Thursday, June 6, 2013

ठसक से ठगी का पाठ पढ़ाता, यह ब्लोगर कौन है -सतीश सक्सेना

बरसों पहले २००८ में  मानसिक हलचल पर ज्ञानदत्त  पाण्डेय जी ने एक लेख लिखा था , यह ताऊ कौन है ?  
जिसमें ज्ञानदत्त जैसे गंभीर ब्लोगर ने लिखा था कि.."ताऊ की पहचान के लिये जो फसाड है एक चिम्पांजी बन्दर का - मैं उससे चाह कर भी ताऊ को आईडेण्टीफाई नहीं कर पाता। अगर मैं उनसे अनुरोध कर पाता तो यही करता कि मित्र, हमारी तरह अपनी खुद की फोटो ठेल दें - भले ही (जैसे हमारी फोटोजीनिक नहीं है) बहुत फिल्मस्टारीय न भी हो तो।"

                      वे कहते हैं कि हो सकता है ताऊ की शक्ल फिल्म स्टार जैसी न हो तो भी कम से कम अपना एक वास्तविक फोटो जरूर लगाएं ! लगभग सभी ब्लागरों ने एक ही बात कहीं कि बन्दर के चेहरे के बावजूद, ताऊ बेहद विद्वान और गंभीर कलम के धनी हैं , उस पोस्ट (३-१२-२००८ )पर मेरा ताऊ के प्रति कमेन्ट निम्न था ..
              "ताऊ पर लेख लिख कर आप बाजी मार ले गए और मैं सोचता रह गया सो बधाई स्वीकार करें ! पी सी रामपुरिया का व्यक्तित्व, ब्लाग जगत के थकान एवं उबाऊ भरे रास्ते पर एक बगीचे का शीतल अहसास जैसा है ! यह विद्वान एवं धीर गंभीर व्यक्ति ब्लाग जगत के उन शानदार प्रतिभाओं में से एक है जिसके कारण हिन्दी ब्लाग पढ़ते हुए भी, हमारे चेहरों पर मुस्कान सम्भव हो पाती है ! मैं उनके प्रसंशकों में, अपने आपको अग्रिम पंक्ति में पाता हूँ  "
                 मगर इस बन्दर मास्क लगाए चेहरे ने,ब्लॉग जगत को सार्थक लिखना सिखा दिया , हास्य व्यंग्य के इस आचार्य ने, खुद अपने चरित्र का, सरे आम मज़ाक उड़ाया है कि हमारे देश के लोग आज भी कितनी आसानी से बहुरूपियों द्वारा लुटे जा रहे हैं ! आम आदमी की कमजोरियों का फायदा उठाते, यह मदारी, नित नया रूप रखने में तनिक भी देर नहीं लगाते हैं ,धन कमाने, बाल उगाने, गोरा बनाने, बिना मेहनत  डिग्री लेने  के तरीकों पर लिखी पुस्तकें आज भी लाखों की संख्या में बिकतीं हैं !
आइये ज़रा ताऊ सद्साहित्य के प्रकाशक, द्वारा, बैस्ट सैलर किताबों पर गौर फरमाएं ...

इनकी विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें : 
-५ वीं फेल डायरेक्ट एम् ऐ करें 
-चिटठा रोगों का शर्तिया इलाज़ 
-टंगड़ी मारने के अचूक नुस्खे 
-महिलाओं को इम्प्रेस करने के १०१ अचूक नुस्खे

                     अन्य मशहूर कंपनियों में  टीवी फोड़ न्यूज़ चैनल, ताऊ शर्तिया दवाखाना  जिसकी एजेंसी और कहीं नहीं है, नशा मुक्ति शिविर, कालोनाइज़र ताऊ , ताऊ प्रोडक्ट  फैक्ट्री  के शर्तिया कामयाब उत्पाद  और अगर आप उनके विज्ञापन पढ़ लें तो आप को रात भर नींद नहीं आएगी कि कब सुबह हो और यह प्रोडक्ट खरीदें  जाएँ  ! काश यह हमें पहले क्यों नहीं मिले ..

