Thursday, August 4, 2022

माँ, तुम्हें भी स्वयं का, कुछ ध्यान रखना चाहिए -सतीश सक्सेना

डायबिटीज और हृदय के , विश्व में सबसे अधिक रोगी भारत में हैं , लगभग हर चौथा व्यक्ति इसका शिकार है , यह दोनों बीमारियां परोक्ष में पता ही नहीं चलती , मगर धीरे धीरे शरीर को जकड़ती जाती हैं , इनसे मुक्ति पाने का आसान दवा रहित तरीका खुद को फुर्तीला बनाये रखना है , शायद ही कोई बदकिस्मत रनर विश्व में होगा जिसे रनिंग के बावजूद यह बीमारी बची होगी ! लगभग रोज 10000 कदम वाक अथवा 7 km दौड़ना काफी होता है इनसे मुक्ति दिलाने में ! 

इन दिनों हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज बंद कर रखी है सो म्यूनिख में आकर स्विमिंग ज्वाइन कर लो है , घर के पास ही एक बड़ा स्विमिंग सेण्टर है , जहाँ तीन स्विंमिंग पूल है बड़ा इंडोर स्विमिंग पूल जिसमें सामान्य तापमान पर पानी रहता है और अधिकतर प्रोफेशनल महिला /पुरुष तैरते हैं , दूसरा ओपन स्काई, जिसमें गर्म पानी रहता है और तीसरा स्विमिंग पूल बच्चों के लिए हालाँकि मैं बहुत अच्छा तैराक नहीं हूँ सो बिना थके आराम आराम लगभग 60 मीटर तक तैर सकता हूँ  इससे मेरा आजकल का लो इम्पैक्ट एक्सरसाइज का उद्देश्य पूरा हो जाता है !

हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज , उसे कहते हैं जिसमें जॉइंट्स पर भारी इम्पैक्ट पड़ता है , टेनिस , रनिंग जैसे खेल इसमें आते हैं , रनिंग करते समय हर वक्त एक पैर हवा में रहता है , दूसरा पैर जब जमीन पर गिरता है तब वह रनर के वजन का तीन गुने इम्पैक्ट के साथ जमीन से टकराता है, इससे घुटने, लिगमेंट्स और शरीर पर अधिक स्ट्रेस पड़ता है , दौड़ते समय यह क्रिया बहुत तेजी से और लगातार होती है, 21 किलोमीटर दौड़ में एक रनर को लगभग 30000 बार जमीन पर इस भारी वेग से प्रहार करना पड़ता है , अगर घुटने कमजोर हों , तब घुटने बरबाद होने तय हैं !  इस प्रकार एक सामान्य रनर एक मिनट में लगभग 200 बार अपने शरीर का तीन गुना वजन से अपने घुटनों के जोड़ों पर प्रहार करता है , और इतनी ही बार, इसी वेग से , उसकी बॉडी कोर में अवस्थित किडनी लिवर हृदय पेन्क्रियास आदि झटके लेते हैं , मात्र कपड़ों की रगड़ से ही, लगातार ढाई घंटे दौड़ने से , शरीर से खून छलकना आम बात है ! अगर कोई वयोवृद्ध व्यक्ति अचानक दौड़ने का सोचकर बच्चों की तरह दौड़ने का प्रयास करे तो उसके शरीर पर हुए खतरनाक प्रभाव का अंदाज़ा आप लगा सकते हैं ! जहाँ बोन डेन्सिटी, मजबूत करने के लिए इसे बेहतर माना जाता है वहीं ब्लड प्रेशर , मोटापे और कमजोर हड्डियों के इतिहास वाले लोगों को इसे न अपनाने की सलाह दी जाती है !

इसीलिए वृद्ध अवस्था में लोगों को रनिंग की जगह उनके लिए लो इम्पैक्ट एक्सरसाइज की ही सलाह दी जाती है , इसमें वॉकिंग, स्विमिंग , साइकिलिंग , रोइंग , योगा आदि आता है , इसका उपयोग एथलीट अधिकतर आंतरिक चोट रिकवरी के समय या बीच बीच में बॉडी को आराम देने के लिए करते हैं ! रनिंग करने से पहले हर किसी को लौ इम्पैक्ट एक्सरसाइज से ही शुरू करना चाहिए ! तथा दौड़ने के अभ्यास मध्य भी इसे जोड़कर रखना चाहिए तभी शरीर मुक्त मन से इसे अपना पाता है !

एक रनर को एक सप्ताह में एक दिन रेस्ट तथा एक दिन साइकिलिंग ( क्रॉस ट्रेनिंग ) अवश्य करनी चाहिए ! इससे वह आंतरिक तौर  पर घायल होने से बच जाता है , याद रहे जल्दबाजी करने से मसल्स इंजुरी होती है जिसकी रिकवरी में महीनों लगते हैं , इस मध्य दर्द झेलना पड़ता है सो अलग !

सो दोस्तों :
-रोज सुबह फेफड़ों में सांस भरिये निकालिये , शरीर को स्ट्रेच करके खुली हवा में वाक करने निकल जाइये , एक घंटे का एकाग्रचित्त वाक , जिसमें आप अपने अंगों से बातें करते चलेंगे , आपको एक नयी दुनिया में पहुंचा देगा !
-खाना कम से कम स्वादिष्ट और मात्रा में और भी कम , केवल उतना ग्रहण करें जितना आपका हक़ (पसीना बहाने का परिमाण ) है , अगर पूरे दिन मेहनत नहीं की और सिर्फ घर में लेते रहें हैं उस दिन भोजन न करें या नाम मात्र करें !
 - पानी खूब पीना होगा प्यास हो या न हो  
- जानवरों का दूध, केमिकल शुगर एवं समस्त तेल वर्जित हैं , कुछ समय बाद शीशे में खुद को पहचान नहीं पाओगे !
और हाँ दूसरों को गालियां देना , अपनी तकलीफों पर रोना बंद और जो खुशियां सहेजी हैं उन पर हँसना सीखना होगा !  
आज का फोटो देखिये इस सत्तर वर्षीय जवान का (कागजी उम्र 68)

5 comments:

  1. आपके लेख प्रेरित करते स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए । साथ ही जो महत्वपूर्ण निर्देश होते हैं वे निश्चित रूप से मार्गदर्शक होते हैं पाठकों के लिए,बहुत सुन्दर पोस्ट ।

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  2. बहुत अच्छी जानकारी

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  3. उम्र, स्वास्थ्य और जीवन के संदर्भ में बहुत प्रेरक आलेख । आपके लेखन से जीवन को परिपूर्णता की सीख मिलती है । बहुत शुभकामनाएं आदरणीय ।

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  4. 70 साल के बूढ़े या 70 साल के जवान...👏👏👏

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  5. जानकारी से भरा अनुकरणीय लेख!
    साधुवाद!
    कृपया इस लिंक पर जाकर आप मेरी लिखी कहानी मेरी आवाज में सुनें और कमेंट बॉक्स में अपने विचारों से अवगत कराएं!
    https://youtu.be/igH7WVr3w5g

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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