Wednesday, November 16, 2022

साथ तुम्हारे दौड़ रहा है, बुड्ढा अढसठ साल का -सतीश सक्सेना

धीमे धीमे लम्बा दौड़ना सीखिए, बिन प्रयास फेफड़ों का व्यायाम , आपके गाढ़े होते रक्त में, भरपूर शुद्ध आक्सीजन पम्प कर, जमा थक्के घोल, उसे शुद्ध कर, उसका संचार आपके ढीले शरीर में कर आपको स्फूर्ति देगा और आपका डायबिटीज ग़ायब हो जाएगा !आपकी ढीली मांसपेशियाँ इस तथाकथित बुढ़ापे में आपको जवानी का अहसास कराएँगी, इसका भरोसा रखें , बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, पेट की गैस, ख़राब हाज़मा, और कमजोरी कब ग़ायब हो गयी पता भी नहीं चलेगा , साथ ही बॉडी कोर में अवस्थित अंगों में दौड़ते समय महसूस कम्पन, उनके स्वास्थ्य में सुधार कर, अतिरिक्त एनर्जी पाने के लिए आपके शरीर में जमा अनावश्यक फ़ैट को खा जाएँगे और आपका शरीर सुडौल दिखेगा इसका यक़ीन रखें और इस पर विचार करें ! मगर दौड़ना सीखना दुनियाँ के सबसे मुश्किल कार्यों में से एक है इसके लिए आवश्यक है कि

- मन प्रफुल्लित रहें , उदास और बेमन आप कभी नहीं दौड़ सकेंगे ! अवसाद और स्ट्रेस दूर करना सीखना हो तो दौड़ना सीखें !
-पूरे दिन में कम से कम १२ गिलास पानी एवं रात का डिनर हल्का और सोने से तीन घंटे पहले करना होगा !
-दौड़ने का समय सुबह ६ बजे के आसपास और खुली जगह में जहां आक्सीजन हो, दौड़ने का अभ्यास करना होगा !
-स्वास्थ्य के लिए दौड़ने में गति का महत्व नहीं, मस्ती से बिना हाँफे दौड़ना अगर नहीं आए तो दौड़ना आपके लिए बेहद ख़तरनाक साबित होगा !
- अंत में अगर आप पसीना नहीं बहा सकते तब दिन में एक बार ही भोजन पर अपना हक़ मानिए ! तीन बार भोजन पर केवल श्रमिक का ही हक़ होता है आप जैसे आलसी और आराम पसंद का नहीं ! सो अगर इसका आनंद लेना है तो सुबह दो घंटे दौड़िए और जम के भोजन खाइए अन्यथा बीमारियाँ झेलने को तैयार रहें ! मुझे देखें ...

मैराथन आसान ,भरोसा हो क़दमों की ताल का
साथ तुम्हारे दौड़ रहा है, बुड्ढा अढसठ साल का !

करत करत अभ्यास, पहाड़ों को रौंदा इस पाँव ने
हार न माने किसी उम्र में, साहस मानवकाल का !

इसी हौसले से जीता है, सिंधु और आकाश भी
सारी धरती लोहा माने , इंसानी इकबाल का !

गिरते क़दमों की हर आहट,साफ़ संदेशा देती है !
हिम्मत,मेहनत,धैर्य,ज़खीरा इंसानों की चाल का !

बहे पसीना कसे बदन से, मस्ती मेहनत की आयी !
रुक ना जाना, उठता गिरता रहे कदम भूचाल सा !

5 comments:

  1. वाह-वाह ! जितने अच्छे एवं अनुकरणीय विचार, उतनी ही प्रभावी काव्यमय अभिव्यक्ति ! आपके पृष्ठ पर आना असीमित आनंद एवं ऊर्जा से भर देता है।

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  2. वाह!सतीश जी ,क्या बात है ...आपकी रचना से प्रेरित होकर पाठक इस जीवन शैली को अपनाए यही इच्छा रखती हूं । स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है ।

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  3. राथन आसान ,भरोसा हो क़दमों की ताल का
    साथ तुम्हारे दौड़ रहा है, बुड्ढा अढसठ साल का !

    करत करत अभ्यास, पहाड़ों को रौंदा इस पाँव ने
    हार न माने किसी उम्र में, साहस मानवकाल का !
    ....बहुत सुन्‍दर, प्रेरक प्रस्‍तुति

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  4. बहुत बढ़िया प्रस्‍तुति

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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