                      ब्लॉगजगत के इस रहस्यमय ताऊ  से एक बार मेरी मुलाक़ात हो चुकी है , मैंने निम्न कविता ताऊ को समर्पित की है जिसमें इनके ताऊ रूप का वर्णन है ! रूप वर्णन  सत्य है , ज़रा ध्यान से पढियेगा शायद आप ताऊ छवि का अंदाजा लगा सकें ! 

कंगन, झुमका ,पायल, चूड़ी
पर इस ताऊ का, ध्यान रहे
धन जहाँ दिखे, मिलते हैं यह
केवल  धंधे  का ध्यान रहे !
रुपये  कैसे भी, कमा सके ,
ये वेश बदलते रहते हैं !
संपत्ति भक्त की  अंटी कर, ये भक्त बदलते रहते हैं !

सब चोर उचक्कों के ताऊ ,
सारे ठग, इनके अनुयायी
मंदिर का कलश उतारें ये,
भगवान् के बनके अनुयायी
गुरूद्वारे मंदिर मस्जिद में,
ये अक्सर पाए जाते हैं !
जैसा मौका देखें अक्सर, भगवान् बदलते रहते हैं !

सुंदर सुकमार सुदर्शन हैं
औ दिखते वैभवशाली हैं ,
आकर्षक औ गंभीर बहुत
ये ताऊ गरिमा शाली है !
शारद मां मेहरबान इनपर , 
जिह्वा से फूल बरसते हैं !
परिस्थिति, जगह, मौका पाकर, परिवेश बदलते रहते हैं !

काले चश्में में, छिपी हुई ,
मनमोहक आँखें ताऊ की !
बन्दर की शक्ल का धोखा है
गुणवान शख्शियत ताऊ की
जेवर, धन, अर्पित करवाकर,
ये गुम हो  जाया करते  हैं !
ठग राज , चोर,  इस दर्शन को, आश्रम में, जाया करते हैं !!

88 comments:

  1. शारद मां मेहरबान इनपर , जिह्वा से फूल बरसते हैं !
    परिस्थिति,जगह,मौका पाकर,परिवेश बदलते रहते हैं !
    जेवर, धन,अर्पित करवाकर, ये गुम हो जाया करते हैं !
    ठगराज ,चोर , गुरु दर्शन को, इंदौर में भटका करते हैं !
    ...मतलब इंदौर में ताऊ जी के गुरुदेव है ..तब तो निश्चित ही वे बहुत बड़े गुरु होंगे ...अगर आपको मिले तो हमारा भी प्रणाम कहना जी .....
    .. ताऊ की महिमा का सुन्दर बखान बहुत दिलचस्प लगा. ..प्रस्तुति हेतु आभार

    ReplyDelete
    Replies
    1. न न ..कविता जी !!!

      ठगराज चोर गुरुदर्शन को, इंदौर में जाया करते हैं !!

      इंदौर इन लोगों का तीर्थ स्थल बन चुका है, क्यों कि ताऊ वहीँ भक्तों को दर्शन देते हैं !

      Delete
  2. अगर किसी को कुछ सिखाना है तो पहले स्वयं को सामने लाने की हिम्मत होनी चाहिए यूँ मुखौटे में छिपकर रहने वाले केवल चोरी सिखाते हैं और कुछ नहीं ,इन्हें सामने आना चाहिए .आपकी पोस्ट सराहनीय है और भावनात्मक भी .बधाई . . मुलायम मन की पीड़ा साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप बिल्कुल सही कह रही हैं, पर अभी तो हम खुद सीख रहे हैं, जब सिखाने लायक हो जायेंगे तब प्रकट भी हो जायेंगे.:) आभार आपका.

      रामराम.

      Delete
    2. शालिनी जी ,
      ताऊ, मुखौटों वाला ताऊ नहीं है ..
      यकीन करें ..!!

