अविनाश वाचस्पति ब्लॉगिंग सभा संचालित करते हुए |
नुक्कड़ भी अचानक से , ही अनाथ हो गया !
ऐसा भी क्या हुआ, ये चमन ख़ाक हो गया !
अविनाश के जाते ही,कुछ सुनसान सा लगे
ब्लॉगिंग में मुन्नाभाई भी, इतिहास हो गया !
कितने दिनों से लड़ रहा था, मौत से इकला
जीवन में जी लिए हैं, ये अहसास हो गया !
जीवन में जी लिए हैं, ये अहसास हो गया !
दर्दों में भी हँसता रहा, अविनाश अंत तक
आखिर ये ज़ज़्बा मस्त भी खलास हो गया !
इक दिन तो मुन्ना भाई,वहां हम भी आएंगे,
अखबार में छपेगा कि , अवसान हो गया !
आपने ब्लॉगिंग की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि दी।मुझसे उनकी बड़ी आत्मीयता थी।अलविदा जिद्दी दोस्त।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteहिंदी सोशल मीडिया के कुछ सर्वाधिक सक्रिय हस्तियों में से एक थे मुन्ना भाई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.
सतीश जी यह कब हुआ। बहुत दुखी हूँ कि उन्हें आखिरी बार भी मिल नहीं पाया।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 09 फरवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteअविनाश जी , हिंदी ब्लॉगिंग के स्तम्भ थे। बीमारी से बहुत लड़े लेकिन जीत नहीं पाये। लेकिन अंत तक झूझते रहे। नमन ।
ReplyDeleteअविनाश कभी मरते नहीं। वे रहेंगी हिंदी ब्लॉगिंग के जरिये।
ReplyDeleteअविनाश जी के व्यंग्य यहाँ हमारे मिलाप में भी छपते थे ! उनकी बीमारी के बारे में यहीं ब्लॉग जगत में पढ़ा दुःख हुआ उनके दुखद निधन पर, नियति के सामने किसका बस है उनकी आत्मा को शांति मिले, भावभरी श्रद्धांजलि !
ReplyDeleteअविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजली।
ReplyDeleteविनम्र श्रधान्जली.....
अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजली ...
ReplyDeleteसच्ची श्रद्धांजलि। नमन।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजली।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजली।
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