Sunday, July 2, 2017

हिन्दी लेखन में ब्लॉगर -सतीश सक्सेना

ब्लॉग लेखन में कोई संदेह नहीं कि टिप्पणियां जीवनदान का काम करती हैं , अगर सराहा न जाय तब बड़े बड़े कलम भी घुटनों के  बल बैठते नज़र आएंगे ! मेरे शुरुआत के दिनों में उड़नतश्तरी की त्वरित टिप्पणियों का बड़ा योगदान रहा है और आज भी मैं उनका शुक्र गुज़ार हूँ,  तब से अब तक 584 से अधिक रचनाएं , गद्य अथवा पद्य के रूप में ब्लॉग पर लिख चुका हूँ तथा पाठकों से 16649 टिप्पणियां एवं कुल 518380 पेज व्यू  मिले हैं ! यह पाठक ही हैं जिन्होंने इन्हें मन से सराहा और उन के कारण कलम को सहारा मिलता रहा !

किसी भी रचनाकार के लिए, ध्यान से पढ़ के दिया गया कमेन्ट, प्रेरणा दायक होने के  साथ साथ, उसके कार्य की समीक्षा और सुधार के लिए बेहद आवश्यक होता है , और मैं आभारी हूँ अपने उन मित्रों का जो लगातार मुझे पढ़ते रहे और उत्साह देते रहे ! इस बीच जब जब लेखन से मन उचाट हुआ इन्होने मुझे आकर जगाया और कहा कि लिखिए हमें पढ़ना है, और इन्ही मित्रों के कारण, कलम आज भी गति शील है !

साधारणतया ब्लॉग लेखन का एक उद्देश्य, अपने आपको स्थापित करने के साथ साथ, लोकप्रियता हासिल करना तो निस्संदेह रहता ही है, अपनी तारीफ़ सभी को अच्छी लगती है बशर्ते वह योग्य लोगों द्वारा पढ़ कर की जाए !  अक्सर टिप्पणियों के बदले में, लेख अथवा कविता को बिना पढ़े मिली ब्लोगर वाहवाही, अक्सर हमारे ज्ञान का बंटाधार करने को काफी है ! केवल वाहवाही की टिप्पणियां हमारे अहम् और फ़र्ज़ी प्रभामंडल को बढाने में ही सफल होती हैं चाहे हमारा लेखन कूड़ा ही क्यों न हो !

मेरा यह मानना है कि ब्लोगिंग के जरिये लेखन में विकास , भाषा  के साथ साथ , मानसिकता में बदलाव भी लाने में सक्षम है जो शायद भारतीय समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

18 comments:

  1. Bilkul!! Appreciations se to aage likhne ki iichha aur prabal hoti hai! Pathakon ke wajah se hi to blog hain!

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  2. ब्लॉग्गिंग का सुख और आकर्षण एक ब्लॉगर से बेहतर और कोइ नहीं समझ सकता |ब्लॉग्गिंग जिंदाबाद

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  3. सत्य, सटीक कहा आप ने ।

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  4. सार्थक और सच्ची बात कह दी आपने
    सादर

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  5. यह मानना तय है कि ब्लॉगिंग के जरिये लेखन में विकास,भाषा के साथ साथ , मानसिकता में बदलाव भी लाने में सक्षम है जो शायद भारतीय समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है !
    सादर
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

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  6. I agree, लोगों ने लिखना छोड़ दिया और शायद इसीलिए शायद पढना भी...
    मैं बहुत नहीं बोल सकती क्यूंकि मैं भी उन्ही लोगों की क़तर मैं शामिल हूँ... पर कोशिश करती हूँ कभी-कभी की वापस आ जाऊं... देखिये कब तक में सफल होती हूँ...

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  7. सही कहा आपने ...........हमारी जो भी छोटी मोटी पहचान बनी उसके मूल में हमारे ब्लॉग ही हैं

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  8. सच है
    हुस्न है तो कोई देखने वाली नज़र भी तो हो
    🤓

    बहरहाल
    अच्छा लेखा जोखा प्रस्तुत किया
    बधाई
    एवं
    शुभकामनाएं

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  9. सार्थक टिप्पणी ख़ुशी देती है, कुछ और नए की तरफ प्रेरित करती है ... निरर्थक वाह " जंग है

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  10. बिल्कुल सही कहा आपने सर,ब्लॉगिग हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है उचित भावों और शब्दों से गढ़ी गयी रचनाएँ मन की संतुष्टि के साथ साथ हिंदी को समृद्ध करने में भी सहायक होगी।

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  11. बहुत ही सार्थक और मूल्यवान सलाह दी आपने, आभार.
    रामराम.
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

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  12. अब पुराने लोग फिर जुटेंगे तो खुलकर मन की बात लिखेंगे शायद.

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  13. भाव है...लेखनी है...भाषा है...खूब लिखें और सबको प्रोत्साहित करें|

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  14. सही कहा आपने। पाठक द्वारा दी गई टिप्पणियाँ लेखक में ऊर्जा का संचार कर देती हैं, और अपने विचार पाठक तक पहुंचाने का सुख लेखन को सार्थकता प्रदान करता है। शुभकामनाएं आपको भी...

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  15. आप नियमित लिखते रहें हैं..हमेशा तारीफ के काबिल लेखन रहा तो तारीफ की गई :)..इसे बनाये रखिये..#हिन्दी_ब्लॉगिंग

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  16. किसी भी रचनाकार के लिए, ध्यान से पढ़ के दिया गया कमेन्ट, प्रेरणा दायक होने के साथ साथ, उसके कार्य की समीक्षा और सुधार के लिए बेहद आवश्यक होता है , .... सहमत हूँ ..... सादर

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  17. निश्चित सकारात्मक प्रशंसा कम टिप्पणी लेखन को सुधारती है
    निखारती है ! यहाँ आकर मैंने भी बहुत कुछ सीखा ही है !

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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