बरसों पहले २००८ में मानसिक हलचल पर ज्ञानदत्त पाण्डेय जी ने एक लेख लिखा था , यह ताऊ कौन है ?
जिसमें ज्ञानदत्त जैसे गंभीर ब्लोगर ने लिखा था कि.."ताऊ की पहचान के लिये जो फसाड है एक चिम्पांजी बन्दर का - मैं उससे चाह कर भी ताऊ को आईडेण्टीफाई नहीं कर पाता। अगर मैं उनसे अनुरोध कर पाता तो यही करता कि मित्र, हमारी तरह अपनी खुद की फोटो ठेल दें - भले ही (जैसे हमारी फोटोजीनिक नहीं है) बहुत फिल्मस्टारीय न भी हो तो।"
वे कहते हैं कि हो सकता है ताऊ की शक्ल फिल्म स्टार जैसी न हो तो भी कम से कम अपना एक वास्तविक फोटो जरूर लगाएं ! लगभग सभी ब्लागरों ने एक ही बात कहीं कि बन्दर के चेहरे के बावजूद, ताऊ बेहद विद्वान और गंभीर कलम के धनी हैं , उस पोस्ट (३-१२-२००८ )पर मेरा ताऊ के प्रति कमेन्ट निम्न था ..
"ताऊ पर लेख लिख कर आप बाजी मार ले गए और मैं सोचता रह गया सो बधाई स्वीकार करें ! पी सी रामपुरिया का व्यक्तित्व, ब्लाग जगत के थकान एवं उबाऊ भरे रास्ते पर एक बगीचे का शीतल अहसास जैसा है ! यह विद्वान एवं धीर गंभीर व्यक्ति ब्लाग जगत के उन शानदार प्रतिभाओं में से एक है जिसके कारण हिन्दी ब्लाग पढ़ते हुए भी, हमारे चेहरों पर मुस्कान सम्भव हो पाती है ! मैं उनके प्रसंशकों में, अपने आपको अग्रिम पंक्ति में पाता हूँ "
वे कहते हैं कि हो सकता है ताऊ की शक्ल फिल्म स्टार जैसी न हो तो भी कम से कम अपना एक वास्तविक फोटो जरूर लगाएं ! लगभग सभी ब्लागरों ने एक ही बात कहीं कि बन्दर के चेहरे के बावजूद, ताऊ बेहद विद्वान और गंभीर कलम के धनी हैं , उस पोस्ट (३-१२-२००८ )पर मेरा ताऊ के प्रति कमेन्ट निम्न था ..
"ताऊ पर लेख लिख कर आप बाजी मार ले गए और मैं सोचता रह गया सो बधाई स्वीकार करें ! पी सी रामपुरिया का व्यक्तित्व, ब्लाग जगत के थकान एवं उबाऊ भरे रास्ते पर एक बगीचे का शीतल अहसास जैसा है ! यह विद्वान एवं धीर गंभीर व्यक्ति ब्लाग जगत के उन शानदार प्रतिभाओं में से एक है जिसके कारण हिन्दी ब्लाग पढ़ते हुए भी, हमारे चेहरों पर मुस्कान सम्भव हो पाती है ! मैं उनके प्रसंशकों में, अपने आपको अग्रिम पंक्ति में पाता हूँ "
मगर इस बन्दर मास्क लगाए चेहरे ने,ब्लॉग जगत को सार्थक लिखना सिखा दिया , हास्य व्यंग्य के इस आचार्य ने, खुद अपने चरित्र का, सरे आम मज़ाक उड़ाया है कि हमारे देश के लोग आज भी कितनी आसानी से बहुरूपियों द्वारा लुटे जा रहे हैं ! आम आदमी की कमजोरियों का फायदा उठाते, यह मदारी, नित नया रूप रखने में तनिक भी देर नहीं लगाते हैं ,धन कमाने, बाल उगाने, गोरा बनाने, बिना मेहनत डिग्री लेने के तरीकों पर लिखी पुस्तकें आज भी लाखों की संख्या में बिकतीं हैं !
आइये ज़रा ताऊ सद्साहित्य के प्रकाशक, द्वारा, बैस्ट सैलर किताबों पर गौर फरमाएं ...
