Sunday, November 26, 2023

हे अभिनय सम्राट तुम मुझे क्या दोगे

अगर तुम रहे कुछ दिन
भी सरदारी में
बहुत शीघ्र गांधी 
सुभाष के गौरव को
गौतम बुद्ध की गरिमा 
कबिरा के दोहे ,
सर्वधर्म समभाव 
कलंकित कर दोगे !
बड़बोले हो दोस्त सिर्फ धनपतियों के 
नील में रंगे सियार, तुम 
मुझे क्या दोगे ?

दुःशाशन दुर्योधन शकुनि 
न टिक पाएं !
झूठ की हांडी बारम्बार 
न चढ़ पाए,
बरसों से अक्षुण्ण रहा 
था, दुनियां में ,
भारत आविर्भाव, 
कलंकित कर दोगे  !!
भारत रत्न मिले, तुमको मक्कारी में 
कितने धूर्त महान, तुम 
मुझे क्या दोगे ?

है विश्वास मुझे तुम 
जल्दी जाओगे !
बस अफ़सोस यही
अपयश दिलवाओगे 
पंचशील सिद्धांत ,
सबक इतिहासों का  
दोस्त पुराने भुला 
नए दरवाजों पर  ,
बचा खुचा सम्मान समर्पित कर दोगे 
हे अभिनय सम्राट , तुम 
मुझे क्या दोगे ?

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- सतीश सक्सेना

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