16 Feb 1968 -25 August 2021 |
सबका हाथ बटाते मोहक आँखों वाला चला गया !
इतने लोगों के रहते भी , कैसी किस्मत पायी थी,
बहिनों के रक्षाबंधन पर, सबसे प्यारा चला गया !
सबकी कड़वी बातें सुनकर एक शब्द न कहता था
सबको रोता छोड़ अकेला राज दुलारा चला गया !
राजकुमारों जैसा बचपन , लेकर किस्मत पायी थी
चुपके से घरबार छोड़कर आँख का तारा चला गया !
जहाँ बैठता रौनक लाता था हर शख्श के चेहरे पर
रोता छोड़ अँधेरे सबको , इक ध्रुव तारा चला गया !
ओह !
ReplyDeleteभावपूर्ण
ReplyDeleteअत्यन्त दुखद सतीशजी। स्व बबलू को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे।
ReplyDeleteओह्ह.बेहद दुखद।
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
श्रद्धांजलि
ReplyDeleteअत्यंत भावपूर्ण।
ReplyDeleteकिशन कन्हैया जिसे कह दिया फिर वह भला कहीं जा सकता है, वह तो सदा दिल में बसा होगा आप सभी के, ऐसा जीवन भाग्यशाली को ही मिलता है।
ReplyDeleteअत्यन्त दुखद 🙏
ReplyDeleteभावपूर्ण। श्रद्धांजलि
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