Thursday, May 12, 2016

जिंदगी के गीत , गायेगा कहाँ - सतीश सक्सेना

निष्कपट जाए, तो जाएगा कहाँ ?
दर्द दिल का भी, बताएगा कहाँ ?

प्रीति उनकी भक्ति में बदले अगर,
शर्म से खुद को, बचाएगा कहाँ ?

प्यार के बदले भिखारी देगा क्या
उनको आने पर, बिठाएगा कहाँ ?

क़र्ज़ की आदत नहीं कंगाल को 
यार का ये ऋण,चुकाएगा कहाँ ?

अगर गीतों ने वफ़ा की जान ली
जिंदगी के गीत , गायेगा कहाँ ?

5 comments:

  1. "अगर गीतों ने वफ़ा की जान ली
    जिंदगी के गीत, गायेगा कहाँ"

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  2. बहुत बढ़िया

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  3. वाह ...बहुत ही सुन्दर छंद हैं इस गीत के ...

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  4. अगर गीतों ने वफ़ा की जान ली
    जिंदगी के गीत , गायेगा कहाँ ?
    बहुत खूब !

    ReplyDelete

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- सतीश सक्सेना

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