सुलगते घर में,मधुर धारा बहाना चाहता हूँ !
हो रहे बरसों से ये,झगडे मिटाना चाहता हूँ !
मानवों को ज्ञान नफरत का पढ़ाया है बहुत
पंडितों से दूर,इक बस्ती,बसाना चाहता हूँ !
साधुओं के रूप में, शैतान सम्मानित न हो !
आस्था मासूम की,केवल बचाना चाहता हूँ !
जो भी जन्में साथ में,उनका भी हक़ पूरा रहे !
खो रहे विश्वास को,बापस बुलाना चाहता हूँ !
ढोंगियों ने देश को, बरबाद करके रख दिया !
मेरा घर खुशहाल हो ये गीत गाना चाहता हूँ !
हो रहे बरसों से ये,झगडे मिटाना चाहता हूँ !
मानवों को ज्ञान नफरत का पढ़ाया है बहुत
पंडितों से दूर,इक बस्ती,बसाना चाहता हूँ !
साधुओं के रूप में, शैतान सम्मानित न हो !
आस्था मासूम की,केवल बचाना चाहता हूँ !
जो भी जन्में साथ में,उनका भी हक़ पूरा रहे !
खो रहे विश्वास को,बापस बुलाना चाहता हूँ !
ढोंगियों ने देश को, बरबाद करके रख दिया !
मेरा घर खुशहाल हो ये गीत गाना चाहता हूँ !
बहुत उम्दा रचना ।
ReplyDeleteआपकी इन करामातों को
करने धरने के लिये
मैं भी साथ आना चाहता हूँ
राम बनने की इच्छा
कभी भी नहीं रही लेकिन
कटखन्ने बंदरों की
एक सेना बनाना चाहता हूँ :)
ढेरों बहाने मिल जायेंगे इन्हें पीटने के...
ReplyDeleteनिकाल डालिए मन की भड़ास.....
:-)
सादर
an
आक्रोश स्वाभाविक है - जूतों के देव बातों से नहीं मानते !
ReplyDeleteसुन्दर .....
ReplyDeleteजो भी जन्में साथ हैं उनका भी हक़ पूरा रहे !
ReplyDeleteखो रहे विश्वास को,बापस बुलाना चाहता हूँ !..
आशावादी विचार लिए ... बहुत ही सुन्दर छंद ... विश्वास वापस आएगा ...
सतीश भाई लाजवाब रचना व बेहतर लेखन , धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
ढोंगियों ने देश को, बरबाद करके रख दिया !
ReplyDeleteइनको जीभर पीट लेने का बहाना चाहता हूँ !
बहुत सही . ....मेरा मन भी होता है कुछ ऐसा ही...... पर किसी को पीटूं
This is the anguish against injustices and self-assertion, which is sometimes needed. Keep this fire. Regards.
ReplyDeleteइरादे बहुत तीखे मगर नेक हैं । ऐसे विचारों को मौका पाकर व्यवहार में बदल ही डालिये ।
ReplyDeleteसार्थक ...सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सही . ....सार्थक लेखन
Deleteक्षमा वीरस्य भूषणम् ।
ReplyDeleteकितना ही कुछ कह ले पर इसके बिना काम भी नहीं चलता
ReplyDeleteढोंगियों ने देश को, बरबाद करके रख दिया !
ReplyDeleteइनको जीभर पीट लेने का बहाना चाहता हूँ !
vaah kya baat hai :)
प्यारे सुथरे ख्याल--सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDelete