________
    P.S.Bhakuni
    ____________________

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  14. गीत हमारे हमें बुलाते
    बोलो कैसे ना आयेंगे ?
    धीरज रखिये मीत मेरे
    अपना दिल भी लायेंगे !

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  15. बहुत बहुत बधाई, जीवन के इतने पावन ध्येय रखने वाले इंसान को ही सच्चे अर्थों में इंसान कह सकते हें.
    हार्दिक शुभकामनाएं.

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    Replies
    1. आपका आभार रेखा जी ...

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  16. गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई आपको सतीश जी.

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    1. आभार आपका कुसुमेश भाई ..

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  17. गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई आपको सतीश जी

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  18. आना था , पर घर बदलना है ... शुभकामनायें

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    1. आपको भी बधाई रश्मि प्रभा जी ,
      आपकी उपस्थिति में कुछ और ही आनंद होता !

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  19. 'मेरे गीत' के लोकार्पण पर आपको ढेरों बधाई!!
    आभार सहित शुभकामनाएं!!

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    Replies
    1. आपका ना होना महसूस होगा सुज्ञ जी ..

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    2. आपके इस अवसर पर न पहुँच पाना मुझे भी सालेगा!!

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    3. शानदार लोकार्पण संपन्न होने पर आपको एक बार पुनः बधाई!!

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  20. सतीश भाई ,
    १६ तारिख को हमें आफिस ज्वाइन करना पड़ेगा इसलिए मुबारकबाद यहीं से क़ुबूल फरमाइयेगा !

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    Replies
    1. मन मार के क़ुबूल कर लेता हूँ सरकार और हम कर ही क्या सकते हैं ...
      :(

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  21. मेरे गीत' के लोकार्पण पर आपको ढेरों बधाई!!
    शुभकामनाएं!!

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  22. देखें कितना प्यार भरा है,कितने घर तक पंहुचे गीत !
    कड़क धूप में, घर से बाहर, तुम्हें बुलाते मेरे गीत !
    बढ़िया गीत ,लू खाने को तुझे बुलाते भरी दुपहरी मेरे गीत,/दिन में ही अभिसार करेंगे ,भरी दुपहरी मेरे गीत ,
    पानी पीकर घर से आना ,लू खायेगा वरना मीत ,थक जायेंगे मेरे गीत .

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    Replies
    1. वा वाह ....वा वाह...
      आभार आपका वीरू भाई !

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  23. ढेर बधाइयां और शुभकामनाएं.

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    Replies
    1. आभार आपका राहुल जी !

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  24. बधाई। शुभकामनाएं।

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    Replies
    1. आपका स्वागत है ...

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  25. बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें स्वीकार करें !

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  26. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ...

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  27. आजकल आपके ही काव्य संग्रह का लुत्फ़ उठा रहें हैं .....आभार !
    बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !!!

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    Replies
    1. आप का स्वागत है ...

      Delete
  28. अरुण जी की ओर से भी निमंत्रण है......
    काश कि हम भी सांझा कर सकते आपकी खुशियों को...आपकी उपलब्धियों को......
    ढेर सारी शुभकामनाएं प्रेषित करती हूँ......
    ऐसी और कई पुस्तकें प्रकाशित हों.....और कभी हम भी आ सकें विमोचन में...
    :-)

    सादर
    अनु

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    Replies
    1. आभार इस स्नेह के लिए अनु...

      Delete
  29. गीत संग्रह के विमोचन के आमंत्रण में एक गीत
    अंदाज़ निराला है ..

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    Replies
    1. आपका स्वागत जो करना था वर्मा जी !

      Delete
  30. जो गीत लिख कर जी रहे हैं ईश
    अन्‍नाबाबा उन गीतों को प्राणवायु
    जान, जान बचाने के लिए पी रहे हैं
    सच ।

    जब मिलेंगे तब बजायेंगे
    ताली
    दिल की ताली जाए न खाली
    बस में भरकर आ रहे हैं।

    अगली पुस्‍तक में सतीश जी
    लिखेंगे जोरदार ब्‍लॉगर कव्‍वाली।

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  31. नेह भरा निमंत्रण ,

    पुस्तक विमोचन पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ..... आगे भी आपके गीतों के संकलन की नयी पुस्तक पढ़ने की उम्मीद है .... आभार

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपके स्नेह के लिए धन्यवाद छोटा पड़ेगा ...

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  32. बधाई पुस्तक विमोचन के लिए |आपकी प्रवाहमान लेखनी से निकली यह भाव पूर्ण कविता बहुत अच्छी लगी |
    हार्दिक बधाई |
    आशा

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    Replies
    1. आपका आशीर्वाद काम करेगा ..
      आभार !

