मैं तेरे दिल का कचरा हूँ ,
पति ढूँढा है,लक्ष्मीवाहन
तुम हो देवी सौभाग्यवती
तुम हो खिचडी में घी जैसी ,
मैं चटनी जैसा दिखता हूँ !
मैं हूँ कैसा नादान प्रिये ! कैसे समझाऊँ प्यार प्रिये !!
तुम हो जैसे जीनत अमान
मैं प्राण सरीखा,दिखता हूँ
तुम तो हेमा की कापी हो ,
मैं प्रेम चोपड़ा ,लगता हूँ !
दोनों पहिये बेमेल मिले ,
जीवन गाडी है खडी प्रिये !
मैं हूँ कैसा नादान प्रिये , कैसे समझाऊँ प्यार प्रिये !!
मैं एक गाँव का हूँ , गंवार ,
तुप छैल छबीली दिल्ली की
मैं राम राम और पाँव छुऊँ
तुम हाय हाय ओंर हेल्लो की ,
जीवन गाडी के दो पहिये ,
दोनों कैसे बेमेल मिले !
मैं हूँ कैसा नादान प्रिये कैसे समझाऊँ प्यार प्रिये !
तुम हो गन्ने की रस जैसी
मैं कोल्हू जैसा दीखता हूँ
तेरा चेहरा, गुलाब जैसा
मैं भोंदू जैसा दिखता हूँ
तुम नॉएडा में इंदिरा गाँधी
मैं राज नारायण लगता हूँ !
मैं हूँ कैसा नादान प्रिये ,कैसे समझाऊँ प्यार प्रिये !!
Bahut hi badhiya.....:)
ReplyDeleteNice
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