Monday, September 28, 2020

ह्यूमन हेल्थ ब्लंडर्स -सतीश सक्सेना

कोरोना के कारण लगभग 8 महीने बाद आज पहली बार , लम्बे रन का आनंद लिया , 65+ उम्र में ८ महीने के अंतराल के बाद 10 km बिना रुके एक स्पीड में दौड़ना आसान नहीं होता , मगर 5:50 सुबह , ही निश्चय कर लिया था कि बीमारियों से घिरे अपने आलसी मित्रों को समझाने के लिए यह दौड़ बिना रुके और बिना वाक के पूरी करनी होगी , सो 10 km की दौड़ समाप्त करने में टौमटौम जीपीएस के अनुसार 1 घंटा 15 मिनट समय रिकॉर्ड किया गया जो कि ८ महीने बिना प्रैक्टिस के , संतोषप्रद माना जायगा ! आज बढ़िया समय निकलने का श्रेय पिछले पांच वर्ष में 6500 km दौड़ने के मेरे लम्बे अनुभव को जाएगा !

जिस व्यक्ति ने 60 वर्ष की उम्र से पहले अपने जीवन में 100 मीटर भी दौडना नहीं सीखा उसने 35 बार से अधिक हाफ मैराथन  (21 km बिना रुके दौड़ ) और देश विदेश में कुल मिलकर अब तक 6500 km की दौड़ रिकॉर्ड करा चुका है ! 
इस बखान का उद्देश्य अपनी तारीफ़ नहीं है बल्कि आप सब की ऑंखें खोलने के लिए कह रहा हूँ कि इस कारण मेरे शरीर का कायाकल्प हुआ है , 65 वर्ष की उम्र में , मैं इस समय 40 वर्ष की निरोग्य युवावस्था का आनंद ले रहा हूँ ! मुझे मालुम है कि मैं इससे अमर नहीं हो जाऊंगा मगर मेरा बढ़ा हुआ बीपी , बॉर्डर डायबिटीज , हाई कोलेस्ट्रॉल , हार्ट प्रॉब्लम , घुटनों का दर्द , स्पॉन्डिलाइटिस और ब्रोंकाइटिस पता नहीं कहाँ गायब हो गए और यह सब बिना किसी दवा लिए हुए हुआ है !

हमेशा याद रहे कि अगर आप श्रमिक नहीं हैं और बॉडी कोर में अवस्थित शरीर के महत्वपूर्ण अंगों हृदय ,लिवर , किडनी , पेन्क्रियास , फेफड़ों को अगर स्वस्थ रखना है तब पैरों द्वारा तेज वाक एवं धीमे धीमे रनिंग करने से ही कम्पन पैदा होगा और वे स्वस्थ होंगे जबकि अभी वे तीन तीन बार खाकर पैदा हुई चर्बी को लपेटे बीमार पड़े हुए हैं , दौड़ते हुए इंसान द्वारा जमीन पर पड़ता हर कदम उसके शरीर के तीन गुना वजन के साथ प्रहार करता है फलस्वरूप पैरों की उँगलियों से लेकर मस्तिष्क तक में कम्पन पैदा होते हैं और ये ढीले पड़े हुए शरीर में आमूलचूल परिवर्तन लाने में समर्थ हैं !

मित्रों से निवेदन है कि भारत में बढ़ी उम्र होते ही हम पैसों का उपयोग अपने आराम के लिए करते हैं , जो मजबूत शरीर को भी मृत्यु शैय्या की और धीरे धीरे ले जाता है , और अंत समय में हम बिस्तर पर अपाहिजों की तरह जान गंवाते हैं आप पिछले वर्षों में कितने मित्रों को खो बैठे हैं उनकी मृत्यु पर गौर करें तो यही पाएंगे अफ़सोस कि विद्वान दोस्त भी इस तरफ ध्यान नहीं देते बल्कि व्हाट्सप्प पर भेजे गए अनपढ़ों के मेसेज जिनमें अमर होने के नुस्खे होते हैं , खाते देखे जाते हैं !

खुद को धोखे में न रखें .....भारत राजधानी बन चूका है डायबिटीज और हृदय रोगों का , और इन दोनों का मिलाप और भी घातक है ! इसका सामान्य इलाज है कि शरीर को धीरे धीरे दौड़ना सिखाइये , फलस्वरूप दौड़ते शरीर के हर कदम पर आपके रुग्ण अंग, कम्पन लेते हुए खुद को एक्टिव बनाने का कार्य खुद ही कर लेते हैं ! डायबिटीज का नामोनिशान कुछ समय में गायब हो जाएगा !

रनिंग करने से पहले ध्यान रखें कि :
  •  शुरुआत में नियमित 30 मिनट वाक का आखिरी मिनट, बिना हांफे ,दौड़ कर समाप्त करें !
  • वजन घटाना आवश्यक है सो किसी भी रूप में पकौड़े परांठे और चीनी खाना छोड़ना होगा यह हृदय आर्टरी की दुश्मन है और डायबिटीज साथ हो तब जहर का काम करती है , रात का भोजन सोने से तीन घंटे पहले , बिना रोटी चावल का रहे !
  • बेहतर नींद के बाद , दिन में 12 गिलास पानी पीना है और गहरी साँसों के द्वारा ऑक्सीजन खींचते हुए बंद पड़े फेफड़े खोलने होंगे अन्यथा बिना ऑक्सीजन खून आपका अधिक साथ नहीं दे पायेगा !
  • खुद पर बुढ़ापा हावी न होने दें , अधिक दिन जवान रहने के लिए खुलकर हंसना अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाइये ! 
  • घुटने दर्द इसलिए करते हैं कि बिना उपयोग जॉइंट जकड गए हैं , इन्हें सही करने का एकमात्र इलाज मूवमेंट करना है !

7 comments:

  1. उर्जा बनी रहे इसी तरह आपकी। उत्साह वर्धन करते रहें। शुभकामनाएं।

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  2. हार्दिक शुभकामनाएं सतीश जी। आपका पराक्रम सचमुच प्रेरक है। 🙏🙏

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  3. बहुत सुन्दर

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  4. कबीले-तारीफ और प्रेरणादायक भी,आज ऐसी जागरूकता की बहुत आवश्यकता है,सादर नमन आपको

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  5. बीमारियों से घिरे अपने आलसी मित्रों को समझाने के लिए ...वाह क्या बात कही है... Keep it up सतीश जी

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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