हिंदी जगत में ब्लॉगिंग का आगमन , हिंदी के नवोदित लेखकों के लिए संजीवनी का काम कर गया , झिझकती लड़खड़ाती शर्मीली सैकड़ों कलमें हिंदी की चाल दिखाने के लिए फ्लोर पर पहली बार जब आयीं थी तो उनमें कितनी ही खड़े होने लायक भी नहीं थीं , मगर पाठक रुपी दर्शकों ने वाह वाह कर उन्हें प्रोत्साहन दिया और कांपते हुए क़दमों को अहसास दिलाया कि वे न केवल चल रही हैं बल्कि बेहतरीन निशान भी छोड़ रही हैं !
यह उनके लिए अविश्वसनीय ही था कि जिन्होंने पूरी जिंदगी कुछ नहीं लिखा उनका लिखना न केवल पढ़ने योग्य है बल्कि तालियों के साथ हिंदी जगत में उन्हें एक सम्मानित पहचान भी मिल रही है , इस विश्वास के साथ ही उनके लेखन में विविधता और पैनापन बढ़ने लगा और कुछ समय पश्चात, उनके बेकार लेख वाकई अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए, आज उनमें से कई हिंदी जगत में बेहतरीन लेखक हैं और प्रिंट मीडिया उनके लेख लगातार छापकर उन्हें सम्मानित कर रही है !
हिंदी ब्लॉगिंग से लेखकों के उदय में, मैं समीर लाल ( उड़न तश्तरी ) का बहुत बड़ा योगदान मानता हूँ , 2008 में समीर लाल ही थे जो नियमित तौर पर प्रतिदिन लगभग सौ ब्लॉगरों के ब्लॉग पर जा जाकर वाह वाही कर टिप्पणी करते थे , कई लोग कहते थे कि इतनी टिप्पणियां कोई एक व्यक्ति कर ही नहीं सकता यह असंभव ही था कि एक व्यक्ति इतने ब्लॉगों पर जाकर पढ़े और टिप्पणी करे ! कुछ कहते थे कि उन्होंने कोई सॉफ्टवेयर बनवाया है जो इतनी टिप्पणी रोज करता है और कई उनकी मजाक बनाते थे कि वे किसी ब्लॉग को पढ़ते नहीं है बस खुद के ब्लॉग पर टिप्पणी पाने के लिए वे सबके ब्लॉग पर नियमित टिपियाते हैं ! मगर सच्चाई यही थी कि उनकी टिप्पणी पाने पर एक जोश महसूस होता था कि मैंने कुछ अच्छा लिखा है जो कनाडा से उड़नतश्तरी ने आकर कमेंट दिया है ! हिंदी ब्लॉगिंग को बढ़ाने में समीर लाल का योगदान अमर और सैकड़ों लेखनियों के लिए जीवन दायक रहा , इस योगदान के लिए वे हमेशा वंदनीय रहेंगे !
रनिंग करते समय, स्टेडियम के रनिंग ट्रेक पर या खुली सड़क पर जब कोई भारी वजन का व्यक्ति या महिला दौड़ने का प्रयत्न करते देखता हूँ तब मैं उसकी हिम्मत अफ़ज़ाई अवश्य करता हूँ , शाब्बाश बच्चे तुम अवश्य जीतोगे एक दिन, बस हिम्मत नहीं हारना , दुनियां तुम्हें दौड़ते देख हँस रही है इसकी बिना परवाह किये धीरे धीरे बिना हांफे दौड़ना, सीखते रहो एक दिन तुम्हारा स्लिम शरीर इसी ट्रेक पर तेज गति से भागते हुए दुनिया देखेगी !
अंत में , बढ़ा वजन घटाने के लिए !
-दिन में 12 गिलास पानी कम से कम पीना ही है !
-डिनर ७ -८ बजे तक और बहुत हल्का बिना रोटी चावल के !
कोई भी मीठी चीज नहीं खानी है ! मिल्क प्रोडक्ट कम करें !
-रोज आधा घंटा तेज वाक करें बिना हांफे , और आखिरी दो मिनट बिना हांफते हुए दौड़ कर समाप्त करें ! विश्वास रखें कि वे बहुत जल्द सामान्य पहले जैसे स्मार्ट होंगे ! शरीर आसानी से हर परिस्थिति में अभ्यस्त हो जाने में समर्थ है , रनिंग सिखने के साथ ही शरीर की ढेरों उम्र जनित बीमारियां डायबिटीज , बीपी , कब्ज ,दर्द आदि खुदबखुद गायब हो जायँगी !
अदभुद
ReplyDeleteबिल्कुल सही लिखा है आपने।
ReplyDeleteसच प्रोत्साहन टॉनिक का काम करता है। धीरे-धीरे चलने वाला ही आखिर में लम्बी दौड़ लगाने में सक्षम हो पाता है
ReplyDeleteबहुत अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर एक स्वास्थ्यवर्धक सीख देती प्रस्तुति
जी सर,
ReplyDeleteप्रणाम।
आपके ऊर्जावान विचार सकारात्मकता और प्रेरणा का संचार कर जीवन को एक नवीन दृष्टिकोण से देखने को विवश करते हैं।
सादर।
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
21/02/2021 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
आदरणीय/ प्रिय,
ReplyDeleteकृपया निम्नलिखित लिंक का अवलोकन करने का कष्ट करें। मेरे आलेख में आपका संदर्भ भी शामिल है-
मेरी पुस्तक ‘‘औरत तीन तस्वीरें’’ में मेरे ब्लाॅगर साथी | डाॅ शरद सिंह
सादर,
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
ब्लॉगिंग लेखन और स्वास्थ्य ... अद्धभुत तालमेल
ReplyDeleteसंजीवनी बूटी हम जैसों के लिए
साधुवाद
इसी तरह उत्साहित करते रहें।
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी
ReplyDeleteसटीक लेख सतीश जी। प्रोत्साहन में अद्भुत शक्ति होती किसी कोआगे बढ़ाने की। लेखन में प्रोत्साहन और प्रशंसा की परंपरा ने अनगिन लोगोँ को आगे बढ़ाया है। कई लोगोँ की कलम प्रोत्साहन से निखर कर खूब् चमकी है समीर जी मेरे ब्लॉग पर हालांकि कभी नहीं आये पर मैं उनके हल्के फुल्के लेखों की सदैव प्रशंसक रही हूँ और मैंने सालों उन्हे नियमित रूप से पढ़ा है। उनके बारे में जो आपने जो लिखा उसे पढ़कर उनके प्रति समान की भावना और भी बढ़ गई। सच में कोई भी क्षेत्र हो प्रोत्साहन से प्रतिभा को अतुलनीय संबल मिलता है। सेहत के लिए आपके सुझाव अनमोल हैं। हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏
ReplyDeleteलेकिन अक्सर ब्लॉग प्रसिद्ध होते ही रचनाकार बंधु आभार तक व्यक्त करना छोड़ देते हैं 😃😄
ReplyDeleteअनुकरणीय उदाहरण
ReplyDeleteहां, याद हैं वे दिन ... भाई समीरलाल उड़नतश्तरी द्वारा पाई प्रशंसा वाले 🙏
ReplyDeleteस्वास्थ्य के प्रति चिंतन महत्वपूर्ण है। धन्यवाद 🙏
बिलकुल सही लिखा आपने | बहुत प्रशंसनीय लेख |
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