Monday, October 14, 2024

आदरणीय लोग अधिक ख़तरे में हैं -सतीश सक्सेना

परिवार में दख़लंदाज़ी , बड़प्पन के कारण हर समय तनाव, नींद की कमी ,

अस्वस्थ भोजन के साथ हाई बीपी , मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण बढ़ती डायबिटीज , काफ़ी है आदरणीयों की जान लेने को ! सुबह सुबह वाक करने निकले यह साधन संपन्न लोग अपना सबसे क़ीमती समय, साथ चलते दोस्तों से विगत यशगान करने में बिताते हैं !

आज काल इतने हार्ट अटैक हो रहे हैं उनमें से ऐसा कोई नहीं जो वाक न करता हो , वाक करने का अर्थ यह नहीं कि वह बीमार नहीं पड़ेगा , जीवन में इस प्रकार के निरुत्साह , निरुद्देश्य वाक से कुछ नहीं मिलता , खुश रहकर वाक करना और उस समय एकाग्र चित्त होकर शरीर से बात करना , दिन में कितना और क्या खाते हैं और दिनचर्या क्या है , दवाओं पर निर्भर तो नहीं , तमाम आवश्यक बातें हैं जो मानव कभी सोचता भी नहीं, सुबह वाक करते समय विचार करें एकाग्र होकर और ख़ुद पर लागू करने का संकल्प लें तो उस दिन का वाक सफल मानें !

अभी समय नहीं चला गया आपको आत्मविश्वास बापस लाना होगा और मृत्यु भय का त्याग करना होगा , कायाकल्प संभव है आपकी उम्र में बस एक बार भीष्म प्रतिज्ञा करनी होगी और आप अंत तक स्वस्थ रहकर जीवन का आनंद ले पायेंगे !, सादर 

चमत्कार होगा यकीन करें

4 comments:

  1. प्रेरित करते रहे सर,स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लोक कल्याणकारी जिम्मेदारी है जिसे आप बखूबी निभा रहे है।
    सादर।
    -----

    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार १५ अक्टूबर २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. सुंदर सार्थक सीख।

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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