इनकी विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें :
-५ वीं फेल डायरेक्ट एम् ऐ करें
-चिटठा रोगों का शर्तिया इलाज़
-टंगड़ी मारने के अचूक नुस्खे
-महिलाओं को इम्प्रेस करने के १०१ अचूक नुस्खे
अन्य मशहूर कंपनियों में टीवी फोड़ न्यूज़ चैनल, ताऊ शर्तिया दवाखाना जिसकी एजेंसी और कहीं नहीं है, नशा मुक्ति शिविर, कालोनाइज़र ताऊ , ताऊ प्रोडक्ट फैक्ट्री के शर्तिया कामयाब उत्पाद और अगर आप उनके विज्ञापन पढ़ लें तो आप को रात भर नींद नहीं आएगी कि कब सुबह हो और यह प्रोडक्ट खरीदें जाएँ ! काश यह हमें पहले क्यों नहीं मिले ..
ब्लॉगजगत के इस रहस्यमय ताऊ से एक बार मेरी मुलाक़ात हो चुकी है , मैंने निम्न कविता ताऊ को समर्पित की है जिसमें इनके ताऊ रूप का वर्णन है ! रूप वर्णन सत्य है , ज़रा ध्यान से पढियेगा शायद आप ताऊ छवि का अंदाजा लगा सकें !
कंगन, झुमका ,पायल, चूड़ी
पर इस ताऊ का, ध्यान रहे
धन जहाँ दिखे, मिलते हैं यह
केवल धंधे का ध्यान रहे !
रुपये कैसे भी, कमा सके ,
ये वेश बदलते रहते हैं !
संपत्ति भक्त की अंटी कर, ये भक्त बदलते रहते हैं !
सब चोर उचक्कों के ताऊ ,
सारे ठग, इनके अनुयायी
मंदिर का कलश उतारें ये,
भगवान् के बनके अनुयायी
गुरूद्वारे मंदिर मस्जिद में,
ये अक्सर पाए जाते हैं !
जैसा मौका देखें अक्सर, भगवान् बदलते रहते हैं !
सुंदर सुकमार सुदर्शन हैं
औ दिखते वैभवशाली हैं ,
आकर्षक औ गंभीर बहुत
ये ताऊ गरिमा शाली है !
शारद मां मेहरबान इनपर ,
जिह्वा से फूल बरसते हैं !
परिस्थिति, जगह, मौका पाकर, परिवेश बदलते रहते हैं !
काले चश्में में, छिपी हुई ,
मनमोहक आँखें ताऊ की !
बन्दर की शक्ल का धोखा है
गुणवान शख्शियत ताऊ की
जेवर, धन, अर्पित करवाकर,
ये गुम हो जाया करते हैं !
ठग राज , चोर, इस दर्शन को, आश्रम में, जाया करते हैं !!
आइये ज़रा ताऊ सद्साहित्य के प्रकाशक, द्वारा, बैस्ट सैलर किताबों पर गौर फरमाएं ...
इनकी विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें :
-५ वीं फेल डायरेक्ट एम् ऐ करें
-चिटठा रोगों का शर्तिया इलाज़
-टंगड़ी मारने के अचूक नुस्खे
-महिलाओं को इम्प्रेस करने के १०१ अचूक नुस्खे
अन्य मशहूर कंपनियों में टीवी फोड़ न्यूज़ चैनल, ताऊ शर्तिया दवाखाना जिसकी एजेंसी और कहीं नहीं है, नशा मुक्ति शिविर, कालोनाइज़र ताऊ , ताऊ प्रोडक्ट फैक्ट्री के शर्तिया कामयाब उत्पाद और अगर आप उनके विज्ञापन पढ़ लें तो आप को रात भर नींद नहीं आएगी कि कब सुबह हो और यह प्रोडक्ट खरीदें जाएँ ! काश यह हमें पहले क्यों नहीं मिले ..
ब्लॉगजगत के इस रहस्यमय ताऊ से एक बार मेरी मुलाक़ात हो चुकी है , मैंने निम्न कविता ताऊ को समर्पित की है जिसमें इनके ताऊ रूप का वर्णन है ! रूप वर्णन सत्य है , ज़रा ध्यान से पढियेगा शायद आप ताऊ छवि का अंदाजा लगा सकें !
कंगन, झुमका ,पायल, चूड़ी
पर इस ताऊ का, ध्यान रहे
धन जहाँ दिखे, मिलते हैं यह
केवल धंधे का ध्यान रहे !
रुपये कैसे भी, कमा सके ,
ये वेश बदलते रहते हैं !
संपत्ति भक्त की अंटी कर, ये भक्त बदलते रहते हैं !
सब चोर उचक्कों के ताऊ ,
सारे ठग, इनके अनुयायी
मंदिर का कलश उतारें ये,
भगवान् के बनके अनुयायी
गुरूद्वारे मंदिर मस्जिद में,
ये अक्सर पाए जाते हैं !
जैसा मौका देखें अक्सर, भगवान् बदलते रहते हैं !
सुंदर सुकमार सुदर्शन हैं
औ दिखते वैभवशाली हैं ,
आकर्षक औ गंभीर बहुत
ये ताऊ गरिमा शाली है !
शारद मां मेहरबान इनपर ,
जिह्वा से फूल बरसते हैं !
परिस्थिति, जगह, मौका पाकर, परिवेश बदलते रहते हैं !
काले चश्में में, छिपी हुई ,
मनमोहक आँखें ताऊ की !
बन्दर की शक्ल का धोखा है
गुणवान शख्शियत ताऊ की
जेवर, धन, अर्पित करवाकर,
ये गुम हो जाया करते हैं !
ठग राज , चोर, इस दर्शन को, आश्रम में, जाया करते हैं !!
शारद मां मेहरबान इनपर , जिह्वा से फूल बरसते हैं !
ReplyDeleteपरिस्थिति,जगह,मौका पाकर,परिवेश बदलते रहते हैं !
जेवर, धन,अर्पित करवाकर, ये गुम हो जाया करते हैं !
ठगराज ,चोर , गुरु दर्शन को, इंदौर में भटका करते हैं !
...मतलब इंदौर में ताऊ जी के गुरुदेव है ..तब तो निश्चित ही वे बहुत बड़े गुरु होंगे ...अगर आपको मिले तो हमारा भी प्रणाम कहना जी .....
.. ताऊ की महिमा का सुन्दर बखान बहुत दिलचस्प लगा. ..प्रस्तुति हेतु आभार
न न ..कविता जी !!!
Deleteठगराज चोर गुरुदर्शन को, इंदौर में जाया करते हैं !!
इंदौर इन लोगों का तीर्थ स्थल बन चुका है, क्यों कि ताऊ वहीँ भक्तों को दर्शन देते हैं !
अगर किसी को कुछ सिखाना है तो पहले स्वयं को सामने लाने की हिम्मत होनी चाहिए यूँ मुखौटे में छिपकर रहने वाले केवल चोरी सिखाते हैं और कुछ नहीं ,इन्हें सामने आना चाहिए .आपकी पोस्ट सराहनीय है और भावनात्मक भी .बधाई . . मुलायम मन की पीड़ा साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteआप बिल्कुल सही कह रही हैं, पर अभी तो हम खुद सीख रहे हैं, जब सिखाने लायक हो जायेंगे तब प्रकट भी हो जायेंगे.:) आभार आपका.
Deleteरामराम.
शालिनी जी ,
Deleteताऊ, मुखौटों वाला ताऊ नहीं है ..
यकीन करें ..!!
जय हो खुरपापाड़,खुंटा ठोक, धरती धकेल ताऊ आनंद महाराज इंदौरी की ;)
ReplyDeleteभतीजा भी किम्मै माडा ना सै.:)
Deleteरामराम.
२००८ में लिखा यह लेख और ५ साल बाद आज भी देखें तो हालात वैसे ही हैं..
ReplyDeleteताऊ की पहचान तो अभी तक नहीं हो पायी है!
उनपर लिखी कविता तो बहुत अच्छी और सच्ची है.
बहुत खूब!
हा हा हा...जब सारा देश, सारे हालात बदलने को तैयार नही है तो यंहा भी कुछ बदलने वाला नही है, आभार अल्पना जी.
Deleteरामराम.
जेवर,धन,अर्पित करवाकर,ये गुम हो जाया करते हैं !
ReplyDeleteठगराज ,चोर, गुरुदर्शन को,इंदौर में,जाया करते हैं !!जय हो ताऊ महराज की,,,,
शानदार,उम्दा प्रस्तुति,,,
RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
अद्भुद वर्णन ताऊ का ! और आपका गीत भी बढ़िया बन पड़ा है .
ReplyDeleteताऊ जैसी शख्सीयत पर्दे में ही रहे तो अच्छा है। जानकर भी क्या कर लेंगे, जिन्हें जान लिया तो क्या पाया है।
ReplyDeleteआपने तो बिल्कुल सटीक और मर्म की बात कह दी, आभार.
Deleteरामराम.
