श्रद्धा, निष्ठा, सत्य, प्रतिष्ठा, का सम्मान सजाये रखना !
तुम पर गीत लिखे हैं मैंने, इनकी लाज बचाये रखना !
चंचल मन काबू कर पाना इतना भी आसान नहीं पर
निष्ठा पूजा याद रहे तो , कुछ विश्वास जगाये रखना !
वेद ऋचाएँ सुनते सुनते, बे मतलब का तर्क न करना !
आशय भले समझ न आये तो भी भ्रान्ति बनाये रखना !
जैसी भी हम किस्मत लाये , ये जीवन बेकार गया, पर
तुम पर गीत लिखे हैं मैंने, इनकी लाज बचाये रखना !
चंचल मन काबू कर पाना इतना भी आसान नहीं पर
निष्ठा पूजा याद रहे तो , कुछ विश्वास जगाये रखना !
वेद ऋचाएँ सुनते सुनते, बे मतलब का तर्क न करना !
आशय भले समझ न आये तो भी भ्रान्ति बनाये रखना !
जैसी भी हम किस्मत लाये , ये जीवन बेकार गया, पर
पति पत्नी की सुन्दर जोड़ी का आभास दिलाये रखना !
थके हुए नाविक अब तो नींद से बोझिल होती पलकें,
नज़र दूर से ही आ जाओ , इतने दीप जलाये रखना !
थके हुए नाविक अब तो नींद से बोझिल होती पलकें,
नज़र दूर से ही आ जाओ , इतने दीप जलाये रखना !
सुन्दर !
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteचिंता ना करें वहम बना रहेगा
टूटना चाहेगा तो वो है ना
कुछ साल तो चलेगा
रत्ती भर भी ना टूटने देगा :)
तेरे दर पर हम आए हैं ले कर मन के फूल रुपहले ।
ReplyDeleteचरणों पर इन को रख लेना उज्ज्वल भाव बनाए रखना।
वाह ! आनंद मय , आभार आपका !!
Deleteबहुत खूब...सुन्दर कथ्य व सन्देश...
ReplyDeleteविश्वास , गरिमा बचाये ही रखनी होगी !
ReplyDeleteसुन्दर गीत !
बहुत खूब...
ReplyDeleteगरिमा और विश्वासों का सम्मान बचा रहेगा यही उम्मीद है।
ReplyDeleteप्रेरणामय कविता - बहुत सुन्दर संदेश से पूरित !
ReplyDelete* नज़र दूर से ही आ जाओ, इतने दीप जलाये रखना!
ReplyDelete- अति सुंदर भाव!
बहुत सुंदर
ReplyDeleteचंचल मन काबू कर पाना,भी आसान नहीं है,लेकिन !
Deleteअपनी गरिमा औ विश्वासों का सम्मान बचाये रखना !
bahut khoob likha
badhai
rachana
बहुत अच्छी लगी रचना. गाते हुआ पढ़ा.
ReplyDeleteSatish Ji
ReplyDeleteI want to comment in Hindi. Please guide me , how to write in hindi
regards
Prof. K K garg
थके हुए नाविक की जैसे,नींद से बोझल होती पलकें !
ReplyDeleteनज़र, दूर से ही आ जाओ, इतने दीप जलाये रखना !
बहुत सुन्दर !!
काफी दिनों बाद आना हुआ इसके लिए माफ़ी चाहूँगा । बहुत बढ़िया लगी पोस्ट |
ReplyDeleteकाफी दिनों बाद आना हुआ इसके लिए माफ़ी चाहूँगा । बहुत बढ़िया लगी पोस्ट |
ReplyDeleteथके हुए नाविक की जैसे,नींद से बोझल होती पलकें !
ReplyDeleteनज़र, दूर से ही आ जाओ, इतने दीप जलाये रखना !
bahut sundar !
खूबसूरत गीत भाई जी ....रिश्ते बनाने से ही बनते हैं ...
ReplyDeleteकितने सुन्दर भाव,खूबसूरत गीत ...
ReplyDelete