साधुओं का वेष रक्खे लार टपकाते दिखें
कौन आएगा नमन को , मेरे हिंदुस्तान में ?
धूर्तों ने धन कमाने , घर में, कांटे बो दिए !
रोयेंगी अब पीढ़िया, परिवार पुनरुत्थान में !
कौम सारी हो चुकी बदनाम , बहते खून से ,
कई युग बीतेंगे अपनी क़ौम के भुगतान में !
कौन आएगा नमन को , मेरे हिंदुस्तान में ?
धूर्तों ने धन कमाने , घर में, कांटे बो दिए !
रोयेंगी अब पीढ़िया, परिवार पुनरुत्थान में !
कौम सारी हो चुकी बदनाम , बहते खून से ,
कई युग बीतेंगे अपनी क़ौम के भुगतान में !
जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
इस मदारी राज में सब , दिग्भ्रमित से हैं खड़े
औ लगाओ जोर हइन्सा राज ध्वजोत्थान में !
यज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
इस मदारी राज में सब , दिग्भ्रमित से हैं खड़े
औ लगाओ जोर हइन्सा राज ध्वजोत्थान में !
जाहिलों की बुद्धि, कैसे शुद्ध हो इस देश में
ReplyDeleteयज्ञ सदियों तक चले जडबुद्धि अभ्युत्थान में !
बहुत खूब.... सर, सादर नमस्कार
जमूरे फिर नाराज हो जायेंगे।
ReplyDeleteइस मदारी राज में सब दिग्भ्रमित से हैं खड़े
ReplyDeleteलड़खड़ाती मूर्ख जनता,राज धवजोथान में
आप जैसे महान शुभचिंतकों की आज समाज को बहुत आवयश्कता है ,
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हिंदी ब्लॉगिंग अंतर्जाल युग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteजबरदस्त¡¡ पुनरुत्थान तक ना जाने क्या क्या चौपट होगा।
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