Friday, May 18, 2018

खुद से कहिये जीने का अंदाज़ बदल लें -सतीश सक्सेना

धन कमाने का मतलब आराम और ऐश की जिंदगी है इस विश्वास से बड़ी बेवकूफी मानव ने शायद ही कभी की होगी , साठ वर्ष इसी धारणा के साथ ऐश और आराम किया मगर भला हो रिटायरमेंट का जिसके कारण अपने विगत जीवन का आत्मावलोकन करते समय यह भयंकर बेवकूफी नज़र आ गयी अन्यथा मुझे याद है कि जब बड़े डांटते थे कि कुछ एक्सरसाइज कर लिया करो तो सोंचता था कि मुझे कौन सी स्वास्थ्य  समस्या है जो हेल्थ के बारे में सोंचू और अभी उम्र ही क्या है मेरी ! शुक्र है कि इस लापरवाही के बावजूद मैं इस उम्र तक पंहुच गया !

उन दिनों हेल्थ और स्वास्थ्य को मैं वृद्धों की समस्या मानता था जिसका जवानों से कुछ लेना देना न था और यह धारणा आज भी मैं 90 प्रतिशत लोगों में पाता हूँ यह बेहद अफसोसजनक है ! अपने खास मित्रों  संख्या टटोलता हूँ तो पता चलता है कि लगभग 30 प्रतिशत अकाल ही काल के गाल में चले गए उनमें अधिकतर डर के मारे , बीमारी को ठीक कराने के लिए ,अस्पताल की ऑपरेशन टेबल तक पंहुच गए थे और उन्हें मेडिकल व्यापार ने चूस कर थूक दिया जो बच पाए वे पहले से भी बुरी हालत में कुछ वर्ष तक दस गोली रोज खाते हुए जी पाए !
मगर यह जीना भी कोई जीना है लल्लू  ?

सो जवान रहने के कुछ तरीके नोट करो महाप्रभु 

  1. कष्ट अवसाद को साथ लिए न घूमें जितनी जल्द हो सके कष्टदायी विगत याद न रखें 
  2. उम्र को कभी याद न रखें और न यह कहें कि अब यह मेरे बस का नहीं ध्यान रहे इस वाक्य को अवचेतन मन सुन रहा है और वह उसे सुनकर उसपर अमल करेगा कभी यह न कहें कि आज मैं थक गया आराम करूंगा या सर दबा दो थकान सिर्फ मस्तिष्क का भ्रम है दुबारा कर रहा हूँ थकान सिर्फ मन का भ्रम है आप स्वीकार न करें कि आप थक गए हैं और आप अपने को फ्रेश महसूस करेंगे ! सफ़ेद होते बालों को रंग कर जवान बने रहने की कोशिश न करें इससे भी अपने आपको बूढा होना बता रहे हैं ! हर वह काम जो आप अधिक उम्र के कारण नहीं कर पाए उसे करने का प्रयत्न करें आप देखेंगे कि अधिक उम्र में जवानों वाले काम आप अधिक कुशलता से कर लेंगे !मन से बीमारियों के प्रति भय निकाल दें !
  3. WHO के अनुसार भारत विश्व की डायबिटीज कैपिटल है आप अपने चारो और देखिये हर चौथा आदमी डायबिटिक और हृदय रोग का शिकार है ! आज आप घर के बाहर सड़क पर सिर्फ 100 कदम दौड़ कर देखिये अगर आपकी साँस फूल रही है तो आप शर्तिया हृदय की आर्टरीज़ में फैट जमा कर चुके हैं जो न चेतने की अवस्था में आपकी जान लेने में समर्थ है !
  4. ध्यान रहे सिर्फ रनर, हृदय रोगों और डायबिटीज से अपना बचाव करने में समर्थ हैं , दौड़ते समय बॉडी वेट इम्पैक्ट के कारण बॉडी कोर में उत्पन्न वाइब्रेशन, आपके महत्वपूर्ण अंगों और अवयवों में नयी जान डालकर उक्त बीमारियों से लड़ने के लिए, आपकी रोग प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूती देते हैं !
सो जागिये और अपने कमजोर शरीर को मजबूत बनाने के लिए संकल्प लीजिये !

डायबिटीज हृदय पर चोट कर रही कबसे 
उनसे कहिये , चलने का अंदाज़ बदल लें !

6 comments:

  1. आपको पढ़ते पढ़ते पक्का दौड़ना शुरु होगा।

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  2. मन के हारे हार है मन के जीते जीत.
    सही है बुढ़ापा तो एक भ्रम है.

    मनोवैज्ञानिक सोच,सार्थक लेख.

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  3. डायबिटीज हृदय पर चोट कर रही कबसे
    खुद से कहिये, चलने का अंदाज़ बदल लें !
    ..जब जागो तभी सवेरा
    समय रहते चेत गए तो जग जीत लिया समझो
    बहुत अच्छी बड़े काम की सीख ....

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  4. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/05/70.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  5. बहुत अच्छा लिखा है आपने सतीश जी काफी प्रेरणादायी है,खासकर हम महिलाओं के लिए जो अपना स्वास्थ्य सबसे पीछे रख कर जीवन व्यतीत करती हैं,
    अद्भुत लेखन

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  6. ऊर्जा का संचार करते हैं आप हमेशा ...
    उठने की प्रेरणा देती हुयी पोस्ट ...

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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