03-12-2008 को लिखी आपकी टिप्पणीरुपी पंक्तियां शायद ताऊ के सब पाठकों की टिप्पणीयों का सार है।
ReplyDeleteआज के परिवेश में ताऊओं पर आपकी कविता बेहतरीन है
प्रणाम स्वीकार करें
प्रणाम,
Deleteएवं शुक्रिया अमित !!!
बाबा ये सस्पेंस तो खा जाएगा.......
ReplyDeleteमुझे लगता है ताऊ ताऊ नहीं ताई हैं......
याने वो कोई स्त्री हैं :-)
कयास लगाने की कोई सजा तो है नहीं...
सादर
अनु
इब ताऊ तो गया काम से....:)
Deleteरामराम.
संभाल ताऊ ,
Deleteइब हाथ पीले करवा ले ..
:)
ताऊ को झटका देने के लिए आभार अनु !!!
ताऊ के हाथ पहले से ही काले हैं अब इन पर पीला रंग चढने वाला नही है.:)
Deleteरामराम.
ताउ हमें रहस्यमयी पर अपने से लगते हैं, हमारे अपने रहस्य।
ReplyDeleteआभार प्रवीण जी.
Deleteरामराम.
ताऊ वर्णन तो बढ़िया रहा. अब ताऊ दर्शन भी हो जाये :)
ReplyDeleteताऊ दर्शन तो बाबाश्री ताऊ आश्रम पर चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं.:)
Deleteरामराम.
कविता में ताऊ का रूप बखूबी छुपा दिया है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गुण गान।
हमे लगता है असली ताऊ आप हैं और इसकी सुगबुगाहटे भी आने लगी हैं.:)
Deleteरामराम.
डॉ हमेशा से ही असली ताऊ रहे हैं !
Delete:)
ताऊ रहस्यमय हैं लेकिन उपस्थित रहते हैं अपने अपनत्व और अपनी राम-राम के साथ .....
ReplyDeleteआपके शब्दों ने प्रमाणित कर दिया आप प्रशंसक हैं उनके ........
बढ़िया लेख
बिलकुल पक्के प्रशंसक हैं जी ...
Deleteमगर उसके थैले और माल के !!
हां पौराणिक काल से ही परम प्रशंसक हैं जी आप तो.:)
Deleteरामराम.
सतीश भाई साहब आप खुशनसीब हैं और सहज सरल इसीलिए ताऊ जी का सानिध्य लाभ मिला ताऊ जी लम्बी पूंछ के साथ लम्बी उम्र पायें और हनुमान जी के समान त्रेता युग और द्वापर युग में दर्शन देते रहें
ReplyDeleteआशीर्वाद के लिये आभार रमाकांत जी.
Deleteरामराम.
काले चश्में में, छिपी हुई ,
ReplyDeleteमनमोहक आँखें ताऊ की !
बन्दर की शक्ल का धोखा है
गुणवान शख्शियत ताऊ की...बहुत बढ़िया गुण गान।
@ ब्लॉगजगत के इस रहस्यमय ताऊ से एक बार मेरी मुलाक़ात हो चुकी है , मैंने निम्न कविता ताऊ को समर्पित की है जिसमें इनके ताऊ रूप का वर्णन है ! रूप वर्णन सत्य है , ज़रा ध्यान से पढियेगा शायद आप ताऊ छवि का अंदाजा लगा सकें !
ReplyDeleteआपकी कविता में ताऊ का रूप वर्णन सुनकर सच में उनसे मिलने का मन हुआ है,शायद वो अपने भोले भाले भक्तों को जल्दी दर्शन देते है, इस नाते सतीश जी आप भाग्यशाली है :)
सतीश जी तो भगवान भोलेनाथ की तरह परम भोले हैं.:)
Deleteरामराम.
आकर्षक औ गंभीर बहुत
ReplyDeleteये ताऊ गरिमा शाली है !
शारद मां मेहरबान इनपर , जिह्वा से फूल बरसते हैं !
सही तस्वीर खींची है ताऊ की .
उनका लेखन ही उनका परिचय है ,क्या फर्क पड़ता तस्वीर हो या न हो
आप बिल्कुल सही कह रही हैं, आभार.
Deleteरामराम.
ब्लॉग जगत में हमारे लिए ताऊ एक रहस्यमय पहेली है ! खुली आँखों से जो हम देख नहीं पाते वो काले चश्मे के पीछे से सब कुछ देख लेते है ! उनकी पोस्ट तो मजेदार होती ही है उससे ज्यादा हमारी टिप्पणियों पर दिए गए उनके जवाब और भी मजेदार होते है !
