Monday, March 27, 2017

एक राजा के ही बस, ढोल बजाने होंगे ! -सतीश सक्सेना

जोश और शान से कुछ झूठ, सुनाने होंगे !
तालियों के लिए कुछ , काम  गिनाने होंगे !

 
वोट पाने  को  हमें , बेहतरीन  लोगों पर  , 
आज ही विष बुझे कुछ तीर चलाने होंगे !

वोट पाने को तो सौजन्य मुखौटा ही नहीं 
कुछ मुसलमान भी , सीने से लगाने होंगे !

हमने पर्वत से तो नाले भी, निकलते देखे !
हर जगह तो नहीं , गंगा के मुहाने होंगे !

धन कमाना हो खूब, मीडिया में आ जाएँ 
एक राजा के ही बस , ढोल बजाने होंगे !

8 comments:

  1. वाह ... क्या बात सतीश जी ... तीखे शेर ...
    बहुत गहरी और दूर की बात ...

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया ।

    ना जाने कब कहाँ कैसे कभी आदमी के भी जमाने होंग़े ?

    ReplyDelete
  3. बहुत ख़ूब!

    सदियाँ गुजर गईं, दिलों में बनें खाइयों को पाटने में
    मुड़ के देख एक बार सही, दस्तूर इंसानियत के गुजरे ज़मानें होंगें।

    ReplyDelete
  4. राज आचार में, सौजन्य मुखौटा ही नहीं
    कुछ मुसलमान भी, सीने से लगाने होंगे !
    इस बार तो वोट भी मिल गया हैं मौका अच्छा हैं..........
    फ़िर ना जाने कब ये मौका मिले............

    ReplyDelete
    Replies
    1. वाह , बहुत खूब , मंगलकामनाएं !!

      Delete
  5. क्या हिंदू,क्या मुसलमान, सभी एक दूजे के साथ प्रेमभाव से रहना सीख लें.... सद्भावना की गंगा बहेगी,जिसमें मिलकर नाले भी गंगा हो जाएँगे... सुंदर भावाभिव्यक्ति !

    ReplyDelete
  6. राजनीति की ये चाल ७० साल से दुर्भाग्य है देश के लिए ... तीखे शेर ...

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,