      Delete
  3. जय हो खुरपापाड़,खुंटा ठोक, धरती धकेल ताऊ आनंद महाराज इंदौरी की ;)

    ReplyDelete
    Replies
    1. भतीजा भी किम्मै माडा ना सै.:)

      रामराम.

      Delete
  4. २००८ में लिखा यह लेख और ५ साल बाद आज भी देखें तो हालात वैसे ही हैं..
    ताऊ की पहचान तो अभी तक नहीं हो पायी है!
    उनपर लिखी कविता तो बहुत अच्छी और सच्ची है.
    बहुत खूब!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हा हा हा...जब सारा देश, सारे हालात बदलने को तैयार नही है तो यंहा भी कुछ बदलने वाला नही है, आभार अल्पना जी.

      रामराम.

      Delete
  5. जेवर,धन,अर्पित करवाकर,ये गुम हो जाया करते हैं !
    ठगराज ,चोर, गुरुदर्शन को,इंदौर में,जाया करते हैं !!जय हो ताऊ महराज की,,,,

    शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,

    RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )

    ReplyDelete
  6. अद्भुद वर्णन ताऊ का ! और आपका गीत भी बढ़िया बन पड़ा है .

    ReplyDelete
  7. ताऊ जैसी शख्‍सीयत पर्दे में ही रहे तो अच्‍छा है। जानकर भी क्‍या कर लेंगे, जिन्‍हें जान लिया तो क्‍या पाया है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपने तो बिल्कुल सटीक और मर्म की बात कह दी, आभार.

      रामराम.

      Delete
  8. 03-12-2008 को लिखी आपकी टिप्पणीरुपी पंक्तियां शायद ताऊ के सब पाठकों की टिप्पणीयों का सार है।
    आज के परिवेश में ताऊओं पर आपकी कविता बेहतरीन है

    प्रणाम स्वीकार करें

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम,
      एवं शुक्रिया अमित !!!

      Delete
  9. बाबा ये सस्पेंस तो खा जाएगा.......
    मुझे लगता है ताऊ ताऊ नहीं ताई हैं......
    याने वो कोई स्त्री हैं :-)

    कयास लगाने की कोई सजा तो है नहीं...

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. इब ताऊ तो गया काम से....:)

      रामराम.

      Delete
    2. संभाल ताऊ ,
      इब हाथ पीले करवा ले ..
      :)

      ताऊ को झटका देने के लिए आभार अनु !!!

      Delete
    3. ताऊ के हाथ पहले से ही काले हैं अब इन पर पीला रंग चढने वाला नही है.:)

      रामराम.

      Delete
  10. ताउ हमें रहस्यमयी पर अपने से लगते हैं, हमारे अपने रहस्य।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार प्रवीण जी.

      रामराम.

      Delete
  11. ताऊ वर्णन तो बढ़िया रहा. अब ताऊ दर्शन भी हो जाये :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. ताऊ दर्शन तो बाबाश्री ताऊ आश्रम पर चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं.:)

      रामराम.

      Delete
  12. कविता में ताऊ का रूप बखूबी छुपा दिया है।
    बहुत बढ़िया गुण गान।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हमे लगता है असली ताऊ आप हैं और इसकी सुगबुगाहटे भी आने लगी हैं.:)

      रामराम.

      Delete
    2. डॉ हमेशा से ही असली ताऊ रहे हैं !
      :)

      Delete
  13. ताऊ रहस्यमय हैं लेकिन उपस्थित रहते हैं अपने अपनत्व और अपनी राम-राम के साथ .....
    आपके शब्दों ने प्रमाणित कर दिया आप प्रशंसक हैं उनके ........
    बढ़िया लेख

    ReplyDelete
    Replies
    1. बिलकुल पक्के प्रशंसक हैं जी ...
      मगर उसके थैले और माल के !!

      Delete
    2. हां पौराणिक काल से ही परम प्रशंसक हैं जी आप तो.:)

      रामराम.