ReplyDeleteइस रहस्यमय पहेली को पहेली ही रहने देते है जो मजा पहेली में है वो बुझाने में कहाँ ?
आपने मर्म को पकडा है, आभार.
Deleteरामराम.
यहाँ बहुत सारे मित्रों को मैंने पढ़ा है ...हम लेखन को बहुत गंभीरता से लेते है लेकिन ताऊ हलके फुल्के अंदाज में गंभीर बाते कह जाते है, उनकी लिखने की यह शैली मुझे बहुत प्रभावित कर गई और उनके बेशुमार प्रशंसकों मै भी शामिल हो गई !
ReplyDeleteअब हम क्या कहें? आप लोगों की मेहरवानी है.
Deleteरामराम.
निश्चित ही ताऊ एक प्रभावशाली व्यक्तित्व है। और यह दबदबा लट्ठ के कारण नहीं…… :) यह अकिंचनत्व है, यश और सम्मान से अलिप्त और व्यक्तित्व प्रलोभन को परास्त करना कोई छोटी बात नहीं है। ताऊ आदरणीय है, सीरत अमूल्य है सूरत का क्या? व्यक्ति के विचार ही व्यक्तित्व को श्रेष्ठ बनाते है।
ReplyDeleteसुज्ञ जी, अब हम थोडा सेंटी हो रहे हैं.:)
Deleteरामराम.
सब चोर उचक्कों के ताऊ ,
ReplyDeleteसारे ठग, इनके अनुयायी
मंदिर का कलश उतारें ये,
भगवान् के बनके अनुयायी
गुरूद्वारे मंदिर मस्जिद में,ये अक्सर पाए जाते हैं !
जैसा मौका देखें अक्सर, भगवान् बदलते रहते हैं !
बहुत सुन्दर ताऊ महिमा सतीश जी
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जय हो...ताऊ ने ही हमे नेट से चिपकने की लत लगाई थी। उनकी पहेलियाँ हल करते-करते हम खुद को ज्ञानी समझने लगे थे। हमारे अलावा ताऊ की ठगी के शिकार बहुतेरे हैं।
ReplyDeleteसुंदर पोस्ट।
भाई, पुलिस में रिपोर्ट मत करवाना, आपस में बैठकर ठगी का तोड कर लेते हैं.:)
Deleteरामराम.
ताऊ के ऊपर एक सुन्दर आलेख.
ReplyDeleteताऊ को देखने की अभिलाषा बढ़ गयी है
ReplyDeleteपास के चिडियाघर में मिल सकता है ताऊ,:)
Deleteवैसे आपका स्वागत है. पधारें कभी भी या हमें बुलवा भेजिये.
रामराम.
नाट्यशाला का अभिनय - कई भूमिकायें निभाने की पात्रता है किसी में, तो हे प्रेक्षक-गण, विस्मयभरा आनन्द पाइये .यों ग्रीनरूम में जा-जा कर झाँकना तो....खैर, चलता है ये भी:
ReplyDeleteकुशल अभिनेता को बधाई !
सही कहा अपाने, और सही तुलना की, आभार.
Deleteरामराम.
भाई साहब, आपण तो ताऊ के भक्त हैं लेकिन टिप्पणी-अवलोकन पर्यंत आपसे अनुरोध है कि अगले व्यंग्य के शीर्षक में "व्यंग्य" हाइलाइट कर दीजिये वरना बात को सीरियसली ले लेने का खतरा है।
ReplyDeleteआपका नजरिया भी सही है, पर सब चलता है.:)
Deleteरामराम.
सही ध्यान दिलाया है आपने , आदेश का पालन होगा !
Deleteआभार !
बड़े भाइयों की जय हो!
Deleteकुछ रहस्य रहस्य ही बने रहें तो अच्छा लगता है...
ReplyDeleteताऊ महिमा का बढ़िया गुणगान...
बहुत बढ़िया सतीश जी
ReplyDeleteहम तो अभी भी कुछ नहीं जान पाए :((((((((
ReplyDeleteना जानना, सब कूछ जान लेने से बेहतर है.
Deleteरामराम.
ताऊ जो भी हैं लेकिन ऐसे हैं जो हर किसी को अपना मुरीद बना लेते हैं !!
ReplyDelete...ताऊ से एक बार मिलकर आसिरवाद ले चुका हूँ.वह ठग तो कतई नहीं हैं,हमें तो भलेमानुस लगे !
ReplyDeleteआपका स्वागत है माननीय..
Deleteयहाँ पर उनके परिवार बालों से कमेन्ट थोड़े ही मांगे गए हैं !
