Tuesday, November 22, 2022

ख़याल तुमने किया है कभी इन अंगों का ? -सतीश सक्सेना

 कल मैंने पहली बार गौर किया कि मैंने अपनी आँखों का व्यायाम पूरे जीवन नहीं किया और न उनको शक्तिशाली बनाने की चेष्टा की, फिर भी ये आँखें, उपेक्षित होकर भी सात दशकों से अपना साथ दे रही हैं ! सो आज सहज मानवीय बुद्धि से उनका व्यायाम किया और आगे भी करता रहूँगा , यदाकदा चश्मे का उपयोग त्याग रहा हूँ, सो यह पोस्ट बिना चश्मे लिख रहा हूँ !

- शरीर के अन्य अंग जिनका उपयोग कम किया उनमें घुटने शामिल हैं, कल से पाँच मंज़िल से कम ऊँचाई में लिफ़्ट का उपयोग नहीं करना !
ग़र जकड़ जाएँ जोड़ देह के , रोना कैसा
ख़याल तुमने कौन सा रखा इन अंगों का ?

2 comments:

  1. इसी तरह उत्साहित करते रहें शुभकामनाएं

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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