      Delete
  14. सतीश भाई साहब आप खुशनसीब हैं और सहज सरल इसीलिए ताऊ जी का सानिध्य लाभ मिला ताऊ जी लम्बी पूंछ के साथ लम्बी उम्र पायें और हनुमान जी के समान त्रेता युग और द्वापर युग में दर्शन देते रहें

    ReplyDelete
    Replies
    1. आशीर्वाद के लिये आभार रमाकांत जी.

      रामराम.

      Delete
  15. काले चश्में में, छिपी हुई ,
    मनमोहक आँखें ताऊ की !
    बन्दर की शक्ल का धोखा है
    गुणवान शख्शियत ताऊ की...बहुत बढ़िया गुण गान।

    ReplyDelete
  16. @ ब्लॉगजगत के इस रहस्यमय ताऊ से एक बार मेरी मुलाक़ात हो चुकी है , मैंने निम्न कविता ताऊ को समर्पित की है जिसमें इनके ताऊ रूप का वर्णन है ! रूप वर्णन सत्य है , ज़रा ध्यान से पढियेगा शायद आप ताऊ छवि का अंदाजा लगा सकें !
    आपकी कविता में ताऊ का रूप वर्णन सुनकर सच में उनसे मिलने का मन हुआ है,शायद वो अपने भोले भाले भक्तों को जल्दी दर्शन देते है, इस नाते सतीश जी आप भाग्यशाली है :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. सतीश जी तो भगवान भोलेनाथ की तरह परम भोले हैं.:)

      रामराम.

      Delete
  17. आकर्षक औ गंभीर बहुत
    ये ताऊ गरिमा शाली है !
    शारद मां मेहरबान इनपर , जिह्वा से फूल बरसते हैं !

    सही तस्वीर खींची है ताऊ की .
    उनका लेखन ही उनका परिचय है ,क्या फर्क पड़ता तस्वीर हो या न हो

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप बिल्कुल सही कह रही हैं, आभार.

      रामराम.

      Delete
  18. ब्लॉग जगत में हमारे लिए ताऊ एक रहस्यमय पहेली है ! खुली आँखों से जो हम देख नहीं पाते वो काले चश्मे के पीछे से सब कुछ देख लेते है ! उनकी पोस्ट तो मजेदार होती ही है उससे ज्यादा हमारी टिप्पणियों पर दिए गए उनके जवाब और भी मजेदार होते है !
    इस रहस्यमय पहेली को पहेली ही रहने देते है जो मजा पहेली में है वो बुझाने में कहाँ ?

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपने मर्म को पकडा है, आभार.

      रामराम.

      Delete
  19. यहाँ बहुत सारे मित्रों को मैंने पढ़ा है ...हम लेखन को बहुत गंभीरता से लेते है लेकिन ताऊ हलके फुल्के अंदाज में गंभीर बाते कह जाते है, उनकी लिखने की यह शैली मुझे बहुत प्रभावित कर गई और उनके बेशुमार प्रशंसकों मै भी शामिल हो गई !

    ReplyDelete
    Replies
    1. अब हम क्या कहें? आप लोगों की मेहरवानी है.

      रामराम.

      Delete
  20. निश्चित ही ताऊ एक प्रभावशाली व्यक्तित्व है। और यह दबदबा लट्ठ के कारण नहीं…… :) यह अकिंचनत्व है, यश और सम्मान से अलिप्त और व्यक्तित्व प्रलोभन को परास्त करना कोई छोटी बात नहीं है। ताऊ आदरणीय है, सीरत अमूल्य है सूरत का क्या? व्यक्ति के विचार ही व्यक्तित्व को श्रेष्ठ बनाते है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुज्ञ जी, अब हम थोडा सेंटी हो रहे हैं.:)

      रामराम.

      Delete
  21. सब चोर उचक्कों के ताऊ ,
    सारे ठग, इनके अनुयायी
    मंदिर का कलश उतारें ये,
    भगवान् के बनके अनुयायी
    गुरूद्वारे मंदिर मस्जिद में,ये अक्सर पाए जाते हैं !
    जैसा मौका देखें अक्सर, भगवान् बदलते रहते हैं !