अपने परिवार में तो वे सबके आदरणीय हैं !
:)
.....ताऊ से अपनी मुलाक़ात का रहस्य समय आने पर उजागर करूँगा :)
Deleteसंतोष त्रिवेदी जी, आपने आशीर्वाद लेने की फ़ीस अभी तक नही चुकाई है.:)
Deleteरामराम.
हा हा....अभी तक तो ताऊ रहस्यमय था अब ताऊ से मुलाकात भी रहस्य बन गई?:)
Deleteरामराम.
:):) अब भी रहस्य रहस्य ही बना हुआ है .... ताऊ बखान अच्छा लगा ।
ReplyDeleteहा हा हा....रहस्य ही रहस्य.:) आभार आपका.
Deleteरामराम.
बहुत खूब | बढ़िया है ताऊ जी का वर्णन |
ReplyDeleteअब हम तो इन्दौर में बैठे-बैठे आपके सौजन्य से ताऊ के दर्शन पा चुके हैं सो मात्र यही कहेंगे कि ताऊ के भाऊ की भी जय हो...!
ReplyDeleteहा हा हा...सुशील जी क्यों पोल खोल रहे हैं?:)
Deleteरामराम.
व्याख्यान तो बहुत ही बढ़िया और प्रभावशाली लिखा है आपने किन्तु यह ताऊ हैं कौन रहस्य अब भी बरकरार है। :):)
ReplyDeleteपरदे में रहने दो ..
Deleteबाकी ताऊ को पढती रहें, जान जायेंगी !
बहुत बढ़िया गुण गान ताऊ का...........बहुत बढ़िया सतीश जी
ReplyDeleteताऊ जी के क्या कहने ..बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..।
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार...!
आपका स्वागत है शास्त्री जी !
Deleteपरदे में रहने दो पर्दा न उठाओ ,रहस्य बरकरार रहे ,बहुत बढ़िया पोस्ट लगी ताऊ गीत तो बहुत ही अच्छा लगा बधाई आपको आदरणीय सतीश जी
ReplyDeleteआपका आभार रविकर जी ..
ReplyDeleteहमें तो ताऊ न कभी पराये लगे न रहस्यमय :)
ReplyDeleteहमें ताई सब बताई हैं !
ReplyDeleteसतीश भाई जी ....ताऊ से मुलाकात अच्छी लगी ! मैं तो शुरू से ही ताऊ को ताऊ भाई कहता हूँ और उनकी छवि भी छोटे भाई की तरह दिल में बस गई है ..ताऊ भाई को और आप को भी बहुत खुशयां नसीब हों येही मेरी अपने सब आभासी रिश्तों के लिए दुआ है !
ReplyDeleteशुभकामनायें!
ताऊ की 'ताऊगिरि' ब्लॉग-विख्यात है।
ReplyDeleteताऊ पूरी गंभीरता से ताऊ की भूमिका निभा रहे है. ताऊ हम सब पर अपना वरद हस्त बनाये रखें.
ReplyDeleteबहुत प्रभावी व्यक्तित्व...
ReplyDeleteएक आशु गीत जो फेसबुक पर उपजा मेरे और आदरणीय सतीश सक्सेना जी के संवादों के बीच
ReplyDeleteRajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
ताऊ तो अपनी श्रेणी में अकेला ही है, मनमौजी भी और हँसी-मजाक में ही गुरू-गंभीर बातें भी कह जाने वाला।
ReplyDeleteआपके माध्यम से ताऊ तक हमारी भी रामराम पहुँचे।
ताऊ तो ब्लॉगिंग में एक फिनॉमिनॉ है। जिन्दगी को देखने का एक देशज नजरिया - जो बुद्धिवादी अगर सीख जायें तो क्रियेटिविटी का फ्लड गेट खुल जाये!
ReplyDeleteताऊ ताऊ है! :-)
धन्यवाद भाई जी ,
ReplyDeleteमगर हम नहीं सुधरेंगे !!
हम नहीं पढेंगे !!
हम नहीं समझेंगे !!
बड़ी रहस्यमय पोस्ट लिख डाली सतीश जी ...हम तो ताऊ की राम राम से उन्हें बड़ा भला और नेक इंसान समझते हैं और आगे भी समझते रहेंगे ... ...!!उनकी राम राम हमे ब्लॉग पर सदा मिलती रहे ,यही चाहेंगे .....ये रहस्य तो हमारे बस का नहीं ...
ReplyDelete