Monday, September 16, 2024

बुढ़ापा , एक सोच ब्लॉक माइंड लोगों की -सतीश सक्सेना


70 वर्ष की उम्र में मैं सुबह ५ बजे से लेकर रात ११ बजे तक ऐक्टिव रहता हूँ , दिन में आज तक नहीं सोया ! सब कुछ सामान्य खाता पीता हूँ , वजन बढ़ने से रोकने के लिए पिछले कुछ साल से रोटी , दूध और शुगर की मात्रा बहुत कम कर दी है ! 

हमारे यहाँ लोग चिंतित रहते हैं कि बुढ़ापे में पौष्टिक खाना , टॉनिक आदि लेना चाहिये, भोजन के ज़रिए अपने शरीर को मजबूर बनाने के

लिए कभी कुछ नहीं खाया , अगर पौष्टिक डाइट की बात करें तो मैंने नाश्ते में सप्ताह में दो बार उनके अंडों के अलावा कुछ नहीं लेता ! 

मैं अपना आदर्श उस ग़रीब रिक्शेवाले को मानता हूँ , जो पूरे दिन १०० किलो वजन लेकर रिक्शा ढोता है और दिन में लगभग ५० किमी रोज़ चलता है ! सुबह चार रोटी सब्ज़ी , लंच में चार ठंडी रोटी सब्ज़ी और रात में घर जाकर जो रखा है उसे खाकर गहरी नींद सोता है ! उसके पास डॉ के पास जाने को पैसा नहीं होते , उसका बुख़ार बिना दवा दो चार दिन में ठीक हो जाता है ! 

मैंने जितने डॉ दोस्तों को जानता हूँ उनमें से कोई अपने घर में पैरासीटामोल तक का उपयोग नहीं करते , वे सब यह दवाएँ अपने रोगियों पर ही चलाते हैं , मैं आज तक इन दवाओं से बचा हूँ ! 

सो अगर स्वस्थ रहना चाहते हो तब यह सूत्र याद रख लें 

- दुख और कष्टों को याद न रखिए , मुक्त होकर ख़ुद को हँसना सिखाइए !

- अगर धन है तब उसे खर्च करना सीखें , वह सब करिए जो कभी न किया हो और मन ख़ुश हो !

- पहली आवश्यकता सबसे अधिक गहरी साँस लेना सीखें दिन में जब याद आए तभी , इससे बरसों से बिना गहरी सांस लिये बंद फ़ेफ़डे खुलेंगे और थके हुए हृदय को ताक़त मिलेगी , स्वच्छ खून पतला होकर रक्त कोशिकाओं और बीमारियों को साफ़ कर देगा !

-दूसरी आवश्यकता पानी की , इसे खूब पीजिए , जब चाहे पीजिए 

- तीसरी आवश्यकता खाना की जिसे कम से कम खायें , केवल उतना जितनी आपने मेहनत की हो , भूख न लगे तो खाना नहीं खाना है !

- बाज़ार का कोई भोजन न खायें , आजकल हार्ट अटैक का कारण नमकीन बिस्किट , ब्रेड आदि सबमें गंदे तेलों का उपयोग करना होता है , पाम आयल दुनियाँ के कितने ही देशों ने बैन कर दिया है मगर हमारे यहाँ धड़ल्ले से उपयोग होता है !

कल सुबह १० किलोमीटर दौड़ने का दिल है सो पाँच बजे निकलूँगा फ़िल्मी गाने के साथ , सुनना हो तो कल मिलना !


प्रणाम आप सबको !

3 comments:

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,