    बहुत सुन्दर ताऊ महिमा सतीश जी

    latest post मंत्री बनू मैं
    LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३

    ReplyDelete
  22. जय हो...ताऊ ने ही हमे नेट से चिपकने की लत लगाई थी। उनकी पहेलियाँ हल करते-करते हम खुद को ज्ञानी समझने लगे थे। हमारे अलावा ताऊ की ठगी के शिकार बहुतेरे हैं।

    सुंदर पोस्ट।

    ReplyDelete
    Replies
    1. भाई, पुलिस में रिपोर्ट मत करवाना, आपस में बैठकर ठगी का तोड कर लेते हैं.:)

      रामराम.

      Delete
  23. ताऊ के ऊपर एक सुन्दर आलेख.

    ReplyDelete
  24. ताऊ को देखने की अभिलाषा बढ़ गयी है

    ReplyDelete
    Replies
    1. पास के चिडियाघर में मिल सकता है ताऊ,:)

      वैसे आपका स्वागत है. पधारें कभी भी या हमें बुलवा भेजिये.

      रामराम.

      Delete
  25. नाट्यशाला का अभिनय - कई भूमिकायें निभाने की पात्रता है किसी में, तो हे प्रेक्षक-गण, विस्मयभरा आनन्द पाइये .यों ग्रीनरूम में जा-जा कर झाँकना तो....खैर, चलता है ये भी:
    कुशल अभिनेता को बधाई !

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा अपाने, और सही तुलना की, आभार.

      रामराम.

      Delete
  26. भाई साहब, आपण तो ताऊ के भक्त हैं लेकिन टिप्पणी-अवलोकन पर्यंत आपसे अनुरोध है कि अगले व्यंग्य के शीर्षक में "व्यंग्य" हाइलाइट कर दीजिये वरना बात को सीरियसली ले लेने का खतरा है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका नजरिया भी सही है, पर सब चलता है.:)

      रामराम.

      Delete
    2. सही ध्यान दिलाया है आपने , आदेश का पालन होगा !
      आभार !

      Delete
    3. बड़े भाइयों की जय हो!

      Delete
  27. कुछ रहस्य रहस्य ही बने रहें तो अच्छा लगता है...
    ताऊ महिमा का बढ़िया गुणगान...

    ReplyDelete
  28. बहुत बढ़िया सतीश जी

    ReplyDelete
  29. हम तो अभी भी कुछ नहीं जान पाए :((((((((

    ReplyDelete
    Replies
    1. ना जानना, सब कूछ जान लेने से बेहतर है.

      रामराम.

      Delete
  30. ताऊ जो भी हैं लेकिन ऐसे हैं जो हर किसी को अपना मुरीद बना लेते हैं !!

    ReplyDelete
  31. ...ताऊ से एक बार मिलकर आसिरवाद ले चुका हूँ.वह ठग तो कतई नहीं हैं,हमें तो भलेमानुस लगे !

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका स्वागत है माननीय..
      यहाँ पर उनके परिवार बालों से कमेन्ट थोड़े ही मांगे गए हैं !
      अपने परिवार में तो वे सबके आदरणीय हैं !
      :)

      Delete
    2. .....ताऊ से अपनी मुलाक़ात का रहस्य समय आने पर उजागर करूँगा :)

      Delete
    3. संतोष त्रिवेदी जी, आपने आशीर्वाद लेने की फ़ीस अभी तक नही चुकाई है.:)

      रामराम.

      Delete
    4. हा हा....अभी तक तो ताऊ रहस्यमय था अब ताऊ से मुलाकात भी रहस्य बन गई?:)

      रामराम.

      Delete
  32. :):) अब भी रहस्य रहस्य ही बना हुआ है .... ताऊ बखान अच्छा लगा ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हा हा हा....रहस्य ही रहस्य.:) आभार आपका.

