साधुओं का वेष रक्खे लार टपकाते दिखें
कौन आएगा नमन को , मेरे हिंदुस्तान में ?
धूर्तों ने धन कमाने , घर में, कांटे बो दिए !
रोयेंगी अब पीढ़िया, परिवार पुनरुत्थान में !
कौम सारी हो चुकी बदनाम , बहते खून से ,
कई युग बीतेंगे अपनी क़ौम के भुगतान में !
कौन आएगा नमन को , मेरे हिंदुस्तान में ?
धूर्तों ने धन कमाने , घर में, कांटे बो दिए !
रोयेंगी अब पीढ़िया, परिवार पुनरुत्थान में !
कौम सारी हो चुकी बदनाम , बहते खून से ,
कई युग बीतेंगे अपनी क़ौम के भुगतान में !
जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
इस मदारी राज में सब , दिग्भ्रमित से हैं खड़े
औ लगाओ जोर हइन्सा राज ध्वजोत्थान में !
यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
इस मदारी राज में सब , दिग्भ्रमित से हैं खड़े
औ लगाओ जोर हइन्सा राज ध्वजोत्थान में !
जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
ReplyDeleteयज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
बहुत खूब.... सर, सादर नमस्कार
जमूरे फिर नाराज हो जायेंगे।
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11 -05-2019) को "
हर दिन माँ के नाम " (चर्चा अंक- 3332) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
....
अनीता सैनी
इस मदारी राज में सब दिग्भ्रमित से हैं खड़े
ReplyDeleteलड़खड़ाती मूर्ख जनता,राज धवजोथान में
आप जैसे महान शुभचिंतकों की आज समाज को बहुत आवयश्कता है ,
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हिंदी ब्लॉगिंग अंतर्जाल युग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteजबरदस्त¡¡ पुनरुत्थान तक ना जाने क्या क्या चौपट होगा।
ReplyDelete