Tuesday, May 7, 2019

क्या जानों सरकार हमारे बारे में -सतीश सक्सेना

कितने  शिष्टाचार , हमारे बारे में !
क्या समझे हो यार हमारे बारे में !

इसीलिये अब, तुमसे दूरी रखते हैं 
दिल न दुखे सरकार,हमारे बारे में !

हमको रोज परिंदे ही बतला जाते 
कितने हाहाकार  , हमारे बारे में !

जो वे चाहें करें फैसला,किस्मत का  
है उनका अधिकार, हमारे बारे में !

मरते दम तक तुम्हें नहीं समझायेंगे 
कितने गलत विचार हमारे बारे में !

27 comments:

  1. बहुत बढ़िया रचना.... बहुत कुछ अभी रहस्य में है... समझने में अभी समय लगेगा ...

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  2. कविता, गीत, नज़्म, क्षणिकाएँ और ग़ज़ल,
    धूम मची है यार, हमारे बारे में!
    इतना कुछ हमने कह डाला कुछ तो कहो,
    तुम भी बरख़ुरदार, हमारे बारे में!

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  3. समस्या समझने के अपने तरीक़े, अपने अपने समाधान।

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  4. क्या कोई जाने किसी के बारे में
    कब होती एक राय किसी के बारे में !

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  5. इक निवाले के लिए हमने किया जिसका शिकार,
    वो परिंदा भी कई रोज़ का भूखा निकला...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  6. इक निवाले के लिए हमने किया जिसका शिकार,
    वो परिंदा भी कई रोज़ का भूखा निकला...

    जय हिंद...

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  7. बहुत खूब, सर जी!!

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  8. जो वे चाहें करें फैसला,किस्मत का
    है उनका अधिकार, हमारे बारे में !
    bahut khoob
    badhai
    rachana

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  9. Bahut Khub Guruji..

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  10. बड़ा ही नेक विचार है हमारा तो इस
    रचना के बारे में :)
    बहुत सुन्दर सार्थक रचना !

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  11. जान गए सरकार आपके बारे में -----

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  12. जो वे चाहें करें फैसला,किस्मत का
    है उनका अधिकार, हमारे बारे में !

    उनसे मिलकर आसानी से जानोगे
    कितने हाहाकार , हमारे बारे में ! bahut khoob likha hai apne ......hardik badhai saxena ji

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  13. कितने गलत विचार हमारे बारे में !

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  14. शब्द 61 या 62 और लेखा ज़िन्दगी का क्यों लगता है कि इनमें मेरा ही हिसाब लिख दिया आपने
    बेहद करीब सादर प्रणाम

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  15. बहुत सुन्दर विचार अपने बारे में

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  16. कोई कुछ भी समझे आप तो सब समझा चुके अपने बारे में--बेबाक रचना

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  17. बेहद शानदार रचना। बेबाकी से परिपूर्णं।

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  18. मरते दम तक तुम्हें नहीं समझायेंगे
    कितने गलत विचार हमारे बारे में !

    जरूरत भी नहीं है जो दूसरे के दिमाग से सोचते हों उन्हें समझाना वैसे भी पत्थर में अपना सर मारना है |

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- सतीश सक्सेना

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