अल्लाह हर बशर को, रमज़ान मुबारक हो
सब को इबादतों का, अरमान मुबारक हो !
सब को इबादतों का, अरमान मुबारक हो !
माता पिता को रखना ताउम्र प्यार से तुम !
अल्लाह का दिया ये , अहसान मुबारक हो !
अल्लाह का दिया ये , अहसान मुबारक हो !
इन रहमतों के क़र्ज़े , कैसे अदा करोगे ?
माँ-बाप का ये प्यारा दालान मुबारक हो !
माँ-बाप का ये प्यारा दालान मुबारक हो !
रहमत के माह में तो कुछ काम नेक कर ले
जो दे सवाब तुम को रहमान , मुबारक हो !
जो दे सवाब तुम को रहमान , मुबारक हो !
मुझ को मेरे ख़ुदाया तू राहे हक़ पे रखना
तेरा अता किया , ये ईमान मुबारक हो !
तेरा अता किया , ये ईमान मुबारक हो !
सब ही को रमजान मुबारक हो । बहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteवाह , बहुत हि सुंदर लेखन , आ. सतीश सर धन्यवाद , सभी भाई बंधुओ को मुबारक !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक कल शनिवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर होगा , धन्यवाद !
ReplyDeleteमाशाल्ला बहुत खुबी,बढ़िया।
ReplyDeleteदुवा करते है,आप की कलम सलामत रहे।
ओर आप यु ही लिखते रहे। सभी दोस्तों को
रमजान मुबारक।
बहुत ही विचारणीय और सशक्त.
ReplyDeleteरामराम.
वाह बहुत खूब ... मुझ को मेरे ख़ुदाया तू राहे हक़ प रखना ................।।।।।।
ReplyDeleteआमीन... रमजान मुबारक...
सभी मित्रों को रमजान के इस पावन पर्व पर
ReplyDeleteमेरी तरफ से भी बहुत बहुत शुभकामनायें !
सुन्दर सार्थक गजल हमेशा की तरह !
सुभानाल्लाह ....आखिरी शेर तो गज़ब का है |
ReplyDeleteसटीक ग़ज़ल
ReplyDeleteवाह.....
ReplyDeleteआपको भी मुबारक...
बहुत प्यारी पोस्ट !!
सादर
अनु
रमजान की सबको मुबारकें..उस परम पिता को एक पल के लिए भी न भूलें यही याद दिलाने आता है रमजान
ReplyDeleteबहुत सुंदर......
ReplyDeleteसबसे नेक काम के लिए आवाहन कर लिया गया है - इस पर भी विचार करें !
ReplyDeleteशुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत लिखा है आपने। रमजान मुबारक हो..
ReplyDeleteइन रहमतों के क़र्ज़े , कैसे अदा करोगे ?
माँ-बाप का ये प्यारा दालान मुबारक हो !
आमीन
रमजान की मुबारक बाद सभी को ...
ReplyDeleteआपको भी मुबारक़ भाई जान!!
ReplyDeleteदेते हैं आपको भी रमज़ान की बधाई
ReplyDeleteयह प्रेम का कलावा भारत को मुबारक़ हो ।
ReplyDeleteरहमत के माह में तो कुछ काम नेक कर ले
जो दे सवाब तुम को रहमान , मुबारक हो !
मुबारक़ रमज़ान से हैं हर शब्द और उनके एहसास ......
आपको भी मुबारक़बाद ......
ब्लॉग बुलेटिन की आज गुरुवार १० जुलाई २०१४ की बुलेटिन -- राम-रहीम के आगे जहाँ और भी हैं – ब्लॉग बुलेटिन -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार!
ReplyDeleteसभी को मिले सबाब, सभी को रमजान मुबारक. सुंदर रचना.
ReplyDeleteबहुत सुंदर सार्थक सारगर्भित अभिव्यक्ति ...!!
ReplyDeleteइन रहमतों के क़र्ज़े , कैसे अदा करोगे ?
ReplyDeleteमाँ-बाप का ये प्यारा दालान मुबारक हो !
रहमत के माह में तो कुछ काम नेक कर ले
जो दे सवाब तुम को रहमान , मुबारक हो !
रमजान मुबारक़
sundar,pyari post.....aapko bhi mubarakbad...
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