नज़र का चश्मा डॉ के कहते ही लगा लिया , उस समय आपने यह कहा ही नहीं होगा कि क्या बिना चश्में के आँखें ठीक होने की संभावना है ? अन्यथा हर आई डॉक्टर जनता है कि अधिकतर आँखें , व्यायाम करने से ठीक हो सकती हैं और इसके लिए वाक़ायदा एक्सरसाइज बनायी गयीं हैं , मगर हम में से अधिकतर लोग एक्सरसाइज का झंझट ही नहीं चाहते , और फिर चश्मा है ही फिर एक्सरसाइज की आवश्यकता ही क्या है ?
आँखें कमजोर होने के बाद स्पष्ट देखने के दो ही तरीक़े हैं , सुस्त आँखों का व्यायाम करिए और आप देखेंगे कि कुछ दिनों बाद ही आपको चश्में की आवश्यकता नहीं रही , वृद्ध अवस्था में भी लगातार अभ्यास करने के बाद , हाथ पैरों की मसल्स दुबारा शक्तिशाली बन सकती हैं तब आँखें क्यों नहीं ? मेरा पहला चश्मा आज से लगभग लगभग 30 वर्ष पहले लगा था , मगर उसका उपयोग मैंने न के बराबर ही किया ! मेडिकल व्यवसाय ने एक्सरसाइज न करने वालों को तमाम सहूलियतें दी हैं और तमाम अविष्कार किए मगर वे यह बहुत कम बताते हैं कि बिना आर्टिफीसियल उपयोग के भी आप ठीक हो सकते हैं और शायद यही हमें भी सुविधा जनक लगता है सो बहुत कम उम्र में ही खूबसूरत आँखों पर चश्मा चढ़ा दिया जाता है !
आज मैंने अपने एक दोस्त से कहा कि मेरे सामने वे बिना चश्मा लगाये पढ़ने का प्रयत्न करें और उन्हें विभिन्न फ़ॉण्ट साइज के आर्टिकल पढ़ने को कहा , जिस आर्टिकल को वे सही से नहीं पढ़ सके उसे मैंने बिना चश्मे की मदद के बार बार पढ़ने के प्रयत्न करने को कहा और लगभग 5 मिनट बाद वे उसे धीरे धीरे पढ़ने में समर्थ थे , वे आश्चर्य चकित थे , मैंने उन्हें बताया कि कभी मेरी आँखें भी ऐसी ही थीं ! और आज लगभग 68+ की उम्र में , बिना चश्में कहीं भी चला जाता हूँ , छोटे अक्षर भी मिलें तब भी बिना चश्में पढ़ने की कोशिश करता हूँ और आँखों ने कभी धोखा नहीं दिया , इसीलिए चश्मे का नंबर 2.5 होने के बावजूद , मैं बरसों से चश्में का उपयोग सिर्फ़ बारीक अक्षर पढ़ने के लिए ही करता हूँ !
कृपया प्रयास करें , चश्मा हटाने के लिए अपनी खूबसूरत आँखों की मदद करें , वे आपका साथ अवश्य देंगी !
बिलकुल सही कहा आपने सर,मैं भी यही कोशिश करती हूँ। आपको देखकर प्रेरणा मिलती है। ऐसे ही स्वस्थ से संबंधित जानकारियां साझा करते रहे।
ReplyDeleteहृदयतल से धन्यवाद आपको,सादर नमन
सही कहा
ReplyDeleteसही है
ReplyDeleteबहुत ही काम की जानकारी दी है आपने,में भी अपने चश्मे को हटाने के लिये कोशिश करूँगी बहुत बहुत आभार,
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