Friday, May 10, 2019

यज्ञ सदियों तक चले, जडबुद्धि अभ्युत्थान में -सतीश सक्सेना

साधुओं का वेष रक्खे लार टपकाते दिखें
कौन आएगा नमन को , मेरे हिंदुस्तान में ?


धूर्तों ने धन कमाने , घर में, कांटे बो दिए !
रोयेंगी अब पीढ़िया, परिवार पुनरुत्थान में !

कौम सारी हो चुकी बदनाम , बहते खून से ,

कई युग बीतेंगे अपनी क़ौम के भुगतान में !

जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !


इस मदारी राज में सब , दिग्भ्रमित से हैं खड़े
औ लगाओ जोर हइन्सा राज ध्वजोत्थान में !

6 comments:

  1. जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
    यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
    बहुत खूब.... सर, सादर नमस्कार

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  2. जमूरे फिर नाराज हो जायेंगे।

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  3. इस मदारी राज में सब दिग्भ्रमित से हैं खड़े
    लड़खड़ाती मूर्ख जनता,राज धवजोथान में
    आप जैसे महान शुभचिंतकों की आज समाज को बहुत आवयश्कता है ,

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  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हिंदी ब्लॉगिंग अंतर्जाल युग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. बहुत बढ़िया

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  6. जबरदस्त¡¡ पुनरुत्थान तक ना जाने क्या क्या चौपट होगा।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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