अपने ब्लाग पर आपका परिचय क्या संदेश दे रहा है ? कहीं ऐसा तो नही कि आप के परिचय से यह झलकता हो कि आप इस देश के सबसे बड़े विद्वान् हैं तो आप यह जान लें कि ब्लाग जगत पर लिखने वाले लोग एक से एक शानदारव्यक्तित्व वाले लोग हैं जो आपके ब्लाग को देख कर ही समझ जायेंगे कि वे एक नासमझ , जो अपने आपको विद्वान् मानता है, को पढ़ रहे हैं ! यकीन मानिए दोबारा पढने के लिए वे आपके ब्लाग पर फिर कभी नहीं आयेंगे !
कहीं आप अपने लेखों में , जिसमें क्लिष्ट शब्दों का उपयोग अधिक हुआ हो, का प्रयोग अधिक तो नही करते ?
क्या आपके ऐसे मित्र हैं जिनसे अपने ब्लाग के बारे में बेवाक कमेंट्स ले सकें , कि आपके ब्लाग पर कमेंट्स कम क्यों आते हैं ?
क्या आपके पास ईमानदार मित्र हैं जो आपकी आपके मुंह पर आलोचना कर सकें , या आपने सिर्फ़ तारीफ करने वाले मित्रों को ही अपना शुभचिंतक बनाया है , अगर ऐसा है तो आप विद्वान् होने के बावजूद बहुत शीघ्र अपने आपको अवसाद में पाएंगे !
आपके ब्लाग का रंग संयोजन आंखों को चुभता तो नही है ?
क्या आप मन में किसी विचारधारा ( पार्टी, जाति , नारी, पुरूष, इत्यादि ) के प्रति नफरत तो नही फैला रहे हैं ? अगर ऐसा है तो याद रखें गुस्सा और नफरत की ये चिंगारियां अगर आप बिखेर रहे हैं तो यह आपके परिवार को अवश्य प्रभावित करेंगी ! कृपया इतिहास का एक उदाहरण सोच कर देखे कि नफरत से क्या हासिल हुआ ! जो नकारात्मक सोंच आप उत्सर्जित कर रहे हैं उसका असर आपके परिवार पर क्या पड़ेगा ? अधिकतर यह नफरत भरे लेख ,व्यक्तिगत मामलों में, अपने अनुभव के कारण लिखे जाते हैं या विषद विषय पर अनुभवहीनता के कारण , कि आप उस विषय को अधिक जानते ही नहीं !
कहीं आप अपने लेखों में , जिसमें क्लिष्ट शब्दों का उपयोग अधिक हुआ हो, का प्रयोग अधिक तो नही करते ?
क्या आपके ऐसे मित्र हैं जिनसे अपने ब्लाग के बारे में बेवाक कमेंट्स ले सकें , कि आपके ब्लाग पर कमेंट्स कम क्यों आते हैं ?
क्या आपके पास ईमानदार मित्र हैं जो आपकी आपके मुंह पर आलोचना कर सकें , या आपने सिर्फ़ तारीफ करने वाले मित्रों को ही अपना शुभचिंतक बनाया है , अगर ऐसा है तो आप विद्वान् होने के बावजूद बहुत शीघ्र अपने आपको अवसाद में पाएंगे !
आपके ब्लाग का रंग संयोजन आंखों को चुभता तो नही है ?
क्या आप मन में किसी विचारधारा ( पार्टी, जाति , नारी, पुरूष, इत्यादि ) के प्रति नफरत तो नही फैला रहे हैं ? अगर ऐसा है तो याद रखें गुस्सा और नफरत की ये चिंगारियां अगर आप बिखेर रहे हैं तो यह आपके परिवार को अवश्य प्रभावित करेंगी ! कृपया इतिहास का एक उदाहरण सोच कर देखे कि नफरत से क्या हासिल हुआ ! जो नकारात्मक सोंच आप उत्सर्जित कर रहे हैं उसका असर आपके परिवार पर क्या पड़ेगा ? अधिकतर यह नफरत भरे लेख ,व्यक्तिगत मामलों में, अपने अनुभव के कारण लिखे जाते हैं या विषद विषय पर अनुभवहीनता के कारण , कि आप उस विषय को अधिक जानते ही नहीं !
अच्छा विषय है...
ReplyDeleteसही लिखा है आपने ..जानने योग्य बातें हैं यह शुक्रिया
ReplyDeleteबिल्कुल सही कह रहे हैं..काम की सलाह!
ReplyDeleteबहुत सही बात कही है सर.
ReplyDeleteआप ने अच्छा विश्लेषण किया। वास्तव में यह पोस्ट बहुत से ब्लागों पर नहीं की गई टिप्पणियों की समष्टि है।
ReplyDeleteसही सलाह
ReplyDeleteआपने बहुत ही उचित और मार्ग दर्शन करने वाले उपाय बताएं हैं ! धन्यवाद !
ReplyDeleteबढिया लिखा है..
ReplyDeleteकाश मेरी बुद्धी भी काम करती , ओर मै भी आप की तरह से सोचता, बहुत ही नेक सलाह दी है आप ने .
ReplyDeleteधन्यवाद
अच्छी सलाहें।
ReplyDeleteसार्थक और उपयोगी सलाह।
ReplyDelete'well good and useful checklist, but lil difficult also to follow ha ha ha "
ReplyDeleteregards
great work sir
ReplyDeleteneed to keep in mind
regards
अब ब्लागलेखक के मूर्ख या विद्वान कहलाने / समझने का मापदंड भी तो बताता जा, यार सक्सेना !
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