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  33. हमारी ओर से भी ढेरों बधाइयाँ और बहुत -बहुत शुभकामनायें स्वीकार करें...

    ReplyDelete
  34. बहुत प्रेम भरा आवाहन...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें !

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    Replies
    1. शुक्रिया कैलाश भाई ...
      आभारी हूँ स्नेह के लिए

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  35. गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई आपको :-)

    ReplyDelete
  36. आपको हार्दिक बधाई..

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  37. आमंत्रण के लिये धन्यवाद! विमोचन के लिये बधाई! मुबारकबाद!

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  38. नए अंदाज़ में कहने की बारीकी कोई आप से सीखे तो क्या कहने .....
    कहने का अनूठा तरीका बहुत भाया . कह दूँ बहुत खूब ........

    गीत संग्रह के प्रकाशन पर बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया रमाकांत भाई ...

      Delete
  39. मैं आऊँ या न आ पाऊँ
    मेरे घर तक पहुँचे गीत
    और जाने कितने दिल के
    मीत बन चुके तेरे गीत।

    ...हार्दिक शुभकामनायें।

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    Replies
    1. आभार आपके स्नेह के लिए भैया ...

      Delete
  40. बहुत बहुत बधाई ....

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  41. सबने इतना कुछ कह दिया ...अब हम क्या कहें भैया .....बस दिल से दुआ हैं आपके और आपके संग्रह के लिए ....

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  42. बहुत-बहुत बधाई और शुभ-कामनाएँ !
    *
    चले वहां से ,राह पार कर
    जब आयेंगे तेरे गीत .
    हर्षित मन से स्वागत कर ,
    मैं ग्रहण करूँगी उन्हें सप्रीत!

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    Replies
    1. आपको लगता है कुछ इंतज़ार करना पड़ेगा मगर आयेंगे शीघ्र और अवश्य !
      आशीर्वाद के लिए आभार आपका

      Delete
  43. मिला आपका स्नेह निमंत्रण,
    मनुहार करता सा गीत,
    खूब चढे परवान लेखनी
    घर घर पहुंचे मेरे (आपके) गीत ।

    बहुत बधाई मेरे गीत के प्रकाशन पर ।

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    Replies
    1. आपका आशीर्वाद आवश्यक है ...
      आभार !

      Delete
  44. विमोचन प्रस्ताव में मैं आ तो नहीं सकूंगा मगर दिल और दिमाग से वहीं मौजूद रहूँगा

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  45. निमंत्रण का अंदाज़ भी निराला है
    पुस्तक " मेरे गीत " के विमोचन की बहुत शुभकामनायें !

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  46. " मेरे गीत " पुस्तक के प्रकाशन की बहुत -2 शुभकामनायें ,बधाईयाँ.....कीर्ति सदैव शिखर छुए .....

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    Replies
    1. धन्यवाद भाई जी ...

      Delete
  47. :):):)


    s u b h k a m n a y e n bhaijee.


    pranam.

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  48. बधाइयाँ और शुभकामनायें।


    जिओ मेरे भाई,....यूँ ही परचम लहरता रहे!!

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  49. congrats heartly best wishes.

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    Replies
    1. शुक्रिया आपका ....

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  50. निमंत्रण का यह अंदाज़ वाकई अनूठा लगा ...सहस्त्र बधाइयाँ और शुभकामनाएं ..'मेरे गीत 'के लिए

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  51. बहुत बहुत बधाई।
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  52. बहुत बहुत बधाई।
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  53. बहुत-बहुत बधाई सहित अनंत शुभकामनाएं ... आभार

    ReplyDelete
  54. न मेरे थैले का जि्क्र
    न मेरी क्रिया पर प्रतिक्रिया
    मामला रहस्‍यमयी लग रहा है
    कोई बात नहीं
    अन्‍ना ने एक बार ही मरना है
    डर डर कर मरना
    काफी पहले छोड़ दिया है।

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    Replies
    1. पहली क्रिया जलेबी
      और दूसरा जलेबा
      किसको दें लड्डू ?
      बिना किसी थैले के!

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    2. लड्डू की अन्‍ना को चाह नहीं
      अन्‍ना तो मीठे का मरीज है
      प्‍यार का मुरीद है, जानती है
      इसलिए ही तो मारती है दुनिया।

      Delete
  55. वाह! निमंत्रण का यह तरीका भी बहुत पसंद आया .कविता -संग्रह प्रकाशन हेतु बहुत-बहुत बधाई!

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  56. संगीता जी को पढा, समीक्षा अच्छी लगी। आपको एक बार फिर बधाई!

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    Replies
    1. आपका आभार अनुराग भाई ....

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  57. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  58. बहुत बधाई. संगीता जी के ब्लॉग पर पुस्तक परिचय और समीक्षा पढ़ी. शुभकामनाएँ.

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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