यह साढ़े तीन साल की छोटी सी लड़की नन्नू है , म्यूनिक जर्मनी में पैदा हुई भारतीय लड़की ,दो वर्ष से ही अपने पापा से हिन्दी में बात करती है क्योंकि उन्हें जर्मन और इंगलिश नहीं आती , मां से इंग्लिश में अपनी बात समझाती है क्योंकि उन्हें जर्मन और हिन्दी नहीं आती , और पूरे दिन स्कूल में जर्मन बच्चों और टीचर से जर्मन भाषा में बोलतीं है क्योंकि उन्हें हिन्दी और इंग्लिश नहीं आती !
मीरा सक्सेना ( नन्नू) ने तीन भाषाओं में बात करने की अपनी समस्या, पिछले महीने जब मैं जर्मनी में था, बतायी कि Baba, mamma knows only English , papa knows only hindi , Eadita (her German care taker) knows only German but Meera knows all languages!! )
इसके पैदा होते ही इसके माँ बाप ने अपनी अपनी भाषाएँ फिक्स कर ली थीं , तब से अब तक मीरा के सामने गौरव हमेशा हिन्दी में , उसकी माँ हमेशा इंगलिश में ही बात करते आये हैं , अन्य भाषा सुनते समय वे दोनों अपनी बेटी के सामने अनजान बने रहते सो नन्नू उनकी भाषाओं में ही बोलती रही और आज उसकी तीनों भाषाओं पर ज़बरदस्त पकड़ है , जर्मन तो धाराप्रवाह है ही जबकि उसके माँ बाप को वह काम चलाऊ ही आती है !
यह पोती है मेरी, अपने बाबा की जान , इसके साथ रहता हूँ तो लगता है सबसे बड़ा सुख यही है !
प्रणाम आप सबको
बहुत प्यारी है आपकी नन्नू ! अच्छा लगा उससे मिलकर
ReplyDeleteबाबा की दुलारी नन्नू से मिल कर बहुत अच्छा लगा ।
ReplyDeleteअद्भुद
ReplyDeleteवाह.
ReplyDeleteउसे ढेर सारा प्यार
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