      रामराम.

      Delete
  33. बहुत खूब | बढ़िया है ताऊ जी का वर्णन |

    ReplyDelete
  34. अब हम तो इन्दौर में बैठे-बैठे आपके सौजन्य से ताऊ के दर्शन पा चुके हैं सो मात्र यही कहेंगे कि ताऊ के भाऊ की भी जय हो...!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हा हा हा...सुशील जी क्यों पोल खोल रहे हैं?:)

      रामराम.

      Delete
  35. व्याख्यान तो बहुत ही बढ़िया और प्रभावशाली लिखा है आपने किन्तु यह ताऊ हैं कौन रहस्य अब भी बरकरार है। :):)

    ReplyDelete
    Replies
    1. परदे में रहने दो ..
      बाकी ताऊ को पढती रहें, जान जायेंगी !

      Delete
  36. बहुत बढ़िया गुण गान ताऊ का...........बहुत बढ़िया सतीश जी

    ReplyDelete
  37. ताऊ जी के क्या कहने ..बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  38. सुन्दर प्रस्तुति..।
    साझा करने के लिए आभार...!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका स्वागत है शास्त्री जी !

      Delete
  39. परदे में रहने दो पर्दा न उठाओ ,रहस्य बरकरार रहे ,बहुत बढ़िया पोस्ट लगी ताऊ गीत तो बहुत ही अच्छा लगा बधाई आपको आदरणीय सतीश जी

    ReplyDelete
  40. आपका आभार रविकर जी ..

    ReplyDelete
  41. हमें तो ताऊ न कभी पराये लगे न रहस्यमय :)

    ReplyDelete
  42. हमें ताई सब बताई हैं !

    ReplyDelete
  43. सतीश भाई जी ....ताऊ से मुलाकात अच्छी लगी ! मैं तो शुरू से ही ताऊ को ताऊ भाई कहता हूँ और उनकी छवि भी छोटे भाई की तरह दिल में बस गई है ..ताऊ भाई को और आप को भी बहुत खुशयां नसीब हों येही मेरी अपने सब आभासी रिश्तों के लिए दुआ है !
    शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  44. ताऊ की 'ताऊगिरि' ब्लॉग-विख्यात है।

    ReplyDelete
  45. ताऊ पूरी गंभीरता से ताऊ की भूमिका निभा रहे है. ताऊ हम सब पर अपना वरद हस्त बनाये रखें.

    ReplyDelete
  46. बहुत प्रभावी व्यक्तित्व...

    ReplyDelete
  47. एक आशु गीत जो फेसबुक पर उपजा मेरे और आदरणीय सतीश सक्सेना जी के संवादों के बीच
    Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -

    ReplyDelete
  48. ताऊ तो अपनी श्रेणी में अकेला ही है, मनमौजी भी और हँसी-मजाक में ही गुरू-गंभीर बातें भी कह जाने वाला।
    आपके माध्यम से ताऊ तक हमारी भी रामराम पहुँचे।

    ReplyDelete
  49. ताऊ तो ब्लॉगिंग में एक फिनॉमिनॉ है। जिन्दगी को देखने का एक देशज नजरिया - जो बुद्धिवादी अगर सीख जायें तो क्रियेटिविटी का फ्लड गेट खुल जाये!

    ताऊ ताऊ है! :-)

    ReplyDelete
  50. धन्यवाद भाई जी ,
    मगर हम नहीं सुधरेंगे !!
    हम नहीं पढेंगे !!
    हम नहीं समझेंगे !!

    ReplyDelete
  51. बड़ी रहस्यमय पोस्ट लिख डाली सतीश जी ...हम तो ताऊ की राम राम से उन्हें बड़ा भला और नेक इंसान समझते हैं और आगे भी समझते रहेंगे ... ...!!उनकी राम राम हमे ब्लॉग पर सदा मिलती रहे ,यही चाहेंगे .....ये रहस्य तो हमारे बस का नहीं ...

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,