Thursday, June 30, 2022

मम्मा की सब बात मान ली और बताओ क्या करना है -सतीश सक्सेना

जूते, मोज़े ,वाटर बोतल
कपडे सारे पहन लिए हैं !
अब पापा खुश हो जाएंगे 
किंडर गार्डन , ले जाएंगे !
दादी की सब बात मानती और बताओ क्या करना है !

शोर मचाना नहीं यहाँ पर 
मम्मा ऑफिस में बैठी हैं !
मेरा इन्तिज़ार करने को , 
चिड़िया भी बाहर बैठी है !
पेपा साथ खेलने जाती और बताओ क्या करना है !

फर्श पे खाना, नहीं गिराऊं 
मुझसे कोई उदास न होगा !
दादी का मैं, अच्छा बच्चा
अब कोई भी बोर न होगा !
मैंने खाना ख़तम कर लिया और बताओ क्या करना है !

खम्मा घणी रोज करता है 
नानी नानू खुश हो जाते !
रोज सवेरे पहन के कपडे 
मम्मा के संग क्रिप्पे जाते 
बाबा की सब बात मानती और बताओ क्या करना है !

बुई प्यार करती है मुझको 
फुफ्फु ने गाना सिखलाये !
पायल कंगन चूड़ी के संग
कपडे और खिलौने लाये !
संग में चूंचूं गाना गाये और बताओ क्या करना है !

5 comments:

  1. बालमन को व्यक्त करती बहुत सुंदर रचना, सतीश भाई।

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  2. बहुत प्यारी बाल कविता

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  3. बहुत सुंदर रचना

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  4. हृदय को गदगद कर गए बाल मन के ये भाव।

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- सतीश सक्सेना

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