Saturday, December 6, 2014

दर्द में भी , मुस्कराना चाहिए - सतीश सक्सेना

चाँद को माँ से, मिलाना चाहिए
नज़र का टीका लगाना चाहिए !

दर्द जब जब, आसमां छूने लगे,
गम भुलाकर मुस्कराना चाहिए !

आइये अब तो गले लग जाइये 
समय कम है, गीत गाना चाहिए !

कोई अपना रूठ जाए , भूल से, 
पास जा उसको मनाना चाहिए !

वक्त कम है काम बाकी है पड़े,   
नींद से, सबको जगाना चाहिए !

15 comments:

  1. एक दिन माँ से मिलाना चाहिए,
    चाँद को काजल लगाना चाहिए !

    वाह! वाह! बहुत खूब कहा है यह शेर.!!

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  2. वक्त कम है काम बाकी है पड़े,
    नींद से,उसको जगाना चाहिए !
    ...बहुत बढ़िया ..सोने वालों को जगाने का अपना फ़र्ज़ नहीं भूलना चाहिए ..

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  3. आपको सब कैसे
    पता चल जाता है
    दर्द भी है किसी के
    और कोई मुस्कुराना
    भी चाहता है

    :)

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  4. चाँद को काजल--क्या खूबसूरत और अनूठी सोच--सन्देश देती रचना

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  5. बढिया.. अब जरा इसे कव्वाली की तर्ज में सुनाईये ....

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  6. चाँद को मेरी नज़र लग जाएगी
    चाँद को काजल लगाना चाहिये!
    लोग कहते हैं मैं बूढा हो चला,
    मुझको अब माँ से मिलाना चाहिये!
    /
    देखिये बड़े भाई आपकी इस ख़ूबसूरत गज़ल के मक्ते में से मैंने दो शे'र निकाल दिये! आप्की ग़ज़ल होती ही इतनी सुन्दर कि अपने लफ्ज़ भी फड़कने लगते हैं!!

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  7. दर्द जब जब, आसमां छूने लगे
    गम भुला,हंसना हंसाना चाहिए !
    सबसे नायाब नुस्खा,सुन्दर

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  8. बहुत सुन्दर गीत

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  9. कष्ट में भी , मुस्कराना चाहिए !
    हौले हौले गुनगुनाना चाहिए !
    सही कहा है सरल सुन्दर भाव !

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  10. गागर में सागर...छोटी छोटी पंक्तियों में सार्थक संदेश..

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  11. इस ग़ज़ल के क्या कहने ...हर शेर लाजवाब....बधाई स्वीकार करें....

    मुकेश की याद में@जिस दिल में बसा था प्यार तेरा

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  12. Good, a light - hearted verve. Congratulations.

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  13. क्या खूब वर्णन किया है ...

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- सतीश सक्सेना

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